उत्तर प्रदेश

गाय से होगा देश का कल्याण, कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया यह सुझाव

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव (Court On Cow) दिया है। हाई कोर्ट ने यह सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार प्रस्ताव पर विचार कर संसद में नया कानून लाने पर विचार करे।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव (Court On Cow) दिया है। हाई कोर्ट ने यह सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार प्रस्ताव पर विचार कर संसद में नया कानून लाने पर विचार करे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को जावेद नाम के आरोपी जिसपर उत्तर प्रदेश में गौहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज है को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा।

देश में बने सख्त कानून- इलाहाबाद हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने कहा कि गाय भारत की संस्कृति का हिस्सा और पार्सल है और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित (Court On Cow) किया जाना चाहिए। एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा कि सरकार को संविधान के भाग III के तहत गाय को मौलिक अधिकारों के दायरे में लाने के लिए संसद में एक विधेयक लाना चाहिए और गायों को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों को दंडित करने के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 3 लाख देगी केरल सरकार, सीएम Pinarayi ने की यह घोषणा

प्रत्येक नागरिक का है यह कार्य- इलाहाबाद हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने आगे कहा, “गोरक्षा का कार्य केवल एक धार्मिक संप्रदाय का नहीं है, बल्कि गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का कार्य देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक का है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।”

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए- इलाहाबाद हाई कोर्ट

न्यायाधीश ने कहा कि (Court On Cow) गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाएं। याचिकाकर्ता को जमानत देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि भारत पूरी दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जहां विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, जो अलग-अलग पूजा कर सकते हैं लेकिन देश के लिए उनकी सोच समान है।

मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे तालिबानी हैं- यतींद्रानंद गिरि के इस बयान से माहौल हुआ गर्म

“ऐसे में जब हर कोई भारत को एकजुट करने और उसकी आस्था का समर्थन करने के लिए एक कदम आगे बढ़ता है, तो कुछ लोग जिनकी आस्था और विश्वास देश के हित में बिल्कुल भी नहीं है, वे देश में इस तरह की बात करके ही देश को कमजोर करते हैं। उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए आवेदक के खिलाफ प्रथम दृष्टया अपराध साबित होता है।’ कोर्ट ने जावेद को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि अगर जमानत दी जाती है, तो यह बड़े पैमाने पर समाज के सद्भाव को ‘परेशान’ कर सकता है।

ICC Men’s Test Rankings रूट ने मारी बाजी, रोहित और विराट को मिली यह रैंकिग

कोर्ट ने जावेद का जमानत आवेदन किया खारिज-

“आवेदक का यह पहला अपराध नहीं है, इससे पहले भी उसने गोहत्या की है, जिससे समाज का सौहार्द बिगड़ गया है और जमानत पर रिहा होने पर वह फिर से वही काम करेगा जिससे समाज में सौहार्द बिगड़ेगा। उपरोक्त आवेदकों का यह जमानत आवेदन निराधार है और खारिज किए जाने योग्य है। तदनुसार, उपरोक्त जमानत आवेदन खारिज किए जाते हैं।”

कोर्ट ने बताया कैसे लोग बन जाते हैं गौ भक्षक-

कोर्ट ने राज्य भर में गौ शालाओं के कामकाज पर भी ढिलाई बरतते हुए कहा कि यह देखकर बहुत दुख होता है कि जो लोग गोरक्षा और पदोन्नति की बात करते हैं, वे गौ भक्षक बन जाते हैं।

सिर फोड़ने का आदेश देने वाले SDM के खिलाफ हुआ एक्शन, हाथ से गई ‘कुर्सी’, इस विभाग में हुआ तबादला

निजी गौशालाओं को लेकर कोर्ट ने कही यह बात-

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आगे कहा,”सरकार गौ शालाओं का निर्माण भी करवाती है, लेकिन जिन लोगों को गाय की देखभाल करनी होती है, वे गायों की देखभाल नहीं करते हैं। इसी तरह, निजी गौशालाएं भी आज एक दिखावा बन गई हैं जिसमें लोग चंदा लेते हैं। जनता और सरकार से गाय के प्रचार के नाम पर मदद करें, लेकिन इसे अपने हित के लिए खर्च करें और गाय की परवाह न करें।”

Janta Connect

Subscribe Us To Get News Updates!

We’ll never send you spam or share your email address.
Find out more in our Privacy Policy.

और पढ़े
Back to top button