WAVES 2025 में एक्टर अक्षय कुमार ने होस्ट किया सत्र, कई दिग्गज शामिल
अक्षय कुमार ने WAVES 2025 में ‘लीजेंड्स एंड लेगेसीज’ सत्र की मेजबानी की, जिसमें हेमा मालिनी, मोहनलाल और चिरंजीवी ने अपने अनुभव साझा किए। चिरंजीवी ने अभिनय की प्रेरणा और संघर्षों की बात की।

गुरुवार को मुंबई में WAVES 2025 की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मुंबई में आयोजित WAVES 2025 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसमें भारत की रचनात्मक क्षमता का उत्सव मनाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को मीडिया, मनोरंजन और डिजिटल नवाचार के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
लीजेंड्स एंड लेगेसीज सत्र में अक्षय कुमार ने पूछे सवाल
शिखर सम्मेलन के पहले दिन, अभिनेता अक्षय कुमार ने ‘लीजेंड्स एंड लेगेसीज: स्टोरीज़ दैट शेप्ड इंडियाज सोल’ नामक एक पूर्ण सत्र की मेजबानी की। इस सत्र में हेमा मालिनी, मोहनलाल और चिरंजीवी जैसे प्रतिष्ठित अभिनेता शामिल हुए, जिन्होंने अपने अनुभव, जीवन यात्राएं, प्रेरणाएं और भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के बारे में बातचीत की।
WAVES 2025 को लेकर हेमा मालिनी ने कहीं ये बात
भारत के मनोरंजन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में शिखर सम्मेलन की सराहना करते हुए हेमा मालिनी ने कहा कि वेव्स शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दृष्टिकोण को साकार करता है, जिसके माध्यम से पूरे देश में दर्शकों से जुड़ा जा सकता है।
मलयालम सिनेमा भारतीय सिनेमा की बौद्धिक आत्मा – अक्षय कुमार
अक्षय कुमार ने मलयालम सिनेमा को भारतीय सिनेमा की “बौद्धिक आत्मा” कहा और मोहनलाल से पूछा कि बौद्धिक सिनेमा और मास सिनेमा एक साथ क्यों नहीं चल सकते? इसके जवाब में मोहनलाल ने कहा कि आर्टहाउस और कमर्शियल सक्सेस के बीच एक पतली रेखा होती है, लेकिन वे एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं। मलयालम इंडस्ट्री हमेशा से ऐसी ही रही है—हमारी आर्ट फिल्मों में भी एंटरटेनमेंट होता है और एंटरटेनर फिल्मों में भी कला। मुझे बेहतरीन निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला है, हालांकि आजकल के कई नए निर्देशक केवल आर्ट फिल्में बना रहे हैं।
WAVES SUBMIT 2025: मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में ग्लोबल लीडरशिप के लिए तैयार है भारत
अभिनेता चिरंजीवी को मिथुन दा से मिली ये प्रेरणा
वहीं, अभिनेता चिरंजीवी ने अपने अभिनय के अनुभवों के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि, उन्हें मिथुन चक्रवर्ती से बिना मेकअप अभिनय करने की प्रेरणा मिली। वर्ष 1977 में जब वे फिल्म इंस्टीट्यूट के छात्र थे, उन्होंने मिथुन दा का वह अभिनय देखा, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। तभी उन्होंने तय किया कि वे बिना मेकअप, आम लड़के की तरह दिखेंगे। फिल्म ‘शोले’ से उन्होंने सीखा कि स्टंट खुद करने चाहिए। अमिताभ बच्चन से उन्हें गहरी प्रेरणा मिली और डांस के लिए उन्होंने अपने सीनियर कमल हासन को फॉलो किया।
वो प्रधानमंत्री जिसके ऑफिस से हो रही थी जासूसी, भारत से बेचे जा रहे थे खुफिया कागज