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  • दिल्ली ब्लास्ट: CM रेखा गुप्ता ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवज़े की घोषणा की

    दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लाल किले के पास हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “दिल्ली में हुई इस घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। इस मुश्किल घड़ी में दिल्ली सरकार उन परिवारों के साथ खड़ी है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है या घायल हुए हैं।”

    सीएम गुप्ता ने राहत पैकेज की घोषणा करते हुए बताया कि मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख, स्थायी रूप से अक्षम लोगों को ₹5 लाख और गंभीर रूप से घायलों को ₹2 लाख की सहायता दी जाएगी। साथ ही, घायलों के समुचित और गुणवत्तापूर्ण इलाज की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार लेगी।

    दिल्ली के लाल किले के पास कार में भीषण धमाका: 10 से अधिक लोगों की मौत, 20 से ज्यादा घायल

    उन्होंने कहा कि दिल्ली की शांति और सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है और सभी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।

    दिल्ली: लाल किले के पास मेट्रो स्टेशन के पास कार में भीषण विस्फोट, 8 की मौत

  • लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर वार: सच कहने की कीमत बनी पत्रकारों की जान

    लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को आज अपने काम के दौरान गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है। यह एक कड़वी सच्चाई है जिसने हाल ही में हुई कुछ दुखद घटनाओं के कारण देशव्यापी चिंता पैदा कर दी है। सत्य को उजागर करने का साहस रखने वाले पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर केंद्र में आ गया है। हाल ही में पांच पत्रकारों की मौत की घटनाओं ने देश में उनके लिए काम करने के माहौल और सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

    हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इन त्रासदियों को विस्तार से सामने रखा गया है। विभिन्न राज्यों से आने वाले, और अलग-अलग तरह की पत्रकारिता करने वाले इन पत्रकारों की कहानियों का अंत दुखद रहा है। ये घटनाएं दिखाती हैं कि चाहे आप किसी बड़े मीडिया हाउस से जुड़े हों या छोटे डिजिटल पोर्टल या फ्रीलांसर हों, खतरों से कोई अछूता नहीं है।

    बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट ने उन पांच पत्रकारों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनकी मौत ने पत्रकारिता जगत को झकझोर दिया है। उनकी कहानियाँ न केवल व्यक्तिगत क्षति हैं, बल्कि पूरे भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी भी हैं।

    पांच पत्रकार और उनकी अधूरी दास्तानें

    1. मुकेश चंद्राकर

    33 वर्षीय फ्रीलांस पत्रकार मुकेश चंद्राकर जनवरी 2025 में छत्तीसगढ़ से लापता हो गए थे। दो दिन बाद, उनका शव एक सेप्टिक टैंक में पाया गया। जांच में पता चला कि यह टैंक उसी ठेकेदार से संबंधित था, जिसके भ्रष्टाचार को लेकर मुकेश ने खबरें प्रकाशित की थीं। यह मामला स्पष्ट रूप से पत्रकारिता और उसकी ईमानदारी पर किए गए हमले को दर्शाता है। यह दिखाता है कि जब पत्रकार भ्रष्ट तत्वों को बेनकाब करते हैं, तो उन्हें किस हद तक कीमत चुकानी पड़ सकती है।

    2. राघवेंद्र बाजपेयी

    उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 8 मार्च 2025 को राघवेंद्र बाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस का कहना था कि राघवेंद्र की हत्या तब की गई जब उन्होंने कथित तौर पर एक नाबालिग का यौन शोषण होते देखा था। यदि यह बात सच है, तो यह दर्शाता है कि पत्रकार न केवल अपनी रिपोर्टिंग के कारण, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में किसी अपराध को रोकने या उजागर करने के प्रयास में भी अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

    3. धर्मेंद्र सिंह चौहान
    Haryana Journalist dharmendra singh chauhan

    आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार धर्मेंद्र सिंह चौहान की हत्या 18 मई को हरियाणा के झज्जर में उनके घर के पास सिर में गोली मारकर की गई थी। आरटीआई कार्यकर्ता होने के नाते, धर्मेंद्र का काम अक्सर सत्ता और व्यवस्था में व्याप्त खामियों को सामने लाना रहा होगा। उनकी हत्या इस बात का प्रमाण है कि सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करने वाले और खोजी पत्रकारिता करने वाले लोग किस तरह अपराधियों और शक्तिशाली लोगों के निशाने पर रहते हैं।

    4. राजीव प्रताप

    इस साल सितंबर महीने में 36 वर्षीय यू-ट्यूब पत्रकार राजीव प्रताप नौ दिनों तक लापता रहने के बाद एक डैम में मृत पाए गए थे। उनके परिवार ने उनकी हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन एसआईटी (विशेष जांच दल) ने इसे एक सड़क दुर्घटना बताकर मामला बंद करने का प्रयास किया। यह घटना एक और गंभीर पहलू को उजागर करती है: पत्रकारों की मौत के मामलों में अक्सर जांच की पारदर्शिता और निष्कर्षों पर सवाल उठते हैं, जिससे न्याय मिलने की उम्मीद कम हो जाती है और अपराधियों का हौसला बढ़ता है।

    5. सी.एच. नरेश कुमार

    डिजिटल पोर्टल ‘टाइम्स ओडिशा’ के पत्रकार नरेश कुमार पर ओडिशा के मलकानगिरी में जुलाई महीने में अज्ञात लोगों ने धारदार हथियारों से हमला किया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। यह मामला दिखाता है कि पत्रकारों को सीधे, नृशंस और शारीरिक हमलों का भी सामना करना पड़ रहा है, और यह खतरा छोटे कस्बों और डिजिटल मीडिया तक भी फैल चुका है।

    सुरक्षा पर गहराती चिंताएं और ‘दंड मुक्ति’ का सवाल

    इन सभी घटनाओं में एक बात समान है: पत्रकारिता का काम ही पत्रकारों के लिए जानलेवा साबित हुआ। वे भ्रष्टाचार, सामाजिक बुराइयों, अपराध और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करने का प्रयास कर रहे थे।

    ये पांचों मामले केवल व्यक्तिगत त्रासदियां नहीं हैं, बल्कि पूरे भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी हैं। जब पत्रकार सुरक्षित नहीं होंगे, तो वे खुलकर और निडर होकर अपना काम नहीं कर पाएंगे। इसका सीधा असर नागरिकों तक पहुंचने वाली जानकारी की गुणवत्ता पर पड़ेगा। डर का माहौल सच को दबाएगा, जिससे एक स्वस्थ और जागरूक समाज का निर्माण बाधित होगा।

    यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है। दुनिया भर में पत्रकारों को धमकियों, हमलों और हत्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने साल 2014 में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके तहत 2 नवंबर को ‘पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए दंड मुक्ति समाप्त करने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ (International Day to End Impunity for Crimes against Journalists) के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। यह निर्णय 2 नवंबर 2013 को माली में मारे गए दो फ्रांसीसी पत्रकारों की याद में लिया गया था।

    ‘दंड मुक्ति’ का अर्थ है कि पत्रकारों पर हमला करने वाले अपराधी बिना किसी सजा के छूट जाते हैं, जिससे उनका अपराध करने का साहस बढ़ता है। भारत जैसे बड़े लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है कि वह संयुक्त राष्ट्र के इस आह्वान पर ध्यान दे और यह सुनिश्चित करे कि पत्रकारों पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून के शिकंजे से बचने न दिया जाए।

    क्या है आगे की राह

    भारत को एक ऐसे माहौल की सख्त जरूरत है, जहां पत्रकार बिना किसी डर के काम कर सकें। इसके लिए सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून बनाने और उनका कड़ाई से पालन करने की जरूरत है। पत्रकारों की हत्या के मामलों की जांच त्वरित, पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए, ताकि अपराधियों को यह संदेश मिले कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

    लोकतंत्र की जीवंतता के लिए स्वतंत्र और निडर पत्रकारिता अपरिहार्य है। यदि पत्रकार सत्य की मशाल जलाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते रहेंगे और उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तो देश में सत्य की आवाज हमेशा के लिए दब जाएगी।

  • स्पेशल ट्रेनें त्योहारों के लिए, वोटिंग के लिए नहीं: रेल मंत्रालय

    रेल मंत्रालय ने तेजस्वी यादव के उस बयान का खंडन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि रेल मंत्रालय द्वारा विशेष ट्रेन उपलब्ध करवा कर बिहार के प्रवासी श्रमिकों को बिहार में भाजपा के पक्ष में वोट डालने के लिए भेजा जा रहा है और वापसी का टिकट भी करवा दिया गया है। रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर तेजस्वी यादव के इस बयान को भ्रामक बताते हुए लिखा कि यह दावा भ्रामक है। भारतीय रेलवे द्वारा त्योहारों के दौरान यात्रियों की सुविधा हेतु स्पेशल ट्रेनें संचालित की गई हैं, ताकि देशभर में यात्रियों को सहज और सुरक्षित यात्रा हेतु सुविधा मिल सके।

  • खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने नकली डेयरी उत्पादों की बड़ी खेप की जब्त

    भारत में त्योहारों के साथ मिठाइयां और तरह तरह के पकवान बाज़ारों में काफी प्रचिलत है। ऐसे में बाज़ारों में नकली खोवा, नकली पनीर, मावा जैसे उत्पादों की सप्लाई बाज़ारो में बढ़ जाती है। ऐसा ही एक मामला धनबाद में देखने को मिला है जहां बड़ी मात्रा में नकली पनीर और खोवा पकड़ा हैं, जिन्हे ट्रक, टेम्पो और बस में छुपाकर सप्लाई किया जा रहा था। आपको बता दें, धनबाद में खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली पनीर, खोवा, लड्डू और पेड़ा की भारी खेप जब्त की है। ये सभी सामग्री बिहार से बुंदेला बस के जरिए धनबाद लाई गई थी, जिसे स्थानीय बाजार में खपाने की योजना थी।

    खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी राजा कुमार ने बताया कि विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि श्रमिक चौक स्थित पूजा टॉकीज के पास भारी मात्रा में नकली डेयरी उत्पादों की एक खेप पहुंचने वाली है। सूचना मिलते ही विभाग की टीम मौके पर पहुंची और त्वरित कार्रवाई करते हुए माल को जब्त कर लिया। जब्त सामग्री में 780 किलो नकली पनीर, 60 किलो खोवा, 25 किलो लड्डू और 25 किलो पेड़ा शामिल हैं।

    कैमिकल टेस्ट में यह पुष्टि हुई कि पनीर में खतरनाक रसायनों की मिलावट की गई थी। जांच के दौरान केमिकल डालते ही पनीर कोयले की तरह काला पड़ गया, जिससे इसकी मिलावट का खुलासा हुआ। राजा कुमार ने बताया कि यह अब तक धनबाद जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग की सबसे बड़ी जब्ती है। उन्होंने कहा कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  बाइट- राजा कुमार, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी

  • WAVES SUBMIT 2025: मुंबई अपने पहले WAVES शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर (Jio World Convention Centre) में WAVES 2025 यानी विश्व ऑडियो-विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन 1 से 4 मई तक आयोजित होगा और इसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस चार दिवसीय आयोजन का उद्देश्य भारत को मीडिया, मनोरंजन और डिजिटल नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इसका मुख्य विषय है: “क्रिएटर्स और देशों को साथ में जोड़ना”।

    WAVES 2025 में फिल्म, ओटीटी, गेमिंग, कॉमिक्स, डिजिटल मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रसारण और उभरती तकनीकों को एक मंच पर लाया जाएगा। इसमें 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और मीडिया उद्योग से जुड़ी प्रमुख हस्तियां हिस्सा लेंगी।

    सम्मेलन की शुरुआत एक हाई-प्रोफाइल पैनल चर्चा “लीजेंड्स एंड लेगेसीज: द स्टोरीज दैट शेप्ड इंडियाज सोल” से होगी, जिसमें अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी सहित कई प्रतिष्ठित कलाकार शामिल होंगे। इस सत्र का संचालन अभिनेता अक्षय कुमार करेंगे।

    इस आयोजन का एक विशेष आकर्षण “वाह उस्ताद” नामक नई पहल है, जिसे भारतीय शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से ‘क्रिएट इन इंडिया चैलेंज’ के तहत मार्च 2025 में लॉन्च किया गया था। यह पहल उभरती संगीत प्रतिभाओं की खोज और उन्हें राष्ट्रीय मंच देने का एक सांस्कृतिक अभियान है। देशभर से हुए ऑडिशनों और प्रतियोगिताओं के बाद चुने गए शीर्ष 6 फाइनलिस्ट WAVES के सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति देंगे। मिस्र की कलाकार करीमन इब्राहिम भी देशभक्ति गीतों की एक विशेष पेशकश करेंगी।

    संगीत और संस्कृति को समर्पित WAVES 2025 में एम.एम. कीरवानी के नेतृत्व में भव्य ऑर्केस्ट्रा प्रस्तुत किया जाएगा, वहीं श्रेया घोषाल और शंकर महादेवन ‘Waves of India’ एल्बम का शुभारंभ करेंगे। शरद केलकर के निर्देशन में ‘संकल्प: द रिजॉल्व’ जैसी प्रस्तुतियां और प्रसून जोशी व पेपॉन जैसे कलाकारों की सूफी, ग़ज़ल और लोक रचनाएं भी देखने को मिलेंगी।

    प्रसार भारती ने ‘WAVES’ ओटीटी प्लेटफॉर्म किया लॉन्च

    मार्शल आर्ट्स में केरल का कलारीपयट्टू और महाराष्ट्र का दंडपट्टा, साथ ही श्रीलंका का वेस डांस, मिस्र का अल-तनौरा, मलेशिया का जैपिन और मेक्सिको की धुनों जैसे अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक प्रदर्शन भारत की विविधता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेंगे। इस आयोजन में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ बॉलीवुड गायक किंग और डीजे एलन वॉकर जैसे कलाकार भी भाग लेंगे।

    क्रिएट इन इंडिया चैलेंज- सीजन 1 ने विश्व ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) से पहले गति पकड़ी

  • Delhi Election 2025: पीएम मोदी की द्वारका में दूसरी रैली, जनता को करेंगे संबोधित

    वरिष्ठ के भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान आज दोपहर द्वारका में एक रैली को संबोधित करेंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में जनसभाएं करेंगे।

  • Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान तेज

    दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार तेजी पकड़ रहा है। पांच फरवरी के मतदान का दिन जैसे-जैसे निकट आ रहा है सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता प्रचार में जी-जान से जुट गए हैं। भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के प्रमुख नेता रैलियों और रोड-शो से लेकर घर-घर जाकर भी प्रचार कर रहे हैं।

  • Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोरों पर

    दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नाम वापस लेने का आज अंतिम दिन था। सत्‍तर सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। सभी दलों के उम्मीदवार और स्टार प्रचारक शहर में रोड-शो, रैलियां, जनसभाएं और घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज अपने उम्मीदवारों के पक्ष में विश्वास नगर और कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां कीं। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी अपने विधानसभा क्षेत्र कालकाजी में घर-घर जाकर प्रचार किया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने चुनाव प्रचार को गति देने के लिए आज अपने सभी पार्टी उम्मीदवारों के साथ संगठनात्मक बैठक की। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आज ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में पार्टी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। कालकाजी से कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में घर-घर जाकर प्रचार किया। मादीपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार जे.पी. पंवार ने भी जनसभाएं कीं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान अगले महीने की 5 तारीख को होगा और मतगणना 8 फरवरी को होगी।

  • Delhi Election 2025: नामांकन वापसी का आज अंतिम दिन, चुनावी मैदान में 719 उम्मीदवार

    दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापसी का आज अंतिम दिन है। 70 सीटों की विधानसभा के लिए 719 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सबसे अधिक 23 उम्‍मीदवार नई दिल्‍ली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से, जबकि सबसे कम 5 उम्‍मीदवार पटेल नगर और कस्‍तूरबा नगर सीटों से हैं। मुख्‍य चुनाव अधिकारी के अनुसार 1 हजार 522 नामांकन पत्रों में से 477 रद्द कर दिए गए हैं। दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के लिए अगले महीने की 5 तारीख को मतदान होगा। वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी।

  • Delhi Election: राष्ट्रीय राजधानी की 70 सीटों पर 719 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे

    दिल्‍ली विधानसभा चुनावों में कल नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए 719 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में हैं। नई दिल्‍ली विधानसभा क्षेत्र से सर्वाधिक 23 उम्‍मीदवारों ने नामांकन भरा है। कस्‍तूरबा नगर और पटेल नगर में सबसे कम पांच-पांच उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं। मुख्‍य चुनाव अधिकारी के अनुसार कुल एक हजार 522 नामांकन पत्रों में से 477 नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए हैं। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान अगले महीने की पांच तारीख को होगा और मतगणना आठ फरवरी को होगी।

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