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Dhurandhar Movie Review: एक्शन, जासूसी और रणवीर–अक्षय की टक्कर से भरपूर हाई-ऑक्टेन थ्रिलर

आदित्य धर, जिन्होंने 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' जैसी बेहतरीन फ़िल्म दी थी, इस बार 'धुरंधर' (Dhurandhar) के साथ एक और हाई-ऑक्टेन, देशभक्ति से भरी जासूसी थ्रिलर लेकर आए हैं। फ़िल्म की कहानी RAW एजेंट हमज़ा (रणवीर सिंह) के इर्द-गिर्द घूमती है। भारत पर हुए कई बड़े आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान के लियारी अंडरवर्ल्ड और आईएसआई के खतरनाक गठजोड़ का हाथ है।

रणवीर सिंह (Ranveer Singh) अभिनीत और आदित्य धर (Aditya Dhar) निर्देशित फिल्म ‘धुरंधर’ (Dhurandhar) हाल ही में रिलीज़ हो चुकी है। यह एक्शन-स्पाई थ्रिलर फिल्म है जो दर्शकों के बीच ज़बरदस्त चर्चा में है। इसमें आपको रणवीर सिंह का अबतक का सबसे दमदार अवतार देखने को मिलेगा जिसमें एक्शन, ड्रामा और देशभक्ति का धुंआधार कॉकटेल शामिल हैं। फिल्म में रणवीर सिंह, अक्षय खन्ना, संजय दत्त, अर्जुन रामपाल, आर. माधवन, सारा अर्जुन जैसे मुख्य कलाकार देखने को मिलेंगे।

आतंक के गढ़ में एक Dhurandhar मिशन

आदित्य धर, जिन्होंने ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी बेहतरीन फ़िल्म दी थी, इस बार ‘धुरंधर’ (Dhurandhar) के साथ एक और हाई-ऑक्टेन, देशभक्ति से भरी जासूसी थ्रिलर लेकर आए हैं। फ़िल्म की कहानी RAW एजेंट हमज़ा (रणवीर सिंह) के इर्द-गिर्द घूमती है। भारत पर हुए कई बड़े आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान के लियारी अंडरवर्ल्ड और आईएसआई के खतरनाक गठजोड़ का हाथ है।

हमज़ा, एक ख़तरनाक और बेहद क्रूर मिशन पर पाकिस्तान के लियारी में रहमान डकैत (अक्षय खन्ना) के गैंग में घुसपैठ करता है। उसका मिशन सिर्फ सूचनाएं इक्कठा करना नहीं, बल्कि इस पूरे आतंकी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंकना है।

यह कहानी सिर्फ एक्शन नहीं, बल्कि प्रतिशोध, राजनीति, और एक ऐसे जासूस की मनोवैज्ञानिक गहराई को दर्शाती है जो अपने मिशन के लिए अपनी पहचान और इंसानियत तक को दांव पर लगा देता है।

Dhurandhar फ़िल्म का रनटाइम लंबा है (लगभग 3 घंटे 32 मिनट), लेकिन आदित्य धर ने अपनी बेहतरीन लेखन और निर्देशन से इसे एक पल के लिए भी धीमा नहीं पड़ने दिया है

Dhurandhar: रणवीर का ‘हमज़ा’ और अक्षय खन्ना की खौफनाक छाया

‘धुरंधर’ पूरी तरह से रणवीर सिंह के करियर की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस में से एक मानी जा सकती है। हमेशा अपनी एनर्जी और चुलबुले अंदाज़ के लिए पहचाने जाने वाले रणवीर ने ‘हमज़ा’ के रूप में अपनी ऊर्जा पर लगाम लगाई है और एक गंभीर और अंदरूनी गुस्से से भरा किरदार निभाया है। संवाद कम होने के बावजूद, उनकी आंखें और उनका रॉ एक्शन दमदार है।

हालांकि, इस फ़िल्म (Dhurandhar) की लाइमलाइट चुराने का काम किया है अक्षय खन्ना ने। ‘रहमान डकैत’ के रूप में उनका किरदार सिर्फ नेगेटिव नहीं, बल्कि खौफनाक है। उनकी शांत, भेदी नज़र और अभिनय की बारीकियां उन्हें पर्दे पर एक खतरनाक और यादगार विलेन बनाती हैं। कई समीक्षकों का मानना है कि नेगेटिव रोल के लिए उन्हें अवॉर्ड मिलना चाहिए।

संजय दत्त, आर. माधवन और अर्जुन रामपाल जैसे दिग्गज कलाकारों ने भी अपने छोटे लेकिन महत्वपूर्ण किरदारों में जान डाल दी है। खासकर आर. माधवन की मौजूदगी सशक्त है, और सारा अर्जुन के साथ रणवीर की केमिस्ट्री कहानी को इमोशनल एंगल देती है।

तकनीकी और एक्शन: विज़ुअल ट्रीट

फ़िल्म का एक्शन सीक्वेंस इसकी सबसे बड़ी ताकत है। यह रॉ है, क्रूर है, और ज़मीन से जुड़ा हुआ महसूस होता है। एक्शन को जिस टाइट तरीके से फ़िल्माया गया है, वह हॉलीवुड की फिल्मों की याद दिलाता है।

  • सिनेमैटोग्राफी (विकाश नौलखा): सिनेमैटोग्राफी शानदार है, जो लियारी और अफगान बॉर्डर के माहौल को यथार्थ के साथ चित्रित करती है।
  • बैकग्राउंड म्यूज़िक (BGM): BGM इंटेंस ड्रामे को और बढ़ाता है। इंटेंस एक्शन सीन में पुराने क्लासिक फिल्मी गानों का इस्तेमाल एक नया प्रयोग है, जो कहीं-कहीं असरदार लगता है।
  • डायलॉग्स: फ़िल्म के डायलॉग्स दमदार और पंच से भरे हैं, जो कहानी की तीव्रता को बनाए रखते हैं।

Dhurandhar में क्या है कमी?

फ़िल्म की मुख्य कमी इसका लंबा रनटाइम (3 घंटे 32 मिनट) हो सकता है। कुछ दृश्यों में एडिटिंग को और चुस्त किया जा सकता था, खासकर सेकंड हाफ में, जहां कहानी थोड़ी खिंची हुई महसूस होती है। इसके अलावा, रणवीर सिंह का किरदार एक बिंदु के बाद थोड़ा मोनोटोनस लगने लगता है, खासकर अक्षय खन्ना के करिश्माई प्रदर्शन के सामने।

पैसा वसूल या नहीं?

‘धुरंधर’ (Dhurandhar) एक पूरा पैकेज है – जिसमें इंटेलिजेंट कहानी, ज़बरदस्त एक्शन, भावनात्मक गहराई और बेहतरीन परफॉर्मेंस का मिश्रण है। आदित्य धर ने एक ऐसी जासूसी थ्रिलर बनाई है जो दर्शकों को लगातार बांधे रखती है। यह फ़िल्म सिर्फ एक देशभक्ति ड्रामा नहीं है, बल्कि एक धांसू और इंटेलिजेंट सिनेमाई अनुभव है।

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अगर आप हाई-वोल्टेज एक्शन, इंटेलिजेंट थ्रिलर और रणवीर सिंह के एक नए अवतार को देखना चाहते हैं, तो ‘धुरंधर’ सिनेमाघरों में जाकर देखने लायक है। यह एक ऐसी फ़िल्म है जिसे बड़े पर्दे पर देखना ही सबसे सही है।

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नोट: फ़िल्म क्लाइमेक्स के बाद एक ऐसे मोड़ पर ख़त्म होती है, जहाँ ‘धुरंधर’ के पार्ट 2 का स्पष्ट संकेत मिलता है। इसलिए, क्रेडिट्स खत्म होने तक थिएटर में बैठे रहें!

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