दिल्ली की शादियों में बिना मास्क पहने नाचते दिखे बाराती
राजधानी दिल्ली में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दिल्ली में रोजाना कोरोना के केस तीन हजार के पार दर्ज किए जा रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल भी लोगों से मास्क लगाने और 6 फीट की दूरी रखने की अपील कई बार कर चुक हैं। दिल्ली में मास्क ना पहनने वालों पर 2000 रुपये का भारी जुर्माना भी है। बावजूद इसके दिल्ली की शादियों (Weddings In Delhi) में बराती बिना मास्क लगाए देखे जा रहे हैं।
दिल्ली की शादियों में शामिल हो रहे 50 से ज्यादा लोग-
प्रतिवर्ष देश में सर्दियों के आगमन के साथ ही शादियों का मौसम भी शुरु हो जाता है। दिल्ली में होने वाली शादियों (Weddings In Delhi) के चर्चे पूरे देश में फैले हुए हैं। किंतु 2020 में कोविड-19 के चलते प्रदेश सरकार ने शादियों पर कई रोकें लगाई हैं। प्रदेश में हो रही शादियों में सिर्फ 50 लोगों को ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शादियों में मौजूद होने की अनुमति दी गई है। इसके बावजूद आपको शादियों 50 से ज्यादा लोग मिल ही जाएंगे।
बिना मास्क दिल्ली की सड़कों पर नाचते बाराती-
दिल्ली की शादियों में दुल्हा अकसर घोड़ी पर सवार होकर शादी के मंडप तक जाता है। उसके साथ चल रहे बाराती सड़कों पर नागिन डान्स कर रहे होते हैं। कोरोना संकट में मास्क लगाना जरुरी है। मास्क लगाने से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। लेकिन बाराती हैं कि मास्क को जेब में रखकर भीड़ में ढुमके लगा रहे हैं। बजते ढोल बाजों के सामने पीएम से लेकर सीएम तक का मास्क पहनने वाला आग्रह भाला किसे ही याद है।
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बरातियों का मास्क ना पहनने वाला कुतर्क-
कुछ बाराती ऐसे भी थे, जो भीड़ से अलग खड़े थे। ये बाराती नाच नहीं रहे थे लेकिन मास्क इन लोगों का भी जेब में था। इन लोगों से जब मास्क ना पहनने का कारण पूछा गया तो सब लोगों ने मास्क अपने-अपने लगाते हुए कई कुतर्क दिए। जैसेकि ‘हम सब एक ही परिवार के हैं तो कोरोना कैसे फैलेगा’, ‘मास्क लगाने से सांस फूलती है’ ‘मास्क लगा लेंगे तो बारात में मुंह नहीं दिखेगा’ ‘मास्क लगा के नाचने से मास्क में पसीना घूस जाएगा’ आदि।
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बारातियों पर प्रशासन सुस्त-
प्रदेश सरकार के नियमों को जमीनी स्तर पर लागू करवाने का काम प्रशासन का है। दिल्ली का प्रशासन कोरोना काल में भी सुस्त नजर आ रहा है। अगर ऐसे ही प्रशासन सुस्त रहा तो लोग कोरोना में सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते रहेंगे।
नोट- यह लेख दिल्ली के बिनोवापुरी इलाके में सकड़ से गुजर रही एक बारात को देख कर लिखा गया है। इस दौरान रिपोर्टर ने वहां मौजूद कुछ बारातियों से बात भी की।