विचार

कोरोना वायरस, लॉकडाउन और भारत, एक नज़र में…

30 जनवरी 2020 जब भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला भारत के केरल राज्य में दर्ज किया गया था। हालांकि, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि यह खतरनाक वायरस देश के कितना गहरा प्रभाव डालने वाला है।

साल 2020 दुनिया भर के देशों के साथ भारत के लिए भी कुछ खास नहीं रहा। भारत के लोगों ने कई सेक्टर्स में अपनी नौकरियां गवाई। खासकर प्रवासी मजदूरों पर, जिनका भोजन पानी ही रोजाना कि आय पर चलता है। यही नहीं देश में पहली बार ऐसा हुआ जब भारतीय रेल को भी अपने ऊपर विराम लगाना पड़ा। दुनिया भर में खेलों पर पाबन्दी लगानी पड़ी और भारत के साथ पूरी दुनिया को थमना पड़ा और इन सबका कारण सिर्फ एक वायरस है। ऐसे में आपको अब पता लग ही गया होगा कि हम किसकी और किस कारण की बात कर रहे हैं! आपने बिल्कुल सही अंदाजा लगाया है। भारत और उसके लोगों पर विराम लगाने वाले एक अनजान कोरोना वायरस ने देश पर पूरी तरह से एक गहरा प्रभाव डाला है। देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा संकट देखने को मिला है। हालांकि, भारत और उसकी सरकार ने इन सभी मुसीबतों का सामना कर देश को वापस विकास की पटरी पर लाने का काम किया है। लेकिन अभी भारत को बहुत कुछ हासिल करना है और सीखना है। दूसरी ओर, कुछ सकारात्मक प्रभाव भी हमें देखने को मिली जो शायद ही आज के दौर में देखने को मिलता।

क्या आपने सोचा था कि ऐसा होगा?
30 जनवरी 2020 जब भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला भारत के केरल राज्य में दर्ज किया गया था। हालांकि, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि यह खतरनाक वायरस देश के कितना गहरा प्रभाव डालने वाला है। किसी को उम्मीद नहीं थी कि इस वायरस की वजह से देश के प्रवासी मजदूरों को हाईवे पर पैदल चलकर अपने घर का रास्ता तय करना होगा। किसी को अनुमान नहीं था कि लाखों लोगों को इस वायरस से अपनी जान गवानी पड़ेगी। लेकिन अब यह सब हो गया है और बीत चुका है। भारत ने इन सब परिस्थितयों आगे बढ़ एक नया भारत, एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया है।

मजदूरों पर पड़ी दोहरी मार-
नॉवेल कोरोना वायरस की वजह से भारत के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। खासकर प्रवासी मजदूरों को इसका काफी नुकसान हुआ। कोरोना वायरस की वजह से देश में मार्च से लेकर अप्रैल-जून 2020 तक कई चरणों मे संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया। जिसके चलते कई लोगों ने अपनी नौकरियां गवाई। वहीं, दैनिक आधार पर कमाने वाले प्रवासी मजदूरों पर इसका काफी गहरा प्रभाव उठाना पड़ा। इन मजदूरों के पास से नौकरी चली गई और इनके पास आय का कोई साधन नहीं बचा। मजबूरन इन्हें अपने घर पैदल है जाना पड़ा क्योंकि लॉकडाउन के दौरान सभी यात्रा सेवाएं भी पूरी तरह से बंद पड़ी हुई थी। ऐसे में कई मजदूरों ने अपनी जान भी गवाई। हालांकि, सरकार हलचल में तो आई लेकिन तब तक काफी दर हो चुकी थी।

छात्रों की पढ़ाई का हुआ काफी नुकसान-
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते पूरे भारत के युवा और छात्रों को भी खासा नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के कारण देश भर के स्कूलों और कॉलेजों को पूरी तरह से बंद रखा गया। जिससे इन शैक्षिण संस्थानों में पड़ने वाले छात्रों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुए है। जिसका असर आज देखने को मिल रहा है। हालांकि, ऑनलाइन क्लासेस तो शुरू हुई लेकिन उसके साथ कुछ नई परेशानियां लेकर सामने आई। घरों में बंद होने के छात्रों के लाइफस्टाइल में भी काफी प्रभाव पड़ा और अजीब बर्ताव करने लगें। यही हाल बड़े लोगों का भी रहा।

अर्थव्यवस्था की हालत हुई टाइट-
कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था उतनी अच्छी नहीं रही अर्थव्यवस्था कि हालत अबतक सबसे निचले दर पर पहुंच गई। मौजूदा वित्त वर्ष में देश की सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में करीब 20 फीसदी से भी अधिक गिरावट देखने को मिली। दूसरी ओर, कोरो ना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन लगाया। जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था पर विराम लग गया। लॉकडॉउन की वजह से देश भर के लगभग सभी सेक्टर्स में काम पूरी तरह से ठप हो गया। इस दौरान रियल एस्टेट, आटोमोबाइल, कंज्यूमर, रिटेल और टूरिज्म जैसे सेक्टर्स को कोरोना कि वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि,। हेल्थकेयर सेक्टर और आईटी सेक्टर कुछ ऐसे सेक्टर है जिन्होंने आपदा को अवसर में बदल काफी ग्रोथ किया।

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आत्मनिर्भर भारत-
हालांकि, अब कोरोना वायरस की वैक्सीन आने से सामान्य जनजीवन और देश की अर्थव्यवस्था को एक राह मिली है। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाएं हैं और लगातार इसपर काम कर रही है। वहीं, भारत में निर्मित कोरो ना वैक्सीन भारत ने दुनिया के कई देशों को मुफ्त में देकर आत्मनिर्भर भारत की एक नई पहचान बनाई है। आज भारत एक ऐसा देश जो विश्व के अन्य देशों कोरोना कि वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है।

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प्रकृति की खूबसूरती में और हुआ निखार-
हालांकि, इस कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते देश दुनिया में एक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला। लॉकडाउन के दौरान जब देश के भीतर सब कुछ बंद था और सभी लोग अपने घरों में तब प्रकृति ने अपने को और खूबसूरत बना लिया जो शायद ही आज के दौर में मुमकिन था। प्रकृति का जितना दोहन हमने अपने स्वार्थ के लिए किया है, उससे ज्यादा प्रकृति ने हमें खुद दिया है। लेकिन हम फिर भी उसका दोहन करने में लगे रहें। लेकिन जब देश में लॉक डाउन लगा तो हमारे आसपास का वातारण बिल्कुल साफ हो गया और प्रकृति की खूबसूरती और निखर गई। साफ पानी, साफ आसमान, साफ हवा और ना जाने क्या साफ हो गया था। कोयल की कुह कूह, हिमालय के पर्वत और नदियां सब कुछ एक अद्भुत सपने की तरह नज़र आने लगे और इन्हें देख दिल को काफी सुकून मिला।

(ये लेखक के निजी विचार है। ये आर्टिकल नितेश कुमार द्वारा लिखा गया है। नितेश जनता कनेक्ट न्यूज़ के एडिटर भी है।)

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