दिल्ली दंगों के आरोपी 8 लोगों को कोर्ट ने किया बरी, फैसले में कही यह बात
दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 के दंगों के दौरान आगजनी करने के आरोप से आठ आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने यह फैसला इन लोगों के खिलाफ कोई सबूत न मिलते के बाद सूनाया है।
दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 के दंगों के दौरान आगजनी करने के आरोप से आठ आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने यह फैसला इन लोगों के खिलाफ कोई सबूत न मिलते के बाद सूनाया है। इन आरोपियों के खिलाफ पुलिस के पास न ही कोई सीसीटीवी फुटेज था और न ही किसी भी शिकायतकर्ता ने उनकी पहचान की थी। दुल्ली पुलिस ने इन लोगों पर दोषी होने का आरोप लगाया था।
मामले को लेकर अदालत ने कही यह बात-
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 436 (आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत) की सामग्री, जिसे चार्जशीट में जोड़ा गया था, जांच एजेंसी द्वारा उत्पादित सामग्री से “बिल्कुल नहीं बनाई गई” थी। विभिन्न दुकानदारों द्वारा दायर 12 शिकायतों के आधार पर आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दंगाइयों द्वारा उनकी दुकानों को कथित रूप से लूट लिया गया था और तोड़फोड़ की गई थी।
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इस आधार पर दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार-
आरोपियों को उनके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में उनके द्वारा दिए गए खुलासे के बयानों और पुलिस कांस्टेबलों द्वारा पहचान के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। यह कांस्टेबल क्षेत्र में बीट अधिकारी के रूप में तैनात थे। लेकिन अब उन लोगों के खिलाफ कोई ठोस सबूत न मिलने की वजह से कोर्ट ने उन्हे बरी कर दिया है। कोर्ट में अभी भी दिल्ली दंगों को लेकर सुनवाई जारी है। आए दिन किसी ना किसी तारीख पर पुलिस गिरफ्तार किए हुए आरोपियों को कोर्ट लेकर जाती है। जहां कोर्ट सबूतों के आधार पर गिरफ्तार लोग दोषी हैं या नहीं इसका फैसला कर रही है।
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