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दिल्ली में वाहन चालकों को मिली कागज से आजादी, केजरीवाल सरकार ने पास किया यह आदेश

दिल्ली सरकार ने दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी चलाने वालों के लिए अहम फैसला लिया है। जिससे वाहन चालकों को अब अपने वाहन के कागजात को लेकर नहीं घुमना होगा।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी चलाने वालों के लिए अहम फैसला लिया है। जिससे वाहन चालकों को अब अपने वाहन के कागजात को लेकर नहीं घुमना होगा। क्योंकि अब दिल्ली सरकार एक ऐप जारी कर रही है। जिससे वाहन से जुड़े सारे दस्तावेज सरकार सरकारी ऐप में आप रख सकते हैं। जब भी कोई आपसे आपके वाहन का दस्तावेज मांगे तो आप ऐप खोल कर उसे दिखा सकते हैं। इस ऐप में आप ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी (RC) और अन्य दस्तावेजों का ओरिजिनल कॉपी रख सकते हैं।

अब से नहीं रोकेगा कोई पुलिसवाला-

दिल्ली सरकार ने अब यह साफ कर दिया है कि अगर आपके स्मार्टफोन में वाहन के दस्तावेज रखे हुए हैं तो अब आपको ओरिजिनल दस्तावेज लेकर गाड़ी चलाने की जरूरत नहीं है। अब से आप डिजिटल भी अपने कागज दिखा सकते हैं। इसके लिए आपको डिजिलॉकर (DigiLocker) या M-Parivahan जैसे ऐप में अपने दस्तावेज स्टोर करके रखने होंगे। जिसे देखने के बाद आपको कोई भी पुलिस अधिकारी ड्राइविंग लाइसेंस या वाहन की आरसी की ओरिजिनल कॉपी दिखाने को नहीं कहेगा।

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सरकार द्वारा बताए गए इन एप की ही होगी मान्यता-

दिल्ली सरकार द्वारा परिवहन विभाग ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि डिजिलॉकर प्लेटफार्म, एम-परिवहन मोबाइल ऐप पर आप अपने वाहन के दस्तावेजों को डिजिटल रूप से रख सकते हैं। यह ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वाहन अधिनियम, 1988 के तहत वैध दस्तावेज माना जाएगा। इन एप पर रखे वाहन के दस्तावेजों को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त होगी। देसी लॉकर और एमपरिवहन एप दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों के स्टोरेज शेयरिंग और वेरिफिकेशन के लिए क्लाउड -आधारित प्लेटफाॅर्म हैं।

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पुलिस के लिए डिजिटल दस्तावेज मान्य होंगे

सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिस में यह भी कहा गया है कि यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की एनफोर्समेंट विंग डिजिलॉकर और एम-परिवहन एप पर ड्राइविंग लाइसेंस और उससे जुड़ी दस्तावेज दिखाने के बाद पुलिस को इनकी ओरिजिनल कॉपी की जरूरत नहीं पड़ेगी। नोटिस में यह भी कहा गया है कि डिजिलॉकर और एम-परिवहन पर उपलब्ध सभी ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार सभी दस्तावेजों को समान मान्यता दी जाएगी।

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