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इन पांच पॉइंट में समझिए UNSC बहस में पीएम मोदी की पूरी बात को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को कहा कि समृद्धि समुद्री व्यापार के सक्रिय प्रवाह पर निर्भर करती है। समुद्री व्यापार के रास्ते में बाधा पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती बन सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को कहा कि समृद्धि समुद्री व्यापार के सक्रिय प्रवाह पर निर्भर करती है। समुद्री व्यापार के रास्ते में बाधा पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती बन सकती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस की अध्यक्षता करते प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुक्त समुद्री व्यापार अनादि काल से भारत की संस्कृति से जुड़ा हुआ है… महासागर हमारी साझा विरासत है और हमारे समुद्री मार्ग अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा हैं… ये महासागर हमारे ग्रह के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।”

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समुद्री डकैती और आतंकवाद पर क्या बोले पीएम मोदी-

पीएम मोदी ने साथ ही इन मार्गों पर आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि समुद्री मार्गों का समुद्री डकैती और आतंकवाद के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। समुद्री व्यापार में कोई भी बाधा वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है।

समुद्री पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना होगा- पीएम मोदी

“समुद्री सुरक्षा बढ़ाना- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मामला” इस बहस में रूसी प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन और यूएनएससी सदस्य देशों की सरकार के कई अन्य प्रमुखों ने भाग लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने प्लास्टिक और तेल रिसाव के माध्यम से समुद्री पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए भी बात की। पीएम ने कहा कि हमें जिम्मेदार समुद्री संपर्क को बढ़ावा देने की जरूरत है, समुद्री व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना चाहिए।

पीएम मोदी ने समुद्री सुरक्षा के लिए पांच बुनियादी सिद्धांत बहस के दौरान सभी देशों के समाने रखा-

पहला- वैध व्यापार स्थापित करने के लिए बाधाओं के बिना मुक्त समुद्री व्यापार।
दूसरा- समुद्री विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए।
तीसरा- जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
चौथा- गैर-राज्य अभिनेताओं और प्राकृतिक आपदाओं द्वारा उत्पन्न समुद्री खतरों का सामूहिक रूप से मुकाबला करने की आवश्यकता है।
पांचवा- समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधनों का संरक्षण करना होगा।

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