उत्तर प्रदेशराज्य

पीएम मोदी ने जेपी नड्डा और स्वतंत्र देव को ऐसा करने से क्यों नहीं रोका? क्या अब होगी कोई कार्रवाई?

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने शनिवार की रात अपनी आखिरी सांस ली। स्वर्गीय कल्याण सिंह के निधन के बाद उनकी मौत सोशल मीडिया पर कॉन्ट्रोवर्सी बनकर रह गई है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने शनिवार की रात अपनी आखिरी सांस ली। स्वर्गीय कल्याण सिंह के निधन के बाद उनकी मौत सोशल मीडिया पर कॉन्ट्रोवर्सी बनकर रह गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि कल्याण सिंह के निधन के बाद राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनके पार्थिक शरीर को तिरंगे से लिपटाया गया। जिसके बाद तिरंगे के ऊपर ही बीजेपी पार्टी का झंडा भी रख दिया गया। जिसपर लोगों ने बीजेपी के झंडे को देश के झंडे से भी ऊपर रखने को लेकर पार्टी को घेरना शुरु कर दिया।

इस पर विपक्षिय पार्टी के नेताओं ने कहा कि बीजेपी के लिए यह शर्मनाक बात है। इसमें कोई शक नहीं है कि बीजेपी ने अपने पार्टी के झंडे को राष्ट्रीय झंडे से भी ऊपर रखकर राष्ट्रीय झंडे का अपमान किया है। किसी भी भारतीय के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसके अपने देश का राष्ट्रीय झंडा होना चाहिए जो कि बीजेपी कल्याण सिंह के निधन के समारोह में भूल गई।

कौन-कौन बने इस घटना के चश्मदीद गवाह

इस घटना में बीजेपी के बड़े बड़े नेता, प्रवक्ता मौजूद थे। यहां तक की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस घटना के चश्मदीद गवाह हैं। यह घटना बीजेपी प्रेसिडेंट जे.पी नड्डा, बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट स्वतंत्र देव सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मौजूदगी में हुई। लेकिन किसी ने इस पर रोक लगाने की कोशिश नहीं की।

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इस घटना पर विपक्षिय पार्टियों की प्रतिक्रिया-

घनश्याम तिवारी ने इसपर निंदा करते हुए ट्वीट कर लिखा कि पार्टी राज्य से ऊपर , बीजेपी का झंडा तिरंगा से ऊपर, बीजेपी हमेशा की तरह, ना कोई खेद, ना कोई पछतावा, ना कोई गम ,ना कोई शोक।

वही यूथ कांग्रेस चीफ श्री निवास बी.वी ने भी ट्वीट करके निंदा जताया और लिखा कि क्या यह ठीक है पार्टी के झंडे को भारतीय झंडे से ऊपर रखना नए इंडिया में?

एक और ट्वीट यूथ कांग्रेस ऑफिशल हैंडल से भी किया गया जिसमें लिखा गया है कि बीजेपी पार्टी का झंडा तिरंगे से भी ऊपर है। क्या स्वयंभू देशभक्त तिरंगे का सम्मान कर रहे हैं या उसका अपमान कर रहे हैं।

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तिरंगे को लेकर क्या है संविधान में प्रावधान-

देश के संविधान में राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम की धारा 2 में यह उल्लेखनीय है। जिसमें लिखा गया है, “जो कोई भी सार्वजनिक स्थान पर या किसी अन्य स्थान पर जलाता है, विकृत करता है, नष्ट करता है, रौंदता है या अन्यथा अनादर दिखाता है या भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या भारत के संविधान या उसके किसी भी भाग की अवमानना (चाहे शब्दों द्वारा, या तो बोले गए या लिखित, या कृत्यों द्वारा) करता है, तो उसे कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माने से दंडित किया जाएगा , या दोनों के साथ।”

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