श्रीलंका दौरे पर पाकिस्तानी पीएम इमरान खान का भाषण हुआ रद्द, फिर छेड़ा कश्मीर राग
श्रीलंका की दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी वजीरे आजम इमरान खान को श्रीलंकाई सरकार ने भाषण देने से रोका। ऐसे में श्रीलंकाई संसद द्वारा इमरान को भाषण नहीं देने पर पाकिस्तान को भारत से हो रही है परेशानी।
श्रीलंका की दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी वजीरे आजम इमरान खान को श्रीलंकाई सरकार ने भाषण देने से रोका। वहां की संसद में इमरान खान के प्रस्तावित भाषण को श्रीलंकाई सरकार ने रद्द कर दिया है। हालांकि, वहां की सरकार ने इसके पीछे कोरोना दिशानिर्देशों का तर्क दिया है। लेकिन यह घोषणा तब की गई, जब इमरान खान ने वहां पहुंचकर नेताओं से द्विपक्षीय वार्ताओं का एक दौर पूरा कर लिया। इसी दौर के अपनी बातचीत में उन्होंने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया। उसके बाद श्रीलंकाई सरकार ने बुधवार को संसद में उनका प्रस्तावित भाषण रद्द करने का ऐलान किया। जिसको लेकर पाकिस्तानी मीडिया में खूब शोर मचा है। पाकिस्तानी मीडिया का आरोप है कि भारत के दबाव में श्रीलंकाई सरकार ने ऐसा किया है।
भाषण रद्द होने पर पाकिस्तान को भारत से क्यों हुई परेशानी-
इमरान खान को श्रीलंकाई संसद द्वारा भाषण नहीं देने पर पाकिस्तान को भारत से हो रही है परेशानी। दरअसल, वर्ष 2015 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने श्रीलंकाई दौर पर भाषण दिया था और श्रीलंकाई संसद को संबोधित किया था। ऐसे में श्रीलंकाई सरकार का फैसला इमरान को अपमान की तरह खटक रहा है। क्योंकि किसी दूसरे देश के सांसद को संबोधन करना एक गौरव की बात होती है। इसमें दोनों देशों की निकटता और मजबूत संबध को दर्शाता है।
पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच ऐसा है संबंध-
पाकिस्तान और श्रीलंका के संबंध के बारे में बात की जाए तो व्यापार, वाणिज्य, रक्षा और संस्कृति साझेदारी में सार्क यानी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन में पाकिस्तान श्रीलंका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। श्रीलंका पहला ऐसा देश है जिसने पाकिस्तान के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है। यह समझौता साल 2005 में हुआ था जिसके बाद से दोनों देश के बीच व्यापार में वृद्धि हुई। पाकिस्तान में श्रीलंका के वाणिज्य दूतावास के मुताबिक दोनों देशों के बीच 2005 में करीब 15 करोड़ से लेकर 80 लाख डॉलर का व्यापार हुआ था, जो 2018 में बढ़कर 50 करोड़ 80 लाख डॉलर पहुंच गया ऐसे में संतुलन की बात करें तो हमेशा पाकिस्तान के पक्ष में रहा है।
पाकिस्तान-श्रीलंका का सैन्य संबंध-
पाकिस्तान और श्रीलंका सैन्य संबंधों की बात करें तो लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल से युद्ध के दौरान और मजबूत हो गए थे। जब मुकाबले के लिए पाकिस्तान ने श्रीलंका को हथियार उपलब्ध कराया था। पाकिस्तान श्रीलंका को छोटे हथियार का मुख्य आपूर्तिकर्ता भी रहा। साथ ही दोनों देशों के संबंध काफी बेहतर है। 1971 के दौरान जब पूर्वी पाकिस्तान वर्तमान में बांग्लादेश और पश्चिमी पाकिस्तान को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच जब युद्ध छिड़ा था तो भारत ने पाकिस्तान की वायु सेवाओं को बंद कर दिया था। इसके लिए श्रीलंका ने अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की इजाजत दी थी।
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भारत को लेकर पाकिस्तान – श्रीलंका के संबंध पर विशेषज्ञों की राय-
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का श्रीलंका दौरा भारत-पाकिस्तान के संदर्भ में ही नहीं बल्कि भारत, पाकिस्तान और चीन के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। श्रीलंका के साथ संबंधों को लेकर भारत और चीन में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही है। बीबीसी को रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और श्रीलंका के बारे में जेएनयू के दक्षिण एशिया अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर संजय भारद्वाज कहते हैं, “पूरे एशिया में संबंधों का पुनर्निर्माण हो रहा है, इस्लाम दुनिया हो या दक्षिण पूर्वी देश का चीन, आर्थिक और राणनीतिक कारणों से दूसरे देशों के साथ अपना समर्थन का आधार तैयार कर रहा है। साथ ही श्रीलंका और पाकिस्तान को भारत के संदर्भ में देखेंगे तो वह छोटा देश है और श्रीलंका के लिए पाकिस्तान ऐसी कोई चुनौती भी नहीं है। लेकिन श्रीलंका में सरकार को चीन के करीब होना चिंता की लकीर माना जा रहा है।
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