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जानें, कोरोना महामारी ने किन लोगों को बनाया अरबपति?

कोरोना महामारी ने सभी की जिंदगी को प्रभावित किया है। इस महामारी से ज्यादातर लोगों को नुकसान हुआ है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जिनके लिए यह बिमारी फायदेमंद रहा। हम बात कर रहें है दवा कंपनियों और उनके मालिकों की जिन्हें इस दौरान जबर्दस्त फायदा मिला है। 2020 में कोरोना काल के दौरान फार्मा इंडस्ट्री से जुड़े कम से कम 50 लोग अरबपति बने इनमें इंडस्ट्रियलिस्ट के साथ-साथ साइंटिस्ट और प्रोफेसर भी शामिल हैं। आपको यह जान कर हैरानी होगी की इनमें कुछ तो ऐसे लोग भी हैं जिनके बारे में साल भर पहले कोई जानता तक नहीं था।

कोरोना काल में इतने लोग बने मालामाल-
फोर्ब्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 9 देशों के हेल्थकेयर सेक्टर से जुड़े 50 लोग ऐसे हैं जो 2020 में या तो अरबपति बन गए, या उनकी संपत्ति में अप्रत्यासित वृद्धि हुई है। इनमें सबसे ज्यादा 32 चीन के, 7 अमेरिका के, 4 भारत के और 2 कनाडा के हैं। इनके अलावा जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

यहां हम आपको कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताऐंगें, जो कोरोना काल के दौरान अरबपति बने या उनकी संपत्ती तेज़ी से बढ़ोतरी हुई।

उगुर साहिन बायोएनटेक के सीईओ है। बायोएनटेक ने फाइजर के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाई है। इसे अमेरिकी रेगुलेटर फूड एंड ड्रग एडमिनिट्रेशन (एफडीए) ने 95% इफेक्टिव माना है। साहिन के पास बायोएनटेक के 17% शेयर हैं। पिछले साल से कंपनी के शेयर 250% तक बढ़े है। इससे उनकी संपत्ति 4.2 अरब डॉलर हो गई है।

दवा कंपनी मॉडर्ना के सीईओ स्टीफन बैंसेल भी इस लिस्ट में शामिल हैं। मॉडर्ना कंपनी की वैक्सीन को भी अमेरिका में मंजूरी मिली है। बैंसेल के पास कंपनी के 6% शेयर है। इस कंपनी के शेयर पिछले साल 550% तक बढ़ गये जिससे बैंसेल की संपत्ति 4.1 अरब डॉलर हो गई है। मॉडर्ना में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टिमॉथी स्प्रिंगर और एमआईटी के साइंटिस्ट रॉबर्ट लैंगर का भी हिस्सा है। स्प्रिंगर की 3.5% इक्विटी की वैल्यू 1.6 अरब डॉलर है। लैंगर की होल्डिंग 3% है और इसकी वैल्यू 1.5 अरब डॉलर है।

हू कुन कॉन्टेक मेडिकल सिस्टम्स के चेयरमैन हैं। यह कंपनी मेडिकल डिवाइस बनाती है। पिछले साल अगस्त में ही शेन्झेन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुई थी। उसके बाद इसके शेयर 150% चढ़ चुके हैं। हू कुल संपत्ति 3.9 अरब डॉलर है।

कार्ल हैनसेन कनाडा की कंपनी एबसेलेरा के फाउंडर और सीईओ हैं। 11 दिसंबर 2020 को कंपनी के शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुए थे। कंपनी में हैनसेन की हिस्सेदारी 23% है। लिस्टिंग के बाद शेयर प्राइस में गिरावट आई है। फिर भी हैनसेन की संपत्ति 3 अरब डॉलर है।

सर्जियो स्टीवानाटो की कंपनी है स्टीवानाटो ग्रुप। यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ग्लास वायल बनाने वाली कंपनी है। यह कोविड वैक्सीन बनाने में लगी 40 से अधिक कंपनियों को वायल बेच रही है। फोर्ब्स ने सर्जियो की संपत्ति 1.8 बिलियन डॉलर बतायी है।

लिस्ट में शामिल भारतीय-

प्रेमचंद गोधा-
प्रेमचंद गोधा जेनरिक दवाएं बनाने वाली कंपनी इप्का लैब्स के सीएमडी हैं। कंपनी मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन भी बनाती है। पिछले साल अचानक इस दवा की बिक्री बढ़ गई थी। इससे एक साल में कंपनी के शेयर 90% तक बढ़ गए। गोधा की संपत्ति 1.4 अरब डॉलर है। हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को पहले कोविड-19 के इलाज में प्रभावी बताया गया था। बाद में डब्लूएचओ ने इसे गलत बताया।

गिरधारी लाल बावरी, बनवारी लाल बावरी, राजेंद्र अग्रवाल-
गिरधारी लाल बावरी, बनवारी लाल बावरी और राजेंद्र अग्रवाल
तीनों भाई मैकलोड फार्मास्युटिकल्स के प्रमोटर हैं। मैकलोड अनलिस्टेड कंपनी है। यह अस्थमा, डायबिटीज और ओस्टोपोरोसिस की जेनरिक दवा बनाती है। बीते एक साल में इन भाइयों की नेटवर्थ 1.3 अरब डॉलर हो गई है।

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साइरस पूनावाला-
साइरस पूनावाला सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन हैं। उनका नाम फोर्ब्स की इस लिस्ट में नहीं है। वे पहले से अरबपति हैं। उनकी संपत्ति साल भर में दोगुनी होकर 11.5 अरब डॉलर हो गई है। हुरून रिसर्च के अनुसार पिछले साल सबसे तेजी से नेटवर्थ बढ़ने के मामले में पूनावाला दुनिया में पांचवें नंबर पर थे।

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