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अफगान छात्रों को गोद लेगी Sarhad NGO, पीएम मोदी को पत्र लिख मांगी यह अनुमति

कहते हैं कि मनवता से आगे कुछ भी नहीं। महाराष्ट्र की एक गैर-सरकारी संगठन Sarhad NGO ने एक ऐसा ही उदाहरण दुनिया के सामने रखा है।

कहते हैं कि मनवता से आगे कुछ भी नहीं। महाराष्ट्र की एक गैर-सरकारी संगठन Sarhad NGO ने एक ऐसा ही उदाहरण दुनिया के सामने रखा है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के आम लोगों पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में Sarhad NGO ने संकट में फंसे लगभग एक हजार अफगान छात्रों को ‘गोद लेने’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुमति मांगी है।

केंद्र सरकार की अनुमति के बिना असंभव है यह कार्य-

SARHAD NGO के अध्यक्ष संजय नाहर, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र वाधवा और मुख्य आयोजक संतसिंह मोखा ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। इसमें इस NGO ने पुणे, मुंबई, राज्य के अन्य हिस्सों और शेष भारत में युवा छात्रों की दुर्दशा के बारे में जिक्र किया है। अध्यक्ष संजय नाहर ने बताया कि चूंकि अफगान मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘राजनीतिक रूप से संवेदनशील’ हो गया है, इसलिए हम भारत सरकार की अनुमति और जरूरतमंद अफगान छात्रों के चयन के बिना यह काम नहीं कर सकते।”

Sarhad NGO ने बताई अफगान छात्रों की समस्या-

संजय नाहर ने कहा कि जो छात्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council of Cultural Relations) से छात्रवृत्ति पर भारत आए थे, उन्हें वित्तीय समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है। “लेकिन जिन लोगों ने यहां पढ़ने के लिए अपनी जेब से भुगतान किया, उनके पास कॉलेज की फीस देने के लिए भी पैसे नही हैं। कुछ छात्र और कामकाजी पेशेवर, जो महामारी के दौरान वापस चले गए थे, अब वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वीजा की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कई छात्र पुणे में अपना डिग्री कोर्स पूरा करने के लिए वापस लौटना चाहते हैं। कुछ छात्र, जो यहां हैं, अपने परिवार से घर वापस आने में सक्षम हैं, जबकि अन्य अपने परिवारों के साथ कोई संपर्क स्थापित नहीं कर पाए हैं।

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Sarhad NGO ने लगाया यह आरोप-

संजय नाहर ने आरोप लगाया कि मुंबई में अफगानिस्तान वाणिज्य दूतावास (Afghanistan Consulate in Mumbai) भारत में अपने नागरिकों की मदद करने के लिए बहुत कम कर रहा है। “वाणिज्य दूतावास भ्रमित है कि उन्हें किसके आदेश लेने चाहिए। जिन छात्रों और नागरिकों ने वाणिज्य दूतावास को फोन किया, उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।

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केंद्र सरकार से है Sarhad NGO को उम्मीद-

पुणे में सिख समुदाय के सहयोग से, Sarhad NGO कम से कम एक हजार अफगान छात्रों को गोद लेने की योजना तैयार कर रहा है। संजय नाहर ने बताया कि Sarhad NGO पहले भी कश्मीरी छात्र को गोद लेकर ऐसा कर चुके है। वो पहले भी गुरु तेग बहादुर कमेटी बना चुके हैं। इस काम में मदद के लिए सिख समुदाय आगे आया है। अन्य समुदाय भी उनके साथ जुड़ रहे हैं। संजय ने कहा कि उन्हे उम्मीद है कि केंद्र सरकार उन्हे ऐसा करने में मदद करेगी।

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