Uttar Pradesh Deputy CM Name: इन 4 चेहरों मे से 3 होंगे यूपी के नए डिप्टी सीएम
Uttar Pradesh Deputy CM Name: ऐसे में स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh), बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya), ब्रिजेश पाठक (Brajesh Pathak) और लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Vajpayee) इन चार नामों की चर्चा हर जगह हो रही है।
Uttar Pradesh Deputy CM Name: उत्तर प्रदेश में वापसी के साथ बीजेपी डिप्टी सीएम पदों को लेकर एक्शन में है। बीजेपी इन पदों से प्रदेश में जाति-समीकरण को लेकर भी एक संदेश देना चाहती है। मौर्य समाज के नेता के रुप में केशव प्रसाद मौर्य की स्थिति सिराथू के रण में सभी ने भली भांति देख ली है। ऐसे में बीजेपी को तलाश है दूसरे चेहरों की जिनपर दांव खेल बीजेपी हिमाचल प्रदेश और गुजरात तक संदेश देना चाहती है। ऐसे में स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh), बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya), ब्रिजेश पाठक (Brajesh Pathak) और लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Vajpayee) इन चार नामों की चर्चा हर जगह हो रही है।
स्वतंत्र देव सिंह बन सकते हैं डिप्टी सीएम –
स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) वर्तमान में बीजेपी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं। पार्टी की जीत का श्रेय औपचारिक रुप से उनको भी उतना ही जाता है, जितना की सीएम योगी आदित्यनाथ को। स्वतंत्र देव सिंह को पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का करीबी भी माना जाता है। स्वतंत्र देव सिंह बुंदेलखंड के उरई विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं। इसी के साथ सन् 2000 में स्वतंत्र देव सिंह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में बुंदेलखंड के लोगों का साथ साधने के लिए स्वतंत्र देव सिंह पर बीजेपी खुलकर दांव खेल सकती है।
बेबी रानी मौर्य हो सकती हैं डिप्टी सीएम चेहरा –
बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya) भी उन 273 विधायकों में से एक हैं जिन्होने 2022 में जीत बीजेपी के लिए जीत हासिल की है। बेबी रानी मौर्य यूपी चुनाव से पहले उत्तराखंड की राज्यपाल के पद पर थीं। लेकिन पार्टी के आदेश के बाद उन्होने उत्तराखंड के राज्यपाल की कुर्सी से इस्तीफा दिया और आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़कर विधायक बनी। बेबी रानी मौर्य एक दलित चेहरा हैं। इसी के साथ वह मौर्य भी हैं। ऐसे में बीजेपी एक तीर से दो निशाने लगाएगी। क्योंकि 2012 के बाद से यूपी में न ही कोई दलित सीएम बना है और न ही डिप्टी सीएम। अगर ऐसा होता है तो बीजेपी दलित वोट बैंक को जरुर ही अपने करीब करने में कामयाब नजर आएगी।
ब्रजेश पाठक बन सकते हैं यूपी के डिप्टी सीएम –
वर्तमान में ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) लखनऊ कैंट से चुनाव जीतने वाले बीजेपी विधायक हैं। ब्रजेश पाठक योगी सरकार में कानून मंत्री भी रह चुके हैं। बता दें कि एक समय था जब ब्रजेश पाठक को बहुजन समाज पार्टी का बड़ा ब्राम्हण चेहरा माना जाता था। ब्रजेश पाठक ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी। पहली बार वह विधायकी का चुनाव 2002 में मल्लावां सीट से लड़े थे। लेकिन सिर्फ 130 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2004 में कांग्रेस छोड़ वह बसपा में शामिल हो गए। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह बसपा टिकट पर उन्नाव से सांसद बने। 2009 में मायावती की सरकार यूपी में थी।
इसलिए यूपी में डिप्टी सीएम की रेस से बाहर किए गए केशव प्रसाद मौर्य
इस दौरान उन्हे राज्यसभा भेजा गया। लेकिन 2014 में जब वह फिर से उन्नाव में लोकसभा का चुनाव लड़ने मौदान में उतरे तो मोदी लहर के सामने नहीं टीक सके। इसके बाद 2017 के ठीक पहले ब्रजेश पाठक बीजेपी में शामिल हो गए। और उन्हे लखनऊ सेंट्रल की विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया। समाजवादी पार्टी के नेता को यहां ब्रजेश पाठक ने मात दी और विधानसभा पहुंचे। जिसके बाद उन्हे बीजेपी सरकार में यूपी में कानून मंत्री का पद मिला। अब उम्मीद यह है कि इस ब्राम्हण चेहरे को बीजेपी डिप्टी सीएम बनाकर सभी ब्राम्हणों की नाराजगी को भी दुर करना चाहती है।
इसलिए यूपी में डिप्टी सीएम की रेस से बाहर किए गए केशव प्रसाद मौर्य
लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी बन सकते हैं डिप्टी सीएम –
मेरठ से लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Vajpayee) का नाम भी डिप्टी सीएम की रेस में देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि लक्ष्मीकांत एक ब्राम्हण चेहरा हैं। इसी के साथ 2014 में उन्ही की अध्यक्षता में यूपी में लोकसभा का चुनाव लड़ा गया था। जिसमें बीजेपी 71 सीटें जीती थी। वह मेरठ से कुल चार बार विधायक भी रह चुके हैं। मेरठ एक मुस्लिम बहुल्य सीट है ऐसे में उनका वहां से चार बार जीतना एतिहासिक है। 2022 में उन्होने पार्टी के सामने खुद के चुनाव न लड़ने की बात सामने रखी थी। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि अब लक्ष्मीकांत को गवर्नर, अध्यक्ष या डिप्टी सीएम का पद मिल सकता है।