इसलिए यूपी में डिप्टी सीएम की रेस से बाहर किए गए केशव प्रसाद मौर्य
साल 2022 के मार्च महीने की 10 तारीख केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को जीवनभर याद रहने वाली है। सिराथू विधानसभा (Sirathu Vidhan Sabha) से मिली हार उनके राजनीतिक कैरियर में भी कई हार लेके आ गई है।
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साल 2022 के मार्च महीने की 10 तारीख केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को जीवनभर याद रहने वाली है। सिराथू विधानसभा (Sirathu Vidhan Sabha) से मिली हार उनके राजनीतिक कैरियर में भी कई हार लेके आ गई है। एक समय था जब खुद को केशव प्रसाद मौर्य यूपी सीएम का चेहरा मानने लगे थे। लेकिन अब दौर ऐसा आ गया है कि डिप्टी सीएम की कुर्सी भी नसीब से छीन गई है।
केशव प्रसाद मौर्य नहीं बनेंगे यूपी के डिप्टी सीएम –
सिराथू से हारने के बाद केशव प्रसाद मौर्य की पूछ अब यूपी में कम हो गई है। उनकी पार्टी भी उनसे दूरी बनाती नजर आने लगी है। बीजेपी के नेताओं कि माने तो केशव प्रसाद मौर्य को अब न राम मिलेंगे और न ही माया। सूत्रों की माने तो केशव प्रसाद मौर्य दिनों रात बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं को फोन कर रहे हैं। उनके घर के चक्कर काट रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य की सिर्फ एक ही मांग है कि किसी भी तरह से इस बार भी उन्हे उप-मुख्यमंत्री बना दिया जााए।
सीएम योगी की नीव खोदने वाले थे केशव प्रसाद मौर्य –
उत्तर प्रदेश में जब त्री-स्तरीय पंचायत चुनाव हुए उस वक्त सीएम योगी कई बार दिल्ली से लखनऊ के बीच चक्कर काटते हुए नजर आए। सभी का यही कहना था कि यह आग किसी और ने नहीं बल्की उन्ही के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लगाई है। राजनीतिज्ञों का मानना था कि केशव प्रसाद मौर्य खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। और वो नहीं चाहते कि 2022 का विधानसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाए। इसके लिए मौर्य ने काफी षड़यंत्र भी रचा। लेकिन इन सभी षड़यंत्रों को तोड़ सीएम योगी आगे बढ़ गए और मौर्य अपनी विधानसभा में हार गए।
केशव प्रसाद मौर्य नहीं लड़ना चाहते थे चुनाव –
सिराथू में जिस तरह से डॉ पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य को पटकनी दी है उससे केशव प्रसाद मौर्य के चारो खाने चीत हो गए हैं। अपनी हार के बाद मौर्य यह भी कहते हुए सुने गए कि उन्हे सिराथू से जबरन चुनाव लड़वाया गया था। वह तो चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते थे। यही नहीं मौर्य ने अपनी हार का पूरा श्रेय पार्टी को ही दे दिया है। यह जानकारी बीजेपी के अंदर मौजूद सूत्रों ने दी है। ऐसे में मौर्य का कहना है कि जैसे योगी आदित्यनाथ को 2017 में सीएम बनाया था वैसे ही अब उन्हे उप-मुख्यमंत्री बनाया जाए।
Sirathu से हारे Keshav Prasad Maurya की जा सकती है सरकारी कुर्सी!
सिर्फ अमित शाह ही कर सकते हैं मौर्य का समाधान –
वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि केशव प्रसाद मौर्य की बेचैनी का हल सिर्फ गृह मंत्री अमित शाह की कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी में अभी भी अमित शाह ही ऐसे व्यक्ति हैं जिनके पास सभी का तोड़ है। जो प्यार से मान जाएं उनके लिए गले का हार और जो प्यार से न माने उनके लिए राजनीतिक हार अमित शाह के पास हमेशा तैयार रहता है। अब देखना दिलचस्प रहेगा की आखिरकार केशव प्रसाद मौर्य का क्या होता है।