Sirathu से हारे Keshav Prasad Maurya की जा सकती है सरकारी कुर्सी!
Keshav Prasad Maurya Election Result 2022: उत्तर प्रदेश में चारों तरफ जहां जश्न का माहौल है तो वहीं एक विधानसभा सीट पर गम पसरा हुआ है। यह विधानसभा सीट है सिराथू (Sirathu) की।
Keshav Prasad Maurya Election Result 2022: उत्तर प्रदेश में चारों तरफ जहां जश्न का माहौल है तो वहीं एक विधानसभा सीट पर गम पसरा हुआ है। यह विधानसभा सीट है सिराथू (Sirathu) की। सिराथू से इस बार भाजपा के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) मैदान में थे। लेकिन स्थिति इतनी खराब रही कि वो खुद की सीट तक नहीं बचा पाए। ऐसे क्या उनकी डिप्टी सीएम वाली कुर्सी अब जा सकती है। यह सवाल सभी के दिमाग में है।
कांटे की टक्कर में पीछे रह गए केशव प्रसाद मौर्य –
सिराथू से मैदान में उतरे केशव प्रसाद मौर्य की स्थिति पहले से ही खराब थी। तमाम राजनीतिक विशेषज्ञ यही कह रहे थे कि उत्तर प्रदेश तो बीजेपी जीत रही है लेकिन सिराथू का क्या। जहां से केशव प्रसाद हारने के कागार पर खड़े हैं। बीजेपी उत्तर प्रदेश में वो तमाम सीट भी जीती जहां 2017 में बीजेपी हार गई थी। लेकिन 2017 में जहां से जीतकर केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम बने वहीं से हार गए। यह कहीं न कहीं जीत पर लगे धब्बे जैसा भी है।
हार के बाद बोले केशव प्रसाद मौर्य –
हार के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने बकायदा ट्वीट भी किया। केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा, “सिराथू विधानसभा क्षेत्र की जनता के फ़ैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूँ,एक एक कार्यकर्ता के परिश्रम के लिए आभारी हूँ,जिन मतदाताओं ने वोट रूपी आशीर्वाद दिया उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ।”
सिराथू विधानसभा क्षेत्र की जनता के फ़ैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूँ,एक एक कार्यकर्ता के परिश्रम के लिए आभारी हूँ,जिन मतदाताओं ने वोट रूपी आशीर्वाद दिया उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ,
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) March 10, 2022
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इतने वोटों से हारे केशव प्रसाद मौर्य –
केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू की जनता ने कुल 98 हजार 727 वोट दिए। लेकिन केशव प्रसाद के विपक्ष में खड़ी डॉ पल्लवी पटेल को एक लाख पांच हजार 568 वोट मिले। जिससे केशव प्रसाद मौर्य 6 हजार 841 वोट से हार गए। बता दें कि पल्लवी पटेल, अपना दल (एस) की सुप्रीमों अनुप्रिया पटेल की बहन हैं। चुनाव में अनुप्रिया पटेल भारतीय जनता पार्टी के साथ थीं। जबकि उनकी बहन पल्लवी समाजवादी के साथ थीं।