दिल्ली

NSUT में नए कंप्यूटर सेंटर, आर्ट स्टूडियो और फिटनेस सेंटर की मनीष सिसोदिया ने की शुरुआत

इस अवसर पर आज नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी (NSUT) में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शहीद असफाकउल्लाह खान के जन्मदिवस पर उन्हें नमन करते हुए वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर, 400 हाई-एंड कंप्यूटर से लैस हाई परफोर्मिंग कंप्यूटर सेंटर, वर्ल्ड क्लास आर्ट स्टूडियो और शहीद असफाकउल्लाह फिटनेस सेंटर की शुरुआत की।

महान देशभक्त शहीद असफाकउल्लाह खान की आज 121वीं जयंती है। इस अवसर पर आज नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी (NSUT) में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शहीद असफाकउल्लाह खान के जन्मदिवस पर उन्हें नमन करते हुए वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर, 400 हाई-एंड कंप्यूटर से लैस हाई परफोर्मिंग कंप्यूटर सेंटर, वर्ल्ड क्लास आर्ट स्टूडियो और शहीद असफाकउल्लाह फिटनेस सेंटर की शुरुआत की।

इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज 21 साल की जिस उम्र में युवा अपने करियर के बारे में सोच रहे होते हैं, उस उम्र में शहीद असफाकउल्लाह खान ने देश को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा और आजादी के आन्दोलन में शामिल हो गए।

देश के युवाओं को करना है चुनौतियों का सामना-

इस कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री ने देश के सामने खड़ी बड़ी चुनौतियों के बारे में भी बताया। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिलना, बेरोजगारी व आर्थिक प्रगति की धीमी दर होना एक बड़ी चुनौती है। मनीष सिसोदिया ने आह्वान किया कि ऐसे समय में जरुरी है कि देशभक्ति के जिस जज्बे के साथ शहीद असफाकउल्लाह खान जैसे क्रांतिकारियों ने भारत को आजादी दिलाई थी ठीक उसी जज्बे और देशभक्ति के साथ हमारे युवा अपने ज्ञान के द्वारा देश की चुनौतियों को दूर करने का काम करें।

नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली कमप्यूटर लैब
Photo Source: Social Media

मनीष सिसोदिया ने गिनवाई तीन चुनौतियां-

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार देश में मौजूद इन चुनौतियों से निपटने के लिए देशभक्ति, हैप्पीनेस और उद्यमिता पाठ्यक्रमों की मदद से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में देशभक्त बच्चे तैयार कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले देश में चुनौती अंग्रेजों को खदेड़ने की थी। वह तत्कालीन चुनौती थी और हमारे क्रांतिकारियों ने बखूबी उन चुनौतियों को दूर करने का काम किया। आज भी देश के सामने कुछ चुनौतियाँ है जिसे ख़त्म करने की जरुरत है। इसके लिए उन्होने निम्नलिखित तीन चुनौतियों का वर्णन किया-

पहली चुनौती गुणवत्तापूर्ण शिक्षा-

आज देश में हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है| कुछ बच्चों को तो शानदार शिक्षा मिल पा रही है लेकिन बहुत से बच्चों को नहीं इसलिए हमें एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार करने की जरुरत है| हमें ये सुनिश्चित करना है कि देश में शत प्रतिशत बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मिलें| इसलिए आज देश को ऐसे लोगों की जरुरत है जो ऐसा सपना देखे और उसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हो|

दूसरी चुनौती बेरोजगारी-

आज देश में बेरोजगारी चरम पर है। पढ़े-लिखे युवा भी बेरोजगार घूम रहे है। 10वीं की पात्रता वाले नौकरियों के लिए पोस्ट-ग्रेजुएट और पीएचडी डिग्री धारक लोग आवेदन कर रहे| हमें देश से बेरोजगारी की इस समस्या को दूर करना है।

NSUT Manish Sisodia
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तीसरी चुनौती आर्थिक संकट-

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में तीसरी समस्या देश के आर्थिक प्रगति की है| आज से 40-50 साल पहले भी किताबों में पढ़ाया जाता था कि भारत एक विकासशील देश है और आज भी यही पढ़ाया जाता है कि भारत एक विकासशील देश है| हमें मिलकर ये परिभाषा बदलनी होगी और हम केवल नाम नहीं बदलेंगे बल्कि ये स्थिति भी बदलेंगे और भारत को विकसित देश बनायेंगे।

स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर हुआ है बेहतर- मनीष सिसोदिया

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 5-6 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है। स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुआ है, टीचर्स को विदेशों में ट्रेनिंग दिलवाई गई है, बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। लेकिन सरकारों की भी एक सीमा है और शिक्षा का विस्तृत आयाम है इसलिए हम चाहते है कि कम्युनिटी शिक्षा के साथ जुड़े और इसे एक जनांदोलन बनाने का काम करें।

नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली कमप्यूटर लैब
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देश में मेंटर कार्यक्रम की हुई शुरुआत-

इस दिशा में दिल्ली सरकार ने देश के मेंटर कार्यक्रम की शुरुआत की है। शिक्षा मंत्री ने आह्वान करते हुए कहा कि कॉलेज में पढ़ने वाले युवा मेंटर बनकर राष्ट्र के प्रति अपना दायित्व निभाए और आगे बढ़कर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले इन बच्चों की बड़े भाई-बहन के रूप में हैण्ड-होल्डिंग करने का काम करे। उन्होंने साझा किया कि देश के मेंटर कार्यक्रम के लांच होने के 1 सप्ताह के भीतर 12 हजार से ज्यादा युवा इस कार्यक्रम के साथ जुड़कर मेंटर की भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही कहा कि मेंटर के रूप में भूमिका निभाने वाले कॉलेज विद्यार्थियों को कुछ क्रेडिट अंक भी दिया जाएगा।

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