उत्तर प्रदेश

AAP ने यूपी में 150 सीटों पर प्रत्याशियों की पहली सूची की जारी, लिस्ट में डॉक्टर-इंजीनियर भी शामिल

यूपी के प्रभारी और राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने प्रेस वार्ता में प्रत्याशियों की घोषणा की। आप की प्रत्याशियों की लिस्ट में डॉक्टर-इंजीनियर भी शामिल। यूपी में सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी आप, अगली सूची आगे जारी की जाएगी। आप उम्मीदवारों में 8 एमबीए, 38 पोस्ट ग्रेज्युएट, 4 डॉक्टर, 8 पीएचडी, 7 इंजीनियर, 8 बीएड, 39 ग्रेजुएट, 6 डिप्लोमा किये उम्मीदवार, जबकि प्रत्याशियों में महिलाओं की संख्या 8 है।

विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। रविवार को आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी और राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने 403 सीटों में से 150 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह के साथ प्रेसवार्ता कर प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बदलाव की नई राजनीति के लिए राजनीति की गंदगी पर झाडू चलाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, किसानी को राजनीति के केन्द्र में मुद्दे के रूप में लाने के लिए आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

संजय सिंह ने कहा कि आप ने अपनी पहली सूची में चुनावी मैदान में अच्छे और सुयोग्य उम्मीदवारों को उतारा है। इनमें शिक्षित, पेशे से डॉक्टर और इंजीनियर उम्मीदवार भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से लगभग 150 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में केन्द्र के हमारे नेताओं ने लिया है और उसपर स्वीकृति दी है। जिनमें से आज 403 में 150 प्रत्याशियों की पहली सूची आम आदमी पार्टी की ओर से जारी की जा रही है। और बाकी प्रत्याशियों की सूची भी जल्द जारी की जाएगी। आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि 150 उम्मीदवारों में शिक्षित, योग्य और अच्छे उम्मीदवारों का चयन करने का पूरा प्रयास हम लोगों ने किया है। पहली लिस्ट में एमबीए की शिक्षा प्राप्त कर चुके 8 उम्मीदवार हैं। पोस्ट ग्रेज्युएट 38 उम्मीदवार हैं, डॉक्टर 4 उम्मीदवार हैं, पीएचडी 8 उम्मीदवार हैं, इंजीनियर 7 उम्मीदवार हैं, बीएड 8 उम्मीदवार हैं, ग्रेजुएट 39 उम्मीदवार हैं डिप्लोमा 6 उम्मीदवार हैं यानी उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की पहली सूची अच्छे और सुयोग्य उम्मीदवारों की सूची हम जारी कर रहे हैं  जिसमें तमाम डिग्रियां हासिल कर चुके लोग चुनाव के मैदान में उतरेंगे। पहली सूची में आठ महिलाओं को टिकट दिया गया है।

लखनऊ की 07 विधानसभा सीटों पर ‘आप’ ने घोषित किए प्रत्याशियों के नाम-

यूपी की राजधानी लखनऊ की सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई हैं। लखनऊ मध्य से नदीम अशरफ जायसी, लखनऊ पूरब से आलोक सिंह, लखनऊ उत्तर विधानसभा से अमित श्रीवास्तव त्यागी, लखनऊ पश्चिम विधानसभा से राजीव बक्शी, मोहनलालगंज से सूरज कुमार और सरोजनीनगर से रोहित श्रीवास्तव को चुनाव मैदान में उतारा है।

नोएडा से पंकज अवाना और सिराथू से विष्णु कुमार देंगे दिग्गजों को मजबूत टक्कर-
आदमी पार्टी ने भाजपा के वर्तमान विधायक पंकज सिंह के खिलाफ नोएडा से पंकज अवाना को चुनाव लड़ा रही है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सिराथू से आम आदमी पार्टी ने विष्णु कुमार जायसवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। शाहजहांपुर में सुरेश खन्ना के खिलाफ राजीव यादव को खड़ा किया है। शामली के थाना भवन से अरविंद देशवाल को उम्मीदवार बनाया है। इस तहर से अयोध्या के गोसाईगंज से आलोक द्विवेदी, अयोध्या के मिल्कीपुर से हर्षवर्द्धन और अयोध्या की रुदौली विधानसभा से मनोज कुमार मिश्र को मौका दिया है। आगरा कैंट से प्रेम सिंह जाटव, आगरा नार्थ से कपिल बाजपेई, आगरा ग्रामीण से केशव कुमार निगम और आगरा साउथ से रमजान अब्बास को टिकट दिया है। आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से इंजीनियर सुनील कुमार यादव, बागपत से नवीन चौधरी, बरेली से कृष्णा भारद्वाज, बिजनौर से विनीत शर्मा, बुलंदशहर से विकास शर्मा, खुर्जा से जयदेव निरंकारी, वाराणसी साउथ से अजीत सिंह, वाराणसी नार्थ से डॉ आशीष जायसवाल, रोहनिया विधानसभा से पल्लवी वर्मा और वाराणसी की ही पिंदरा विधानसभा से अमर सिंह पटेल को चुनाव लड़ा रही है। शामिली से बिजेन्द्र मलिक को मौका दिया गया है।

संजय सिंह ने कहा कि अभी उत्तर प्रदेश की जनता के ऊपर हैं कि वह एसे योग्य उम्मीदवारों पर अपना आर्शीवाद दें और उनको चुनकर विधानसभा में भेजें और उत्तर प्रदेश से राजनीति की गंदगी का सफाया करें। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की बात हम करें तो 55 उम्मीदवार ओबीसी केटिगिरी से हैं। अनुसूचित जाति की बात करें तो 31 उम्मीदवार अनुसूचित जाति से हैं। 14 उम्मीदवार माइनोरिटी मुस्लिम्स हैं। कायस्थ 6 हैं, व्यापारी 7 हैं ब्राहमण 36 उम्मीदवार हैं तो ये अलग-अलग समुदाय वर्ग के लोगों का मौका दिया है यह उसकी जानकारी हैं।

योगी सरकार में युवाओं ने रोजगार मांगा तो मां-बहन की गालियां और लाठियां मिलीं : संजय सिंह

राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सत्ता में जो पार्टी पिछले पांच साल से बैठी है, अगर साफ तौर पर देखेंगे तो उसने उत्तर प्रदेश को बहुत पीछे ढकेलने का काम किया। एक ऐसी सरकार आदित्यनाथ जी की रही जिसमें नौजवान रोजगार मांगने निकला तो उसका मां-बहन की गालियां दी गई। लाठियों से पीटा गया। शिक्षा मित्र सुहागिन महिलाओं को अपना सिर मुंडवाकर प्रदर्शन करना पड़ा। गरीब की बेटी को हाथरस में रात दो बजे जला दिया गया। अरुण वाल्मीकि को थाने में मार दिया गया। लालगंज के रिक्शेवाले मोहित कुमार को पुलिस ने पीट-पीट कर मार देते हैँ। मनीष गुप्ता के मामले में पीट-पीट कर वो मार दिये जाते हैं। सीबीआई की रिपोर्ट में वो ही दोषी ठहराये जाते हैं और इसी उत्तर प्रदेश में हम लोगों ने अन्याय की पराकाष्ठा का वो दृश्य देखा। आजादी के बाद शायद किसी ने इसकी परिकल्पना नहीं की होगी। जहां गृह राज्यमंत्री की गाड़ी से कुचलकर चार किसान और एक पत्रकार मार दिये गये। अगर उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार की बात करें तो कोरोना की महामारी के दौरान घोटाला, कस्तूरबा के विद्यालय में बच्चियों के खाने के नाम पर घोटाला, इनके बेसिक शिक्षा मंत्री के जमीन खरीद का घोटाला, घोटालों पर घोटाला। तो घोटालों में भी नम्बर एक। उद्योग धंधों की बात करें तो नए उद्योग लगाने के नाम पर नए उद्योग लगाने के नाम पर सरकार ने जो किया सबने देखा है। किसानों के फसल के दाम करने की बात करें तो उनका कर्ज माफ करने की बात करें तो कर्जमाफी के नाम पर उत्तर प्रदेश के अन्न दाताओं को अपमानित होते हुए देखा। उनके दो रुपये, पांच रुपये तक माफी के चेक को पकड़ाकर अपमानित करने का काम किया गया। इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अंदर हमने यह भी देखा किस एक साल तक अन्नदाता किसानों को मवाली, गुंडा माफिया कहा गया। तो कौन सी पार्टी सबसे गंदी है आज हम अगर चुनाव में उतर रहे हैं तो भारतीय जनता पार्टी और उसका शासन दिखता है। उन्होंने कहा कि हम लोगों का यह मानना है कि घोषणापत्र जो है यह हमारी गांरटी है इसलिए हमने उसको गारंटी पत्र नाम दिया है। हमने उसके लिए टीम बनाई है और जनता के जो सुझाव आएंगे उसके आधार पर हम अपना एक बेहतरीन घोषणा पत्र सामने लेकर आएंगे। पांच हजार रुपये बेरोजगारों को 10 लाख नौकरियां इसके अलावा 18 साल से ऊपर की महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा हम कर चुके हैं। इसके साथ ही 300 यूनिट बिजली भी फ्री देंगे।

भाजपा को जन्म देने वाली आरएसएस में आज तक कोई संघ का प्रमुख दलित और पिछड़ा नही हुआ-
राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मैं पिछले तीन-चार दिनों से देख रहा हूं, अभी कुछ नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। अब उनके द्वारा कहा जा रहा है पिछड़ों की दलितों की खूब उपेक्षा हुई। तो मैं उनको बताना चाहूंगा कि यह जानकारी 94 साल पुरानी है जो स्वामी प्रसाद मौर्या आज दे रहे हैं। भई जिस कोख से भारतीय जनता पार्टी का जन्म हुआ है। आरएसएस में आज तक कोई संघ का प्रमुख दलित और पिछड़ा नही हुआ। और यह बात तो स्वामी प्रसाद मौर्या जी को मालूम थी। उसके बावजूद वो भारतीय जनता पार्टी में गये। जिसमें दलितों पिछड़ों की वर्षों से उपेक्षा होती चली आ रही है। दूसरी बात चुनाव के समय में आपको सामाजिक न्याय याद आ रहा है। चलिए वो भी ठीक बात है आपकी खुद की बेटी संघ प्रिय मित्रा जी वो बीजेपी को सामाजिक न्याय के नाते जिता रही हैं और आप समाजवादी पार्टी को सामाजिक न्याय के प्रति जिता रहे हैं तो कम से कम अपनी पुत्री को ही इस्तीफा दिलाकर इस सामाजिक न्याय की लड़ाई में साथ ले आए होते। तो मुझे लगता है कि दलितों पिछड़ों की उपेक्षा के मुद्दे पर मंत्री रहते हुए इन नेताओं को सवाल उठाना चाहिये था।

ऐसी उपेक्षा की गई कि देश के राष्ट्रपति तक को श्री राम मंदिर के भूमि पूजन में नहीं बुलाया गया-
उत्तर प्रदेश में हम लोगों ने उस पीड़ा को देखा है, उस अत्याचार को होते हुए देखा है, वो जुल्म देखा है। किस तरह से आदित्यनाथ जी मुसहर बस्तियों में जाते थे तो वहां पहले शैम्पू और साबुन दिया जाता था और कहा जाता था कि बच्चों को नहला धुला के खड़ा करना यहां बाबा जी आ रहे हैं। क्यों नहीं बोले यह नेता हमने देखा उस उपेक्षा को जब देश के महामहिम राष्टपति को राम मंदिर के भूमि पूजन में नहीं बुलाया गया। क्यों नहीं आवाज उठाई इन लोगों ने हमने देखा कि सवर्णां के आरक्षण के मुद्दे पर एक शब्द इन लोगों ने नहीं बोला। पार्लियामेंट का रिकार्ड उठाकर देखें। मैंने उस सवाल को उठाया सदन में। दलितों के शिक्षक भर्ती में घोटाला हुआ उत्तर प्रदेश के अंदर पिछड़ों का हक मारा गया तो मैने सदन में उस सवाल को उठाया। 21-21 मुकदमे हुए मेरे ऊपर क्यों नहीं बोला इन लोगों ने। पांच सालों तक मंत्री रहते हुए आप लोगों ने एक सवाल तक नहीं उठाया। देश के राष्ट्रपति का अपमान हो रहा है। पिछड़ों और दलितों का अपमान तो भाजपा सदियों से करती आ रही है। आप उस कीचड़ में क्यों गये ये जानकारी 94 वर्ष पुरानी है। तो इसलिये चुनाव को नकली मुद्दों पर घुमाने की बात नहीं होनी चाहिये असली मुद्दों पर होनी चाहिये।

शिक्षा कैसे अच्छी मिले, इलाज कैसे निशुल्क हो, कानून व्यवस्था ठीक हो इस पर बोलना पड़ेगा-
आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि शिक्षा कैसे अच्छे मिले, इलाज निशुल्क कैंसे देंगे। कैसे कानून की व्यवस्था ठीक होगी यह बोलना पड़ेगा। हम तो इसपर बात कर रहे हैँ और पूरा चुनाव इसपर लड़ेंगे। घर-घर पर्चा घर घर चर्चाका अभियान चला रखा है आम आदमी पार्टी ने। पांच पांच कार्यकर्ताओं की बीस टीमें बना रखी हैं। हम तो अपने मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे। उत्तर प्रदेश की जनता हमारे मुद्दों को पसंद करेगी तो निश्चित रूप से हम काम करेंगे। भारतीय जनता पार्टी यहां कई बार यहां सत्ता में रह चुकी, कांग्रेस पार्टी, सपा, बहुजन समाज पार्टी यहां कई बार सत्ता में रह चुकी है। किसी ने एक यूनिट तक बिजली फ्री नहीं दी। हमने दिल्ली में फ्री बिजली दी सफल प्रयोग किया हम 300 यूनिट फ्री बिजली देंगे। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि डिजिटल रूप से कोई कितना भी मजबूत हो लेकिन यह देखना होगा कि हमारे पास कार्यकर्ता हैं। विधानसभा चुनाव कोई लड़ रहा है। तो मैं मानता हूं कि 150 कार्यकर्ता तो जरूर होने चाहिये। 20-20 लोगों की पांच टीमें तैयार होनी चाहिये। पांच-पांच लोगों की 30 टीमें बन जाएंगी तो 70 हजार से ज्यादा घर 60 हजार से ज्यादा घर किसी विधानसभा में नहीं है। 30-35 लोगों की टीम बनाकर तीन बार कम से कम घरों में डोर टू डोर प्रचार किया जा सकता है। कम से कम जमीनी कार्यकर्ता पर्चा तो पहुंचा ही सकता है।

लगता है भाजपा का कम्पटीशन एमआईएम से है, जिनका एक भी एमएलए यूपी में नहीं-
एमआइएम को भी चुनाव लड़ने का हक है। लेकिन मुझे यह समझ में नहीं आता कि इतनी पार्टियां यहां चुनाव लड़ रही हैं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा अगर किसी भी पार्टीकी भारतीय जनता पार्टी वाले करते हैं तो एमआईएम की चर्चा करते हैं। उनका कम्पटीशन उस पार्टी से हैं जिसका एक भी एमएलए उत्तर प्रदेश में नही है। हैदराबाद से ओवैसी साहब बयान देते हैं और गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ उनका चैलेंस स्वीकार कर लेते हैं। तो उत्तर प्रदेश में राजनीति में सब बड़े मझे हुए लोग हैं ये सब खेल तमाशे सब समझते हैँ। इसलिये वो किस मंशा से चुनाव लड़ रहे हैं।

घोटाले के डर से योगी जी को गोरखपुर भागना पड़ा-
आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गोरखपुर से लड़ाया जरूर जा रहा है लेकिन उनकी चर्चा तो थी अयोध्या से चुनाव लड़ने की। लेकिन मुझे लगता है कि उनकी पार्टी के लोगों ने प्रभु श्री राम के मंदिर के चंदे में इतना बड़ा घोटाला कर दिया है कि वो डर गये हैं। वहां से चुनाव लड़ने में उनको डर था कि चंदा चोरी के कारण वो चुनाव अयोध्या से हार सकते हेँ। तो उनकी पार्टीके लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिये था। उनकी पार्टीके लोग ऐसा करेंगे तो योगी जी को गोरखपुर तो भागना ही पड़ेगा। संजय सिंह ने कहा कि हमारी नीतियां जनता को बहुत अच्छी लग रही हैं और इसी का परिणाम था किस 40 लाख वोट हमें जिला पंचायत के चुनाव में मिले। 83 हमारे जिला पंचायत की सीट जीत कर आईं। हम जनता के लिए लड़ रहे हैं। हमारी स्वीकारिता पूरे देश में बन रही है। हमारी नीतियों का विस्तार हो रहा है।

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