Rotary International District 3011 को ‘घपलेबाजों’ की नजर लग गई है। नियमों की धज्जियां उड़ा यहां के कुछ रोटारैक्टर खुद DRR बनना चाहते हैं। डीआरआर पद के लिए वो ऐसे ‘कांड’ कर बैठते हैं जिसकी वजह से उनके साथ पूरे RID 3011 का नाम भी खराब हो जाता है। हाल ही में 2022-23 के लिए DRR Elect घोषित किए गए अंकित सिंह (Ankit Singh) को अब उनके पद से हटा दिया गया है। हालांकि इस बात को हुए एक सप्ताह हो गए हैं। लेकिन तब जनता कनेक्ट के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं था जैसे कि अब है। आप को भी जानना चाहिए कि कैसे रोटारैक्टर अंकित सिंह ने डीआरआर इलेक्ट बनने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई, जिसकी सच्चाई जांच कमेटी ने अब खोल कर रख दी है।
अंकित सिंह को इसलिए DRR Elect पद से हटाया गया-
एक तरफ जहां सार्थक बंसल को चार दिन पहले ही उनके क्लब ने बाहर का रास्ता दिखाया। जिससे ये साफ हो गया था कि सार्थक बंसल टेक्निकली डीआरआर पद पर नहीं रहे। उसी बीच अंकित सिंह जोकि उसी ग्रुप से आते हैं। मेहनत, परिश्रम और लगन के साथ वो DRR Elect बन गए। लेकिन गलती बस ये हो गई कि उन्होने अपनी सारी मेहनत रोटरेक्ट के नियमों को तोड़ने में लगा दी। जिसकी भनक रोटरी को भी लग गई। इसको लेकर शिकायत पर एक कमेटी बैठाई गई। इस कमेटी को PDG सुधीर मंगला, PDG रवि चौधरी और PDG दीपक तलवर ने हेड किया।
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कमेटी की जांच में यह सच आया सामने –
जांच कमेटी ने विस्तृत तथ्य निष्कर्षों के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें RI Bylaws और Rotaract Bylaws के कई उल्लंघन मिले। साथ ही DRR Elect के लिए हुए चुनाव में कई अनियमितताएं भी मिलीं। जिसकी रिपोर्ट को देख खुद डीजी ने अपनी सहमती दी। और तुरंत प्रभाव से अंकित सिंह को उनकी गलत करनी की वजह से हटा दिया गया।
DRR Elect का पद है खाली जल्द होंगे चुनाव-
कमेटी की रिपोर्ट पर डीजी के एक्शन के बाद अब RID3011 में DRR Elect का पद खाली है। अबकी बारी डीआरआर 22-23 के लिए चुनाव फिर से डीआरआर और रोटारैक्ट अध्यक्षों के परामर्श से उचित आरआई बायलॉज और रोटारैक्ट बायलॉज का पालन करके आयोजित किए जाएंगे।
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PDG और DG की सच्चाई के सामने झूठ का गिरा किला-
यहां पर बधाई के पात्र हैं वो डीजी और कमेटी के PDG जिन्होने अपनी जांच में सच को सामने ला ही दिया। और बेइमानी से, नियमों की धज्जियां उखाड़कर DRR Elect बने अंकित सिंह को उनकी सही जगह दिखा दी। आप ही सोचिए कि अगर ऐसे ईमानदार PDG और DG नहीं होते तो क्या होता। DRR के पद पर रोटारैक्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाला बैठा होता। बुरे काम का बुरा नतीजा। ऐसा ही कुछ SEARIC के चुनावों में RID3011 के पूर्व डीआरआर अनमोल चावला ने जीत के लिए किया था। लेकिन सच्चाई सामने आने पर RID3011 का नाम खराब करने के साथ ही उन्हे आज SEARIC के पदाधिकारियों के पद से ही बाहर कर दिया गया।