26 जनवरी की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने लोगों से की ये अपील
दिल्ली पुलिस ने किसी भी सबूत के संबध में उनसे संपर्क करने या उनकी आधिकारिक ईमेल आईडी पर विवरण भेजने के लिए कहा है। वहीं, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि गवाह की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।
दिल्ली पुलिस ने लोगों और मीडिया कर्मियों से गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई ट्रैक्टर रैली हिंसा का फुटेज पुलिस के साथ साझा करने का आग्रह किया है। जब तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों द्वारा बुलाए गए ट्रैक्टर रैली के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी किसान और सुरक्षा कर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। वहीं, पुलिस ने जानकारी या सबूत देने वाले व्यक्तियों को आगे आने और अपने बयान दर्ज कराने या हिंसा से जुड़े फुटेज सौंपने के लिए कहा है।
पुलिस क्राइम ब्रांच ने लोगों से कि ये अपील-
दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त बीके सिंह ने एक अपील में कहा कि मीडियाकर्मियों सहित सभी आम जनता से अनुरोध किया कि, जो ट्रैक्टर रैली हिंसा के साक्षी हैं या उस घटनाओं के बारे में कोई जानकारी रखते हैं या अपने मोबाइल फोन या कैमरों पर किसी भी गतिविधि कैद किया है तो वे आगे आएं और अपने बयान, फुटेज, फोटो को पुलिस के साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यदिवस में कार्यालयीन समय के दौरान कमरा नंबर 215, दूसरी मंजिल, पुरानी दिल्ली पुलिस मुख्यालय, आईटीओ, आईपी एस्टेट, नई दिल्ली में आकर हिंसा से जुड़े सबूत या अपना बयान दर्ज करा सकते हैं।
All members of the public including media persons who are witnesses to the incidents of January 26 and have captured any activity on their mobile/phones/ pictures are requested to forward to the contact numbers: Delhi Police pic.twitter.com/VKOXcT91nX
— ANI (@ANI) January 29, 2021
दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना पर एफआईआर दर्ज-
बता दें, दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124A (राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया है और इस मामले की जांच चल रही है। वहीं, अभिनेता दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सोशल एक्टिविस्ट लक्खा सिधाना का नाम लाल किले की घटना के संबंध में दर्ज पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में लिया गया है। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने किसी भी सबूत के संबध में उनसे संपर्क करने या उनकी आधिकारिक ईमेल आईडी पर विवरण भेजने के लिए कहा है। वहीं, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि गवाह की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।
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आपको बता दें कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में कई बिंदुओं पर किसान और पुलिस के बीच भिडंत हो गई थी। इस दौरान हिंसा में एक ट्रैक्टर के पलट जाने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। उसके बाद कई प्रदर्शनकारी लाल किले पर पहुंचे और 17वीं शताब्दआपको बता दें कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में कई बिंदुओं पर किसान और पुलिस के बीच भिडंत हो गई थी। इस दौरान हिंसा में एक ट्रैक्टर के पलट जाने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। उसके बाद कई प्रदर्शनकारी लाल किले पर पहुंचे और 17वीं शताब्दी के स्मारक में प्रवेश किया। उनमें से कुछ ने लालकिले की प्राचीर पर अपना झंडा फहराया, जहां देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
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