गणतंत्र दिवस: 26 जनवरी को 400 से अधिक स्कूली बच्चे और लोक कलाकार दिखाएंगे अपनी प्रतिभा
रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने मिलकर 401 छात्रों और कलाकारों का चयन किया है, जिनमें 271 लड़कियाँ और 131 लड़के शामिल हैं।
26 जनवरी 2021 को राजपथ पर आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिल्ली के चार विद्यालयों के बच्चे और कोलकाता स्थित पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के लोक कलाकार भाग लेंगे। इस कार्यक्रम के लिए रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने मिलकर 401 छात्रों और कलाकारों का चयन किया है, जिनमें 271 लड़कियाँ और 131 लड़के शामिल हैं।
इन छात्रों और कलाकारों का चयन डीटीईए सीनियर सेकेंडरी स्कूल (दिल्ली), माउंट आबू पब्लिक स्कूल (रोहिणी दिल्ली), विद्या भारती स्कूल (रोहिणी दिल्ली), राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बी-2, यमुना विहार, दिल्ली) और पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र (कोलकाता) से किया गया है।
आत्मनिर्भर भारतः माउंट आबू पब्लिक स्कूल (दिल्ली) और विद्या भारती स्कूल (दिल्ली) के कार्यक्रमों की थीम आत्मनिर्भर भारत के लिए दृष्टिकोण है। इस कार्यक्रम में 38 लड़कें और 54 लड़कियां भाग लेंगे।
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की 102 छात्राएं “हम फिट तो इंडिया फिट” विषय पर कार्यक्रम पेश करेंगी। ये कार्यक्रम 29 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉन्च किए गए फिट इंडिया अभियान से प्रेरित है।
डीटीईए सीनियर सेकेंडरी स्कूल (दिल्ली) के 127 छात्र पारंपरिक वेशभूषा में तमिलनाडु के लोक नृत्य का प्रदर्शन करेंगे। वहीं, पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, कोलकाता के 80 लोक कलाकार कलाहांडी, ओडिशा के लोकप्रिय लोक नृत्य बजासाल की शानदार प्रस्तुति देंगे।
13 जनवरी 2021 को आयोजित एक संवाददाता कार्यक्रम के दौरान गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने पर युवा प्रतिभागियों ने खुशी ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि राजपथ पर गणमान्य अतिथियों के सामने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिलना किसी गर्व से कम नहीं है। हम जबर्दस्त उत्साह से भरे हुए हैं।
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कोविड-19 महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों के चलते इस साल बच्चों और लोक कलाकारों के तौर पर भाग लेने वाले प्रतिभागियों की संख्या को 400 तक सीमित किया गया है, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 600 से भी अधिक थी।
– पीआईबी
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