Nitish Kumar ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, जानें कौन होगा जदयू का नया अध्यक्ष?
मनीष कुमार
बिहार में जब भी नितिश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली जदयू के भविष्य की चर्चा होती है, तो एक सवाल जरूर उठता है। सवाल ये की नितिश का उत्तराअधिकारी कौन होगा? नितिश के बाद पार्टी की जिमेदारी किसको सौपी जाएगी? ऐसे सवाल इसलिए भी उठते है क्योंकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे राजनिती से कोषों दुर है। ऐसे में नितिश किसे अपनी पार्टी की कमान सौपते है, यह काफी समय से चर्चा का विषय बना हुआ था। इन सभी चर्चाओं को विराम देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने विश्वस्त और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी आरसीपी सिंह को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है।
सर्वसम्मिति से चुने गए जदयू के अध्यक्ष-
जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रविवार यानी 27 दिसंबर को हुई बैठक में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया गया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया गया।
नीतीश ने ली चुनाव हारने की जिम्मेदारी-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि ‘पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए जदयू को फुल टाइम अध्यक्ष की जरूरत है और मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी होने के कारण वह पार्टी को समय नहीं दे पा रहे हैं। आरसीपी सिंह संगठन महासचिव के पद रहते हुए संगठन का काम काफी पहले से देख रहे हैं. इसलिए उन्हें अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा जा रहा है।’ नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव के बाद से आरसीपी सिंह के नाम पर मुहर लग गई।
जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय स्थित कपूर्री ठाकुर सभागार में रविवार को हुआ। इस बैठक में तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और झारखंड से आए प्रतिनिधि भी शामिल थे।
बैठक में हुई अहम मुद्दों पर चर्चा-
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा भी शामिल है। जदयू के विधायक अरुणाचल में सरकार को समर्थन दे रहे थे इसके बावजूद भी ऐसी घटना हुई यह मंथन का विषय है। ये बातें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने बैठक शुरू होने से पूर्व कही। हालांकि उन्होंने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश का असर बिहार में नहीं होगा। संजय झा ने विपक्षी पार्टी की ओर से इस मामले को लेकर निशाना साधे जाने पर कहा कि उनके पास इसके अलावा कोई काम नहीं रह गया है। विपक्ष सिर्फ सरकार गिराने के सपने देख रहा है, जो संभव नहीं है। जदयू प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश में भाजपा का जदयू के छह विधायकों को शामिल कराए जाने का व्यवहार उचित नहीं है।
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आपको बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ही कयास लगने शुरू हो गए थे कि आने वाले कुछ दिनों में पार्टी के अंदर बड़ा उलटफेर होगा। बता दें कि विधानसभा चुनाव में जदयू को 43 तो भाजपा को 74 सीटें मिली हैं।
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