Delhi Pollution: एक दिन में कम हुआ दिल्ली का प्रदूषण, यहां जाने वजह
अन्य राज्यों के खेतों में जलती पराली के कारण दिल्ली का प्रदूषण (Delhi Pollution) खतरे के निशान को पार कर जाता है। प्रदूषण के कई कारण हैं जिनमें खेतों में जलती पराली, राजधानी में लगी फैक्ट्रियां, सड़कों पर दौड़ते वाहन आदि शामिल हैं। ये सभी कारण दिल्ली के लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल कर देते हैं। लेकिन सिर्फ एक दिन के अंदर दिल्ली के प्रदूषण स्तर में भारी गिरावट देखी गई।
खतरे के निशान से नीचे दिल्ली में प्रदूषण
गुरुवार, 26 नवंबर को दिल्ली में वायु गुणवत्ता दर (Air Quality Index) 302 दर्ज की गई थी। 302 AQI दर्ज होने का मतलब है कि हवा सांस लेने के लायक नहीं है। इस हवा में जहरीले पदार्थ ज्यादा हैं जो आपके स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकते हैं। लेकिन शुक्रवार, 27 नवंबर को दिल्ली में AQI 131 दर्ज की गई। 131 AQI के होने का अर्थ है हवा दूषित है लेकिन पहले जितनी नहीं की सांस भी लेता दूषवार हो। एक दिन में आए इतने बढ़े बदलाव से सभी की आंखे तन सी गई हैं।
दिल्ली की हवा साफ होने का असली कारण
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से बह रही अनूकुल हवा की गति के कारण शुक्रवार सुबह दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खतरे से मध्यम स्तर पर आ गई। गुरुवार की रात में दिल्ली में हवा की रफ्तार 14 किलोमिटर प्रति घंटा दर्ज की गई। इसी के साथ ही दुसरे राज्यों में भी पराली दलाने पर किसानों ने रोक लगाई है। ऐसी ही अगर हवाएं चलती रहीं तो यहां की हवा एक बार फिर से बेहतर हो सकती है।
दिल्ली के प्रदूषण पर बारिश का प्रहार
वायु गुणवत्ता से जुड़े अंकों के बारे में यहां समझे
वायु गुणवत्ता के हिसाब से मिलने वालो अंक के बारे में यहां समझे। अगर वायु गुणवत्ता शून्य और 50 के बीच में है तो AQI को “अच्छा” माता है। अगर वायु गुणवत्ता 51 से 100 के बीच में हो तो “संतोषजनक” माना जाता है। 101 से 200 तक “मध्यम”, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक “बहुत खराब” और 401 से 500 तक “बहुत बहुत गंभीर” माना जाता है।
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