गोडसे को लेकर फिर गरमाई मध्यप्रदेश की राजनिती
देश में जब-जब के गोडसे की चर्ची होती है कोई ना कोई विवाद हो जाता है और राजनितीक बयानबाजी बढ़ जाती है। मध्यप्रदेश में नाथूराम गोडसे के नाम पर हुए विवाद के कारण क्षेत्र में धारा 144 लागू किया गया है।
देश में जब-जब के गोडसे की चर्ची होती है कोई ना कोई विवाद हो जाता है और राजनितीक बयानबाजी बढ़ जाती है। हालियां मामला मध्यप्रदेश के दौलतागंज का है, जहां नाथूराम गोडसे के नाम पर हुए विवाद की वजह से क्षेत्र में धारा 144 लागू करना पड़ा। दरअसल, बीते दिनों ग्वालियर हिंदू महासभा ने रविवार (10 जनवरी) को अपने दौलतगंज स्थित कार्यालय में गोडसे ज्ञानशाला का उद्घाटन किया था। इसपर स्थानिय लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया था जिसके बाद इलाके का महौल बिगड़ने कि संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंगलवार (12 जनवरी) को ज्ञानशाला को बंद करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट किशोर कन्याल ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दिया।
कांग्रेस नेता के इस बयान पर गरमाई राजनीति-
इस मामले पर कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आलोचना किया है। उन्होंनें कहा कि यह राष्ट्रपिता का अपमान है। ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले गोडसे पर ज्ञानशाला बना रहें है। नाथूराम गोडसे वह देश का पहला आतंकवादी था। कांग्रेस नेता के इस बयान पर प्रदेश की राजनीति गरमा गई।
साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय को दिया पलटवार जवाब-
भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा देशभक्तों का अपमान किया है। यह दुर्भाग्य कि बात है कि भगवा को आतंक से जोड़कर सनातन धर्म को कलंकित करने कि साजिश कांग्रेस की देन है।
2019 में साध्वी प्रज्ञा ने दिया था ये बयान-
हालांकि, प्रज्ञा ने इस दौरान गोडसे का नाम सीधे तौर पर नाम नहीं लिया। शायद वह 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान गोडसे पर दिए बयान पर प्रधानमंत्री मोदी की नराजगी को दोहराना नहीं चाहती हैं। उन्होंने 2019 में गोडसे को देशभक्त बताया था। इसको लेकर काफी विवाद हुआ। बीजेपी को उनके बयान पर सफाई देनी पड़ी और पार्टी ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया था। पीएम मोदी के आलोचना के बाद उन्हों फिर माफी भी मांगनी पड़ी थी।