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Cyber Fraud: न ओटीपी न कोई कॉल, IndusInd Bank से ऐसे निकल गए हजारों रुपए

Cyber Fraud: मध्यप्रदेश के सतना में IndusInd Bank के एक खाताधारक के बैंक खाते से आधार कार्ड द्वारा नकली फिंगर प्रिंट लगाकर हजारों रुपये निकाल लिए गए।

मध्यप्रदेश के सतना में रहने वाले व्यक्ति के साथ साइबर फ्रॉड का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर सभी खाताधारक को बैंक में रखे अपने पैसों की सुरक्षा को लेकर डर सताने लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मामले में साइबर फ्रॉड करने के लिए साइबर ठगो ने, न ही कोई फोन किया, ना ही किसी प्रकार की ओटीपी मांगी, न ही कोई लिंक भेजा, न ही डेबिट कार्ड, न ही क्रेडिट कार्ड की जानकारी ली। इसके बावजूद अचानक से बैंक खाते में पड़े उस व्यक्ति के हजारों रुपये गायब कर दिए। इस तरह के मामले देश में अभी तक लखनऊ और तमिलनाडु में भी हो चुके हैं।

कैसे अचानक से बैंक खाते से गायब हो गए हजारो रुपये –

साइबर फ्रॉड पीड़ित सतना के निवासी ने बताया कि अभी 13 दिन पहले ही उन्होने अपने घर के नजदीकि IndusInd Bank में नया खात खुलवाया। जिसके कुछ दिनों बाद ही उनके पास बैंक की तरफ से मैसेज आया। इस मैसेज को देख व्यक्ति घबरा गया। क्योंकि इस मैसेज में यह लिखा हुआ था कि उनके बैंक अकाउंट से 8000 रुपये निकाले गए हैं। यह पैसा AEPS ट्रांजेक्शन की मदद से निकाला गया यानी की आधार कार्ड की मदद से बैंक से पैसा निकाल लिया गया।

आधार कार्ड और जाली फिंगरप्रिंट की मदद से साइबर फ्रॉड –

पहले व्यक्ति यह मैसेज पढ़कर चौक जाता है क्योंकि नियम के अनुसार बिना खाताधारक के फिंगरप्रिंट के आधार कार्ड से पैसा निकल ही नहीं सकता है। यानी की वह अपने घर में ही और उसने किसी को पैसा निकालने के लिए कहां भी नहीं है, तो कैसे किसी ने उसके जाली फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर उसी के आधार कार्ड से, उसी के बैंक अकाउंट से पैसा निकाल लिया। यह पूरा का पूरा फ्रॉड इस पीड़ित व्यक्ति के समझ के बाहर था।

पीड़ित ने यह देख IndusInd Bank में जाता है और इस पूरी घटना, साइबर फ्रॉड के बारे में बैंक मैनेजर को लिखित में शिकायत देता है। पीड़ित व्यक्ति बैंक से अनुरोध करता है कि उसे यह बताया जाए कि उसका पैसा साइबर फ्रॉड करके किस जगह से निकाला गया है। लेकिन बैंक ऐसी जानकारी देने से मना कर देता है। पीड़ित बैंक की तरफ से कुछ खास मदद न मिलने पर अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन देन-लेन की प्रक्रिया को बंद करवा देता है ताकि जब तक जांच न हो जाए तब तक के लिए उसका अकाउंट सुरक्षित रहे।

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इतना ही नहीं पीड़ित ने अब अपने आधार कार्ड के Biometrics ( जैसे कि फिंगरप्रिंट और इरिस स्कैन ) को बंद करवा दिया है ताकि भविष्य में उसके आधार कार्ड से कोई फ्राड न कर सके। इसके बाद पीड़ित नजदिकी पुलिस थाना जाता है जहां अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड के बारे में पुलिसवालों को अवगत करवाता है।

यहां उसे पुलिसकर्मी साइबर फ्रॉड की शिकायत को गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज करवाने के लिए कहते हैं। पीड़ित ने अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड की जानकारी शिकायत के रुप में गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर जाकर दर्ज करवा दी है। ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने के बाद कई दिन बित चुके हैं लेकिन अब तक कोई खास कार्रवाई की जानकारी गृह मंत्रालय की तरफ से पीड़ित को नहीं मिली है।

अंतिम बार व्यक्ति ने यहां लगाया था अपना अंगूठा –

पीड़ित व्यक्ति ने जनका कनेक्ट टीम को अधिक जानकारी देते हुए बताया कि उसने हाल ही में अपने फिंगप्रिंट का इस्तेमाल IndusInd Bank बैंक में नया खाता खुलवाते समय Kyc करवाने के लिए किया था। इसके बाद और इससे पहले वह उसने फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल हाल में कहीं नही किया था। पीड़ित के साथ जो हुआ उसमें उसके आधार कार्ड, फिंगरप्रिंट की बड़ी भूमिका है क्योंकि बिना खाताधारक के फिंगरप्रिंट के उसके खाते से पैसा नहीं निकल सकता है।

साइबर विशेषज्ञों ने क्या कहा

साइबर फ्रॉड की रोकथाम से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो यहां सवाल बैंक पर भी उठ सकता है। इसके अलावा ठग UIDAI की वेबसाइट से ही ऐसी जानकारी किसी के बारे में चुराकर (हैक कर) इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मामला अभी भी जांच का विषय है।

देश में मोदी सरकार के आने के बाद डिजिटलाइजेशन में उन्नति हुई है, भारत आज ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के मामले में दुनिया में पहला स्थान रखता है। लेकिन इस ऑनलाइन की दुनिया का फायदा उठाते हुए अब ना जाने कितने फ्रॉड भी शुरु हो गए हैं। ओटीपी और डेबिट कार्ड से फ्रॉड के तो कई मामले पहले भी आ चुके हैं लेकिन अब तो जालसाज इससे एक कदम और आगे बढ़ा चुके है। अब इस तरह से फिंगरप्रिंट का यूज करके बैंक अकाउंट खाली कर रहे है।
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