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Budget 2021: आम लोगों के लिए क्या महंगा और क्या सस्ता, देखें पूरी लिस्ट

जैसे ही वित्त वर्ष 2021-22 का Budget 2021 समाप्त होता है, बहुत से लोग चिंतित हो जाते हैं कि क्या महंगा होने वाला है और क्या सस्ता होने वला है। वहीं रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की नई कीमतें क्या होने वाली है।

Budget 2021: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार यानी 1 फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2021-22 पेश किया। वहीं, इस वर्ष का बजट अनोखा है क्योंकि वित्त मंत्री ने कागज रहित बजट पेश करने के लिए ‘मेड इन इंडिया टैबलेट’ का इस्तेमाल किया। जो पिछले वर्ष बजट के लिए ‘बही खाता’ इस्तेमाल करती थी। बजट (Budget 2021) इस वर्ष विशेष है क्योंकि इसे कोविड-19 महामारी के बीच चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रस्तुत किया गया है। ऐसे में आम लोगों को बजट किस रूप से प्रभावित करेगा, इसकी चिंता लोगों को होने लगती है। वहीं, बजट के बाद उनके लिए कौन सी चीज़े सस्ती और कौन सी महंगी होने वाली ये भी चिंता उन्हें होने लगती है।

बजट 2021 में क्या महंगा और क्या सस्ता?
जैसे ही वित्त वर्ष 2021-22 का बजट समाप्त होता है, बहुत से लोग चिंतित हो जाते हैं कि क्या महंगा होने वाला है और क्या सस्ता होने वला है। वहीं रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की नई कीमतें क्या होने वाली है। ऐसे में आपका बता दें कि बड़ी संख्या में आइटम हैं जो महंगे हो सकते हैं। वहीं, कुछ चीज़े ऐसी है जो एक समय में सस्ती हो सकती है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि कौन सी चीज़े सस्ती और कौन सी चीज़े महंगी होने वाली है।

यह चीज़े हो सकती है महंगी-
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान आपके लिए कुछ चीज़े महंगी हो सकती है। जिनमें मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक आईटम्स शामिल हैं। वहीं, मोबाइल फोन, चार्जर्स, पावर बैंक, आयातित कच्चा रेशम, सोलर इनवर्टर, चमड़े की वस्तु, रत्न, टनल बोरिंग मशीन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, काबुली चना, दालें, यूरिया और ऑटो पार्ट्स महंगे हो सकते हैं।

यह चीज़े होंगी सस्ती-
बजट 2021 पेश होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि आम लोगों के लिए कुछ चीजों में राहत मिल सकती है। ऐसे में उनके लिए कुछ ऐसी चीज़े है जो सस्ती हो सकती है। जैसे लोहा, स्टील, नायलॉन के कपड़े, तांबे की वस्तु, बीमा, जूते, बिजली, कृषि उपकरण जैसे अन्य सामान भी सस्ते हो सकते हैं।

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मिडिल क्लास के लिए कोई राहत नहीं-
केंद्रीय बजट (Budget 2021) को पेश करते हुए, निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में, केंद्रीय बजट में केवल तीन बार जीडीपी का पालन किया गया है। साथ ही वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में 15 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट पेश की। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में विकास को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया। हालांकि, मध्यम वर्ग के लिए कोई राहत नहीं रही क्योंकि आई-टी स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया।

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