अफगानिस्तान में बनी थीं बॉलीवुड की ये पांच फिल्मे, उस समय तालिबानियों ने दी थी खुली धमकी
तालिबानी कब्जे वाले अफगानिस्तान की राजनीतिक हलचल पर पूरी दुनिया की नज़रें टिकी हैं। तालिबानी आतंकी पूरे अफगानिस्तान पर एक बार फिर से कब्जा कर चुके हैं।
तालिबानी कब्जे वाले अफगानिस्तान की राजनीतिक हलचल पर पूरी दुनिया की नज़रें टिकी हैं। तालिबानी आतंकी पूरे अफगानिस्तान पर एक बार फिर से कब्जा कर चुके हैं। अफगानिस्तान के इतिहास ने खुद को पलट कर रख दिया। इतिहास ने कुछ यूं करवट ली है कि अफगानिस्तान में एक बार फिर खौफ और आतंक का दौर लौट आया है। भारत सरकार इस मुश्किल समय में अफगानिस्तान के बेगुनाह लोगों के साथ खड़ी है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि हिन्दी फिल्मों और अफगानिस्तान का भी गहरा रिश्ता रहा है। बॉलीवुड में कई फिल्मे हैं जिनकी शूटिंग अफगानिस्तान (Movies Made In Afghanistan) की अलग-अलग जगहों पर हुई है। कई बार तो अफगानिस्तान में शूटिंग करना जोखिम भरा भी रहा। फिल्म काबुल एक्सप्रेस की टीम को तो तालिबान ने धमकी तक दे दी थी।
काबुल एक्सप्रेस (Kabul Express)
जैसा की नाम से ही ज़ाहिर है साल 2005 में रिलीज़ हुई जॉन अब्राहम और अरशद वारसी की फिल्म काबुल एक्सप्रेस को भी अफगानिस्तान में फिल्माया गया था। अफगानिस्तान से तालिबान के सफाये के बाद डायरेक्टर कबीर खान ने फिल्म को काबुल में फिल्माया था। हांलाकि तब भी फिल्म की टीम को तालिबान की तरफ से धमकियां मिली थी। अपने एक इंटरव्यू में खुद कबीर खान ने इसका खुलासा करते हुए कहा था कि ‘मैं काबुल से मुंह नहीं मोड़ सकता था। तब तो बिल्कुल नहीं जब मेरे कास्ट और क्रू को तालिबान से जान से मारने की धमकी मिल रही थी।’
खुदा गवाह (Khuda Gawah)
1992 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन की फिल्म खुदा गवाह जिसमें श्रीदेवी ने भी काम किया था ।यह फ़िल्म भी अफगानिस्तान में हीं शूट की गई थी।साल 1992 में रिलीज़ हुई इस फिल्म की शूटिंग वहां दस हफ्ते तक चली थी। अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ, कंधार, काबुल और इनके आसपास के इलाकों इस फिल्म के खास हिस्सों को फिल्माया गया था। एक बार अमिताभ बच्चन ने खुद अपने ब्लॉग में अफगानिस्तान में शूटिंग करने के एक्सपीरिंयस को शेयर किया था। नजीबुल्ला अहमदजई हिंदी सिनेमा के बड़े प्रशंसक थे। वह मुझसे मिलना चाहते थे। हमारा मजार ए शरीफ में वीवीआईपी स्वागत हुआ और हमने उस बेहद खूबसूरत देश को एयरफोर्स के जहाजों के साये में करीब-करीब पूरा मथ डाला था।
जानशीन (Janasheen)
1975 में फिल्म धर्मात्मा को अफगानिस्तान में फिल्माने के बाद फिरोज़ खान एक बार फिर अफगानिस्तान पहुंचे थे। फिरोज़ खान ने अपने बेटे फरदीन खान की डेब्यू फिल्म जानशीन के कुछ हिस्से की शूटिंग अफगानिस्तान में ही की थी। यह फिल्म साल 2003 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म को फिरोज़ खान ने लार्जर देन लाइफ स्केल पर फिल्माया था।
हांलाकि, इसके बाद तालिबानी आतंकियों के सत्ता में काबिज होने के बाद अगले कुछ साल तक बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग अफगानिस्तान में नहीं हुई।
Indian Idol Season 12 जीतने के बाद, Salman Khan को लेकर Pawandeep ने कही यह बात
तोरबाज़ (Torbaaz)
पिछले साल रिलीज़ हुई संजय दत्त की फिल्म तोरबाज़ की शूटिंग भी अफगानिस्तान में हुई है। फिल्म में संजय दत्त ने काबुल की इंडियन एंबेसी में रहने वाले एक ऐसे भारतीय डॉक्टर का रोल प्ले किया था जो अपनी बीवी और बच्चे को खो चुका है। फिल्म के डायरेक्टर गिरीश मलिक के मुताबिक अफगानिस्तान में शूटिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण था। जब हम अफगानिस्तान में थे तो हमें 6 महीने लग गए थे शूटिंग के लिए सही लोकेशन को ढ़ूंढ़ने में। फिल्म की काफी शूटिंग किर्गिस्तान में भी की गई थी।
धर्मात्मा (Dharmatma)
डायरेक्टर और एक्टर फिरोज़ खान हमेशा क्लासीक फिल्मों को बनाने के लिए चर्चित थे। फिरोज़ खान अपनी फिल्मों की शूटिंग की जगह काफी सोच-समझकर चुनते थे। फिरोज़ खान, सुपरस्टार रेखा और ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी के साथ कि गई फिल्म ‘धर्मात्मा’ पहली हिन्दी फिल्म थी जिसकी शूटिंग अफगानिस्तान में सेलेक्ट की गई थी। फिरोज खान मूल रूप से अफगानिस्तान के अफगानी थे,ऐसे वो वो अपनी फिल्म को शूट करने पहुंचे थे। 25 जुलाई 1975 में रिलीज़ हुई धर्मात्मा में सुपरस्टार हेमा जी ने एक कबीले की लड़की का रोल निभाया था। जिसकी खूबसूरती पर अमीर कारोबारी के बेटे रनबीर का दिल आ जाता है। अपने परिवार से लड़कर रणबीर भारत छोड़कर अफगानिस्तान चला जाता है। बताया जाता है कि इस फिल्म की रिलीज़ के बाद बॉलीवुड की सुपरस्टार अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अफगानिस्तान में काफी सुर्खियां बटोरी थीं।