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Digital Skilling: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ‘डिजिटल स्किलिंग प्रोग्राम’ का करेंगे उद्घाटन

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की पहल 'डिजिटल स्किलिंग' कार्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है। इस शैक्षिक कार्यक्रम 'डिजिटल स्किलिंग' का शुभारंभ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा 6 जून 2022 को किया जाएगा।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की पहल ‘डिजिटल स्किलिंग’ कार्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है। इस शैक्षिक कार्यक्रम ‘डिजिटल स्किलिंग’ का शुभारंभ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा 6 जून 2022 को किया जाएगा।

प्रधान ने कहा, “भारत में उच्च बुद्धिमता और जनशक्ति प्रतिभा को देखते हुए, शिक्षा क्षेत्र के लिए यह कार्यक्रम सही आवेदकों को कौशल प्रशिक्षकों और उभरती प्रौद्योगिकियों पर विशेषज्ञता प्रदान करने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों से जोड़ना है। इसमें कृत्रिम बुद्धि, ब्लॉकचेन, बिग डेटा शामिल है और क्लाउड कंप्यूटिंग आदि। ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ के तहत भारत नई शिक्षा नीति के तहत नवाचारों और कौशल को प्रोत्साहन देते हुए दुनिया की अग्रणी प्रौद्योगिकियों के बराबर होगा।”

एआईसीटीई ‘डिजिटल स्किलिंग’ कार्यक्रम के माध्यम से कक्षा 7वीं से स्नातक तक के छात्रों के लिए इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान करने जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत कक्षा 7वीं से बच्चों को तकनीकी क्षेत्र में इंटर्नशिप के अवसर दिए जाएंगे।

एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, ‘डिजिटल स्किलिंग’ कार्यक्रम छात्रों और औद्योगिक कंपनियों के बीच की खाई को पाटने का भी काम करेगा। एआईसीटीई का लक्ष्य है कि उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जाए। इससे स्पष्ट है कि यह प्रोग्राम देश के युवाओं को आने वाली ‘फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी’ की एबीसी सिखाने के काम आएगा।”

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भारत पिछले एक दशक में तकनीकी शिक्षा के लिए एक उभरता देश बन गया है। इसने विनिर्माण और व्यवसाय संचालन के मामले में अवसर दिखाए हैं। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) बड़ी भूमिका निभा रही है।

एआईसीटीई के ‘चीफ कोऑर्डिनेटर ऑफिसर’, श्री बुद्ध चंद्रशेखर ने कहा, “भारत पिछले एक दशक में तकनीकी शिक्षा के लिए एक उभरता हुआ देश बन गया है। इसने विनिर्माण और व्यवसाय संचालन के मामले में अवसर दिखाए हैं। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसने अपने तकनीकी कौशल को सुधारना शुरू कर दिया है। जिसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) इसमें एक बड़ी भूमिका निभा रही है। यह पहली बार है कि राष्ट्रीय स्तर पर एआईसीटीई ने शिक्षा मंत्रालय, कौशल और उत्पादन मंत्रालय, सबंधित एनएसडीसी, कौशल भारत कार्यक्रम के साथ इस तरह की पहल शुरू की है। विभिन्न उद्योगों की मांग को पूरा करने और भारत को हमारे माननीय पीएम मोदी जी के सपने आत्मनिर्भर भारत पहल को पूरा करने में मदद करने के लिए 100 से अधिक प्रौद्योगिकी कॉर्पोरेट / निर्माण फर्म पहले ही इस मंच पर शामिल हो चुके हैं, जो मुफ्त में उभरती हुई प्रौद्योगिकी सर्टिफिकेट प्रदान करते हैं। ”

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा और कई अन्य प्रासंगिक क्षेत्र। नैसकॉम, अमेज़ॅन, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़ॅन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) और एडब्ल्यूएस नेटवर्किंग पार्टनर्स, भारत ब्लॉक चेन नेटवर्क – आईडीएस सॉफ्टवेयर एम्बिब, गूगल – स्मार्ट ब्रिज, प्राइमस पार्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड, एडस्किल्स, गिटहब और कई अन्य कई ऐसे दिग्गजों ने इस पहल में सहयोग किया है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) के आंकड़े बताते हैं कि विनिर्माण से सकल घरेलू उत्पाद बढ़कर 2021 की चौथी तिमाही में 5914.75 बिलियन, 2021 की तीसरी तिमाही में 5867.75 बिलियन हो चुकी है। अब, कुछ नई पहल करने की आवश्यकता है जो युवा पीढ़ी को तकनीकी ज्ञान बाजार में नौकरी पाने में मददगार साबित होगी। इस दिशा में तकनीकी छात्रों के लिए अवसरों को उपयोगी बनाने के लिए एआईसीटीई पहले ही कई कदम उठा चुका है।

भारत तकनीक-कुशल अभ्यर्थियों के साथ-साथ बेंगलुरू और हैदराबाद की आईटी कंपनियों का केंद्र है, जिन्हें लोकप्रिय रूप से स्टार्ट-अप गंतव्यों के रूप में जाना जाता है। अब एआईसीटीई की नवीनतम पहल के माध्यम से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) देश के कोने-कोने में नौकरी के लिए भर्ती करने वाले और कौशल प्रशिक्षकों को बनाने के लिए कमर कस रही है। इसमें देश की केंद्र सरकार भी काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है।

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