अभातशिप द्वारा अनुसूचित भारतीय भाषाओं में “तकनीकी पुस्तक लेखन’ की शुरुआत
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 की पहली वर्षगांठ पर देश को शुभकामनाएँ देते हुए इस अवसर पर आयोजित समारोह में कई नई पहलों का शुभारंभ किया। भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत उन पहलों में से एक महत्वपूर्ण पहल है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 की पहली वर्षगांठ पर देश को शुभकामनाएँ देते हुए इस अवसर पर आयोजित समारोह में कई नई पहलों का शुभारंभ किया। भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत उन पहलों में से एक महत्वपूर्ण पहल है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा 12 अनुसूचित भारतीय भाषाओं में “तकनीकी पुस्तक लेखन और अनुवाद” योजना शुरू की गई है। इस प्रयास में सम्मिलित 12 भारतीय भाषाएं इस प्रकार हैं: हिन्दी, मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगू , गुजराती, कन्नड़, पंजाबी, उड़िया, असमी, उर्दू, मलयालम।
वर्ष 2021-22 में, 10 राज्यों में स्थित 19 संस्थान, 6 भारतीय भाषाओं में यूजी और डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की दिशा में आगे आए हैं। इस प्रयास से 7 अलग-अलग विषयों में कुल 255 छात्र छात्राओं ने स्नातक स्तर में भारतीय भाषाओं में दाखिला लिया।
प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रारंभ में 9 भारतीय भाषाओं में डिप्लोमा स्तर पर 12 पुस्तकें और स्नातक स्तर पर 10 पुस्तकें तैयार की गई हैं। 9 भारतीय भाषाओं के अलावा एआईसीटीई ने 3 और भारतीय भाषाओं जैसे असमी, उर्दू और मलयालम में अनुवाद का काम शुरू किया है। कुल 291 लेखकों, अनुवादकों, सत्यापनकर्ताओं और भाषा विशेषज्ञों ने पिछले एक वर्ष की अवधि में प्रथम वर्ष की पुस्तकों से संबंधित कार्य को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।
वर्ष 2022-23 में एआईसीटीई 12 भारतीय भाषाओं में द्वितीय वर्ष की पुस्तकें उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले संस्थानों की संख्या को बढ़ाकर 75 किया जाएगा जो 5 विषयों में इंजीनियरिंग शिक्षा प्रदान करेंगे । यह आशा की जा रही है कि छात्रों का नामांकन बढ़कर लगभग 5000 हो जाएगा और उन्हें क्षेत्रीय भाषाओं की पाठ्यपुस्तकों से लाभान्वित होंगे । यह अनुमान है की क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने के लिए कि 250 nos. शिक्षकों को भी एआईसीटीई द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा ।
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वर्ष 2023-24 में एआईसीटीई 15 भारतीय भाषाओं में तृतीय वर्ष की पुस्तकों को उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रसर हैI साथ ही साथ भारतवर्ष के सभी राज्यों में स्थित 500 इंजीनियरिंग संस्थानों में लगभग 30,000 छात्रों को भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग शिक्षा को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगाI क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने के लिए लगभग 1500 शिक्षकों को आईसीटी के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा I
साथ ही साथ एआईसीटीई, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के सभी कोर्सेज को डिजिटल माध्यम से स्वयं प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराएगा जिससे कि भारत के विभिन्न प्रांतों के छात्र एवं छात्राएं भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग शिक्षा की पढ़ाई कर सकेंगे ।