इंडियन 5G स्पेक्ट्रम फ्लाइट राडार के लिए कितना सुरक्षित है? जानें यहां
ITU APT के अनुसार, रेडियो अल्टीमीटर के लिए दुनिया भर के विमानों द्वारा उपयोग किया जाने वाला फ़्रीक्वेंसी बैंड 4200-4400MHz (4.2-4.4GHz) है, और यूएस में C-बैंड 5G स्पेक्ट्रम का फ़्रीक्वेंसी बैंड 3700-3980MHz (3.7-3.9GHz) है। जो C-Band 5G फ़्रीक्वेंसी के करीब है।
इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) और एशिया पैसिफिक टेलीकम्युनिटी (APT) इंडिया ने गुरुवार को कहा कि इंडियन 5G स्पेक्ट्रम पर्याप्त सुरक्षा के साथ भारत में आएगा और विमान की ऊंचाई और उसकी उड़ानों को प्रभावित नहीं करेगा। हालाँकि, ऐसा बयान तब आया है जब हाल ही में एयर इंडिया समेत अन्य एयरलाइनों के बिच 5G रोलआउट के कारण अमेरिका के लिए उड़ानें रद्द की गयी थी। माना जा रहा है कि सी-बैंड 5G, जिसे अब यूएस में पुनर्निर्धारित किया गया है, सुरक्षा गियर और वायुयानों की ऊंचाई के बिच बाधा डालता है। जिसपर पायलट विमान और नेविगेशन को उतारने के लिए रिले करता है। ऐसे में 5G टेक्नोलॉजी को भारत में सवाल उठने लगे की क्या ये भारत के उड़ानों पर भी बाधा डालेगा। वहीं, संयुक्त राष्ट्र निकाय ने अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ और आईटीयू APT India को मान्यता देते हुए स्पेक्ट्रम से संबंधित मुद्दों पर काम कर रहा है।
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फ्लाइट राडार में कोई बाधा नहीं-
एक बयान में, आईटीयू एपीटी के अध्यक्ष, भारत भाटिया ने कहा, “भारत में, 5G सेवाओं से विमान को कोई खतरा नहीं है और हम पूरी तरह से सुरक्षित हैं क्योंकि हम केवल 3300-3670 मेगाहर्ट्ज आवंटित कर रहे हैं, जो कि अल्टीमीटर स्पेक्ट्रम 500 मेगाहर्ट्ज अधिक है। इस प्रकार भारत में 5जी के लिए जिन सी बैंड फ़्रीक्वेंसी की नीलामी की जा रही है, वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और नागरिक उड्डयन रडार अल्टीमीटर को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “भारत में, सरकार वर्तमान में सार्वजनिक 5G सेवाओं के लिए 3.7 GHz से अधिक फ़्रीक्वेंसी पर विचार नहीं कर रही है, वहीँ, संयुक्त राज्य अमेरिका के संबंध में ये फ़्रीक्वेंसी बैंड सवालों में हैं जहां यह संभावित हस्तक्षेप देखा गया है।
इंडियन 5G स्पेक्ट्रम कितना सुरक्षित है?
ITU APT के अनुसार, रेडियो अल्टीमीटर के लिए दुनिया भर के विमानों द्वारा उपयोग किया जाने वाला फ़्रीक्वेंसी बैंड 4200-4400MHz (4.2-4.4GHz) है, और यूएस में C-बैंड 5G स्पेक्ट्रम का फ़्रीक्वेंसी बैंड 3700-3980MHz (3.7-3.9GHz) है। जो C-Band 5G फ़्रीक्वेंसी के करीब है।
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13 शहरों में 5G सेवाओं का शुभारंभ-
इंडियन 5G स्पेक्ट्रम आवंटन फिलहाल चर्चा के चरण में है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए कीमत और नियमों का निर्धारण करने के लिए इच्छुक पार्टियों से प्रतिक्रिया लेने के सम्बन्ध में परामर्श पत्र जारी किया है। ट्राई की सिफारिशों की समीक्षा के बाद और सरकार द्वारा कीमत तय किए जाने के बाद नीलामी के जरिए इच्छुक पार्टियों को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। बता दें, 2022 में केवल 13 शहरों (दिल्ली, मुंबई) में 5G सेवाओं का शुभारंभ होगा। वहीँ, अधिकांश शहरों को तेज इंटरनेट देखने के लिए 2023 तक का इंतजार करना होगा।
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