हिंदू राष्ट्र की मांग पर क्या गिरफ्तार हो सकते हैं Jagadguru Paramhans
तपस्वी चावनी के प्रसिद्ध संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने मांग की है कि अक्टूबर में महात्मा गांधी की जयंती से पहले भारत को 'हिंदू राष्ट्र' घोषित किया जाए। साथ ही उन्होने यह धमकी भी दी है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वह 'जल समाधि' ले लेंगे।
तपस्वी चावनी के प्रसिद्ध संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने मांग की है कि अक्टूबर में महात्मा गांधी की जयंती से पहले भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ घोषित किया जाए। साथ ही उन्होने यह धमकी भी दी है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वह ‘जल समाधि’ ले लेंगे। लेकिन यहां सवाल यह है कि जब कोई देश में इस्लाम राष्ट्र की मांग करता है, तो उसे देशद्रोही कहने वाले कई मुंह जन्म ले लेते हैं। तो ऐसे में हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले जगद्गुरु परमहंस पर क्या एक्शन होगा।
Jagadguru Paramhans Acharya Maharaj ने की यह मांग-
जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने अयोध्या में पत्रकारों को बयान दिया। जिसमें उन्होने कहा, ” मैं मांग करता हूं कि भारत को 2 अक्टूबर तक ‘हिंदू राष्ट्र’ घोषित किया जाना चाहिए नहीं तो फिर मैं सरयू नदी में जल समाधि ले लूंगा।” साथ ही उन्होने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से भारत में रहने वाले मुसलमानों और ईसाइयों की राष्ट्रीयता समाप्त करने की भी मांग की। सवाल यह है कि क्या ऐसे बयानों से देश के साथ उत्तर प्रदेश का माहौल नहीं खराब होगा। आंतरिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए उकसाने के जुर्म में क्या जगद्गुरु परमहंस को यूपी पुलिस गिरफ्तार करेगी।
हिंदू सनातन धर्म संसद का होगा आयोजन-
परमहंस आचार्य इससे पहले इस मुद्दे पर 15 दिन का आमरण अनशन कर चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आश्वासन मिलने के बाद ही संत ने अनशन तोड़ा। अयोध्या के संत समुदाय ने कहा है कि वह द्रष्टा द्वारा की गई मांगों के समर्थन में ‘हिंदू सनातन धर्म संसद’ आयोजित करेंगे।
Ayodhya | I demand that India should be declared a ‘Hindu Rashtra’ by Oct 2 or else I’ll take Jal Samadhi in river Sarayu. And Centre should terminate nationality of Muslims & Christians: Jagadguru Paramhans Acharya Maharaj (28.09) pic.twitter.com/QMAIkd6tLZ
— ANI UP (@ANINewsUP) September 29, 2021
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चुनाव के समय में ऐसा बयान विवादास्पद-
अजगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने एक बार अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के ‘मुहूर्त’ को लेकर द्वारका शारदा पीठ प्रमुख शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद को चुनौती दी थी। यहां तक कि उन्होंने स्वरूपानंद को कांग्रेस का चाटुकार करार देते हुए उनकी खिंचाई भी की। संत की विवादास्पद टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सभी शीर्ष राजनीतिक दलों ने 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है।
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अयोध्या के संतों से पंगा लेना पड़ा भारी-
यहां ध्यान दिया जा सकता है कि अतीत में कई अन्य प्रभावशाली संतों ने भी इसी तरह की मांग की थी। इससे पहले जब आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए थे तो संतों ने ट्रस्ट के खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए 1000 करोड़ रुपये की मानहानि दर्ज करने की धमकी दी थी। जिसपर अब दोनों राजनीतिक दलों पर मुकदमा चल रहा है।