भारत की वस्त्र धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने के लिए दुबई में ‘हथकरघा’ प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी को फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (FICCI) और भारतीय दूतावास ने मिलकर आयोजित किया है।
भारत के पारंपरिक वस्त्र और हस्तशिल्प को दुनिया भर में पहचान दिलाने के लिए FICCI और भारतीय दूतावास ने दुबई में ‘हथकरघा’ प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी में भारत के कारीगरों और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को एक साथ लाया गया है। यह कदम भारत की कारीगरी को बढ़ावा देने और नए आर्थिक अवसरों को खोलने के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रदर्शनी में मणिपुर हैंडलूम और हस्तशिल्प विकास निगम (MHDC) ने अपनी पारंपरिक कृतियों का प्रदर्शन किया। इसमें रंग-बिरंगे फानेक, रानी फी और हाथ से बुने हुए शॉल शामिल हैं, जो पूर्वोत्तर भारत की खास बुनाई तकनीकों को दर्शाते हैं। प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न हिस्सों से कई हैंडलूम उत्पाद भी दिखाए गए हैं।
यह प्रदर्शनी भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच नए व्यापारिक समझौते, CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) के तहत आयोजित की जा रही है। तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में दुबई, शारजाह और टेक्सटाइल सिटी में व्यवसायिक बैठकें भी हो रही हैं। इससे कारीगरों को वैश्विक बाजार से जुड़ने का मौका मिल रहा है।
‘हथकरघा’ प्रदर्शनी भारत की पारंपरिक कारीगरी को सहेजने और उसे वैश्विक स्तर पर आर्थिक रूप से प्रासंगिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।