उत्तर प्रदेश

Mahant Narendra Giri मामले में शिष्य Anand Giri के साथ दो लोग और गिरफ्तार

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhada Parishad) के अध्यक्ष 72 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत का मामला गहराता जा रहा है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhada Parishad) के अध्यक्ष 72 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत का मामला गहराता जा रहा है। नरेंद्र गिरि के मौत के बाद से ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल सी है। जिसको शांत करने के लिए पुलिस ने मामले में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य स्वामी आनंद गिरि (Swami Anand Giri) को दो और लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि आनंद गिरि का नाम नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में दो अन्य लोगों के साथ पुलिस को मिला है।

प्रयागराज में बाघंबरी मठ में मिला शव-

हालांकि पुलिस गिरफ्तारी को लेकर आनंद गिरि ने इसे एक बड़ी साजिश बताते हुए खुद को निर्दोष बताया है। महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को प्रयागराज में अपने बाघंबरी मठ में मृत पाए गए। सुसाइड नोट उस कमरे से मिला जहां महंत नरेंद्र गिरि मृत पाए गए थे। महंत नरेंद्र गिरि अक्टूबर 2019 में दूसरे कार्यकाल के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख चुने गए।

हरिद्वारा से गिरफ्तार हुए आनंद गिरी-

उत्तराखंड पुलिस की मदद से आनंद गिरी को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया और मामले की आगे की जांच जारी है। शिष्यों ने पुलिस को बताया कि सोमवार को दोपहर करीब 3-4 बजे, उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया जो अंदर से बंद था और अंदर देखा तो नरेंद्र गिरि का शरीर लटका हुआ था, यूपी एडीजी कानून और व्यवस्था प्रशांत कुमार ने यह बात न्यूज एजेंसी एएनआई को बताई।

फंदे से लटकता मिला Mahant Narendra Giri का शरीर, मिला सुसाइड नोट

गिरफ्तार आनंद गिरि ने की गहन जांच की मांग-

स्वामी आनंद गिरि ने अपनी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले ज़ी न्यूज़ से बात की थी और आरोप लगाया था कि महंत नरेंद्र गिरि की ‘हत्या’ की गई है। साथ ही उन्होने इस मामले की गहन जांच की मांग की थी। पुलिस ने प्रयागराज में हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी हिरासत में लिया है, क्योंकि उनके नाम भी महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में दर्ज हैं।

आनंद गिरि और नरेंद्र गिरि में हुआ था मतभेद-

आनंद गिरि को कभी महंत नरेंद्र गिरि का करीबी शिष्य माना जाता था, जिनका बाद में संपत्ति के कुछ मुद्दों पर उनके साथ मतभेद हो गया था। जिसके बाद दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि आनंद गिरी को मठ से बाहर कर दिया गया।

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पुलिस कर रही है पूरे मामले की जांच-

अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रयागराज के आईजी और पुलिस उप महानिरीक्षक समेत पुलिस दल को प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला होने का संदेह है। हालांकि, जांच जारी है और फोरेंसिक टीम मौके पर मौजूद थी।

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