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कांग्रेस की राह चली मोदी सरकार! स्किल इंडिया की बात करने वाले आरक्षण देने पर मजबूर

इस मंजूरी के साथ ही अब एमबीबीएस, बीडीएस और पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा स्तर के मेडिकल कोर्सों के दाखिले में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी की OBC (Other Backward Classes) के छात्रों को 27 फीसद जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economic Weaker Section) के छात्रों को 10 फीसद आरक्षण दिया जाएगा।

मेडिकल कॉलेजों के दाखिले में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की मांग अब पूरी हो चुकी है। लोगों की मांग थी कि उन्हे आरक्षण दिया जाए। जिसे अब मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ ही अब एमबीबीएस, बीडीएस और पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा स्तर के मेडिकल कोर्सों के दाखिले में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी की OBC (Other Backward Classes) के छात्रों को 27 फीसद जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economic Weaker Section) के छात्रों को 10 फीसद आरक्षण दिया जाएगा।

इन मंत्रियों की सुनकर मोदी सरकार ने दे दिया आरक्षण-

मोदी सरकार का ये फैसला अखिल भारतीय आरक्षण योजना के अंतर्गत मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2021-22 से ही लागू कर दिया जाएगा। बता दें ऑल इंडिया कोटे की सीटों में मेडिकल में दाखिला के समय ओबीसी वर्ग के लोगों को आरक्षण देने की मांग कई सालों से की जा रही थी। केंद्रीय श्रम एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय स्टील मंत्री आरसीपी सिंह की अध्यक्षता में अनुप्रिया पटेल और अन्य ओबीसी सांसदों और मंत्रियों ने बुधवार को इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।

इन मंत्रियों की मुलाकात से पहले आरक्षण की मांग थी लेकिन सरकार ने दिया नहीं था। इसमें आरक्षण का लाभ केवल SC-ST के छात्रों को ही मिल रहा था। जिसको लेकर संसद भवन में कई बार ओबीसी सांसदों ने इस परीक्षा में भी ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने की मांग करते रहे। सरकार के सामने भी बड़ा प्रश्न था।

चुनाव से पहले ही मोदी सरकार का पावर पंच-

ओबीसी छात्रों को 27 प्रतिशत का आरक्षण के कई मायने हैं। उनमे से एक चुनाव भी है। 2022 में उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात तक चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्र सरकार नहीं चाहेगी कि ऐसी कोई भी गलती हो जिससे उनको नुकसान हो। जाहिर सी बात है आरक्षण के नाम से खुश हुआ समाज जरुर ही पीएम मोदी और उनके समर्थकों को ही चुनेगा। ताकि उनका आरक्षण बना रहे। ऐसा कई लोगों का कहना है।

कांग्रेस की राह चली मोदी सरकार-

आरोप ये भी लगे कि स्किल इंडिया का नारा देने वाली सरकार आरक्षण बांट रही है। जबकि बीजेपी के समर्थकों का कहना है कि उन्होने सरकार आरक्षण हटाने के लिए चुनी है ना कि आरक्षण बांटने के लिए। लेकिन जनता को ये भी समझना चाहिए कि ओबीसी वोटर्स की आबादी जनरल वोटर्स की आबादी से कहीं ज्यादा है। खासकर की उत्तर प्रदेश में ओबीसी वर्ग की एक नाराजगी 2022 में योगी और मोदी दोनों ही सरकारों को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में आरक्षण की नीति लिए मोदी सरकार भी कांग्रेस की सरकार जैसे दिखने लगी है।

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