उत्तर प्रदेश

17 लाख रुपये कमाने वाला यूपी का LLB किसान खेत में उगाता है यह फसल

खीमपुर खीरी के बेहजाम विकासखंड के साकेतु गांव के रहने वाले शिक्षित किसान सुरेश चंद्र वर्मा न सिर्फ बांस की खेती कर रहे हैं बल्कि दो साल में इस खेती में सह फसल के रूप में गन्ने की खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा रहे हैं।

किसान आंदोलन का एक मुद्दा किसानों की आय भी है। अच्छी आय न होने की वजह से देश का किसान फांसी लगाकर अपनी जान दे देता है। लेकिन देश में ऐसे भी किसान हैं जो अब किसानी के तरीकों को बदल लाखों रुपये कमा रहे हैं। उन्ही में से एक किसान ने अब पारंपरिक खेती से दूरी बनाते हुए, बांस की खेती करना शुरु कर दिया है। लखीमपुर खीरी के बेहजाम विकासखंड के साकेतु गांव के रहने वाले शिक्षित किसान सुरेश चंद्र वर्मा न सिर्फ बांस की खेती कर रहे हैं बल्कि दो साल में इस खेती में सह फसल के रूप में गन्ने की खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा रहे हैं।

BA LLB करने के बावजूद शुरु की खेती-

65 वर्षीय किसान सुरेश चंद्र को जमीन विरासत में मिली और उन्होंने बीए एलएलबी की डिग्री होने के बावजूद खेती शुरू की। वर्मा को गन्ना, धान और गेहूं जैसी विभिन्न चीजों की खेती करने का शौक है जिसने उन्हें बागवानी का मास्टर बना दिया है। वह आम, आंवला, लीची और नींबू के बागान भी लगाते हैं और बहुत सारी इंटरग्रोव खेती और सह-फसल भी करते हैं।

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4 साल में फसल होती है तैयार-

किसान सुरेश चंद्र ने करीब डेढ़ एकड़ खेत में बांस लगाना शुरू किया। इसके साथ ही सह-फसल के रूप में तीन वर्षों तक गन्ने की खेती भी जारी रखी। लेकिन चौथे वर्ष के बाद से खेत में केवल बांस ही रह गए। सुरेश ने पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से 25 रुपये मूल्य का पौधा लाकर एक एकड़ में 234 पौधे रोपे। एक पौधा चार साल में बीस से 22 बांस तैयार करता है। अभी इन बाँसों में जुताई का कार्य तीव्र गति से हो रहा है।

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बांस बेचकर कैसे बने करोड़पति-

एक बांस के पौधे में 40 से 50 बांस होने की उम्मीद है। गांव में बांस 150 रुपये में बिकता है। इस तरह 234 पौधों में 50-50 बांस निकलेंगे तो 11,700 बांस होंगे। 150 रुपये प्रति बांस की दर से मिल जाए तो 17.55 लाख रुपये हो जाता है। अब अगर रेट थोड़ा और बढ़ता है तो यह आय और भी बढ़ सकती है। यह गणित उदारहण के रुप में यहां लिखा गया है।

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