उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव ने 2012 से 2017 के बीच बदल दिए थे इन आठ जगहों के नाम

चुनाव में ‘नाम बदलो’ राजनीति पर भी चर्चा की जाएगी। ऐसे में आपका यह भी जानना जरुरी है कि 2012 से 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री पद पर बैठे अखिलेश यादव (Name of Place Changed By Akhilesh Yadav in Uttar Pradesh From 2012-2017) ने प्रदेश के किन-किन प्रमुख जगहों के नाम बदले थे।

उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव साल 2022 (UP Election 2022) में होने वाला है। 2017 से प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। इस सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) हैं। जिनके प्रदेश में आते ही ‘नाम बदलो’ वाली राजनीति सबसे ज्यादा हाइलाइट हुई थी। खासकर की तब जब मुख्यमंत्री योगी ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। चुनाव में ‘नाम बदलो’ राजनीति पर भी चर्चा की जाएगी। ऐसे में आपका यह भी जानना जरुरी है कि 2012 से 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री पद पर बैठे अखिलेश यादव (Name of Place Changed By Akhilesh Yadav in Uttar Pradesh From 2012-2017) ने प्रदेश के किन-किन प्रमुख जगहों के नाम बदले थे।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार (2012-2017) में मुख्यमंत्री बने अखिलेश यादव ने कुल आठ प्रमुख स्थानों के नाम बदले थे। इन स्थानों यूपी के कई जिलों के नाम शामिल हैं। जिन्हे हम और आप उनके बदले नामों से ही पुकारते हैं और जानते हैं।

अखिलेश ने बदल दिया था अमेठी का नाम-

यूपी का अमेठी जिला कांग्रेसियों का गढ़ भी माना जाता है। अखिलेश जब सरकार में आए तब उन्होने अमेठी (Amethi and Gauriganj) का नाम ही बदल दिया था। उनके शासन काल में अमेठी नाम गौरीगंज कर दिया गया था। बता दें कि इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की सरकार (2007-2012) में मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने अमेठी का नाम छत्रपति साहूजी महाराज नगर रखा था। वर्तमान में अब गैरीगंज अमेठी जिला का एक प्रमुख तहसील और जिला मुख्यालय है।

अखिलेश ने पंचशील का नाम बदल रखा हापुड़-

बसपा सरकार में मुख्यमंत्री मायावती ने अपने कार्यकाल में कई नाम बदले थे। जिसमें से एक प्रमुख था हापुड़ जिले का नाम। हापुड़ का नाम बदलकर मायावती ने पंचशील (Hapur and Panchsheel) रख दिया था। 28 सितंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने यह फैसला लिया था। लेकिन सरकार में आते ही अखिलेश कुमार ने जुलाई 2012 में पंचशील को हटा हापुड़ नाम फिर से रख दिया।

अखिलेश ने ज्योतिबा फूले नगर को किया अमरोहा

2012 से 2017 के बीच अखिलेश यादव ने जिला ज्योतिबा फूले नगर का नाम बदल अमरोहा कर दिया था। बता दें कि 24 अप्रैल 1997 में संत महात्मा ज्योतिबा फुले की याद में ज्योतिबा फूले नगर जोकि मुरादाबाद जिले का एक हिस्सा हुआ करता था, उसे अलग कर ज्योतिबा फुले नगर को जिला के रूप में एक नई पहचान दी गई थी। क्योंकि जब ज्योतिबा फुले नगर जब मुरादाबाद जिले का एक हिस्सा था तब इसे लोग अमरोहा कहते थे इसीलिए सरकार में आते ही अखिलेश ने इसका औपचारिक नाम अमरोहा (Jyotiba Phule and Amroha) कर दिया।

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हाथरस नाम पर अखिलेश और मायावती में लड़ाई

उत्तर प्रदेश का जिला हाथरस अखिलेश यादव और मायावती के बीच नाम की टकरार की कहानी भी बताता है। मायावती जब भी प्रदेश की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठती हैं, तब-तब इस जिले का नाम महामाया नगर (Hathras and Mahamaya Nagar) हो जाता है और जैसे ही अखिलेश मुख्यमंत्री बनते हैं, यह फिर से हाथरस हो जाता है। नाम को लेकर मामला कोर्ट तक भी पहुंचा है। लेकिन जीत उसी की हुई जिसकी प्रदेश में सरकार रही। फिलहाल के लिए इस भाजपा की सरकार में इस जिले का नाम हाथरस है। जहां हाथरस कांड को भजपा याद नहीं करना चाहती है।

अखिलेश ने कांशीराम को बना दिया कासगंज

बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम थे। एटा जिले से 17 अप्रैल, 2008 को इस जिले को अलग किया गया और इसे एक राजनीति नाम कांशीराम नगर दिया गया। प्रदेश में उस समय मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मायावती थीं। लेकिन जैसे ही 2012 में अखिलेश की सरकार आई अखिलेश ने ‘नाम बदलों’ की राजनीति की और कांशीराम नगर को कासगंज (Kashiram and Kasganj) बना दिया। अग्रेज भी इस क्षेत्र को खासगंज कहकर बुलाते थे ऐसा इसलिए क्योंकि यहां ‘कांस’ के जंगल हैं।

अखिलेश ने रमाबाई नगर को किया कानुपर देहात

उत्तर प्रदेश की कुर्सी पर रहीं मायावती ने कई नाम बदले थे। जिसका जवाब अखिलेश यादव सरकार में आते ही नाम बदलकर दिया था। उनमे से एक कानपुर देहात भी है। 1981 में कानपुर जिले के दो भाग किए गए। जिसमें से एक कानपुर नगर बना और दुसरा कानपुर देहात। 1 जुलाई 2010 को मायावती ने कानपुर देहात का नाम बदलकर रमाबाई नगर कर दिया था। लेकिन 2012 में सरकार में आते ही अखिलेश ने इसे पुन: कानपुर देहात कर दिया।

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अखिलेश ने प्रबुद्ध नगर का बदला नाम

अखिलेश यादव की नजर बदलते नामों (Place Name Changed by Akhilesh Yadav) पर जरुर ही रहती है। नया जिला जिसे मुजफ्फरनगर से अलग कर बनाया गया था। तब उसे नाम प्रबुद्धनगर दिया गया था। लेकिन जो हिस्सा मुजफ्फरनगर से अलग हुआ वह पहले शामली नाम से जाना जाता था। जिसे अखिलेश ने सत्ता संभालते ही शामली (Prabhudh Nagar and Shamli) कर दिया। मुजफ्फरनगर हमेशा से हिंदु-मुस्लिम दंगों को लेकर चर्चित रहा है।

अखिलेश ने भीमनगर को दिया पुराना नाम बहजोई

पिता मुलायम सिंह यादव के बाद समाजवादी की पार्टी की डोर को लेकर खुब हंगामा हुआ। अखिलेश के चाचा शिवपाल जोकि बड़े भईया मुलायम के साथ ही बड़े हुए नहीं चाहते थे कि किसी भी हालत में बेटे के गद्दी मिले और उनका सफाया हो जाए। इसी तानातनी में कैसे न कैसे करके अखिलेश (Place Name Changed by Akhilesh Yadav) को सत्ता मिली थी। सत्ता मिलने के बाद अखिलेश ने ‘नाम बदलो’ राजनीति शुरु की। इसी बीच भीमनगर का नाम फिर से बहजोई कर दिया। बता दें कि भीमनगर, सम्भल जिले का एक शहर है जिसे अब बहजोई (Bahjoi and BheemNager) कर दिया गया है।

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यह है उन आठ जगहों के नाम जिनके नाम अखिलेश यादव (Place Name Changed by Akhilesh Yadav) ने 2012 से 2017 के कार्यकाल में बदल दिए थे। ऐसे में सवाल यह भी रहेगा कि अगर समाजवादी पार्टी चुनाव जितती है और अखिलेश फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तब क्या फिर से प्रयागराज को इलाहाबाद और अयोध्या को फैजाबाद कर दिया जाएगा।

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