असदुद्दीन ओवैसी ने लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर अमेरिका का यह आंकड़ा दिखाया
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की है। ओवैसी ने ट्वीट कर ट्वीटर पर अपनी बात रखी।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की है। ओवैसी ने ट्वीट कर ट्वीटर पर अपनी बात रखी। ओवैसी ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को कानूनी रूप से 18 साल की उम्र में शादी करने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिस उम्र में वे सांसद चुन सकते हैं और अन्य सभी उद्देश्यों के लिए कानून द्वारा उन्हें वयस्कों के रूप में माना जाता है।
नरेंद्र मोदी सरकार देश में महिलाओं की शादी के लिए कानूनी उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है और इसे इस शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा।
ओवैसी ने केंद्र सरकार का खींचा कान
ओवैसी ने कहा कि 18 साल की उम्र में सरकार एक लड़की को यौन संबंधों और लिव-इन पार्टनरशिप के लिए सहमति दे सकती है, लेकिन अपने जीवन साथी का चयन नहीं करने दे सकती है? ओवैसी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए लिखा, “अगर मोदी ईमानदार होते, तो वह महिलाओं के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते। फिर भी भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी घट रही है।” ओवैसी ने लिखा कि भारत की महिला श्रम भागीदारी 2020 में 16 प्रतिशत हो गई है जोकि 2005 में 26 प्रतिशत थी।
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अमेरिकी राज्यों का ओवैसी ने दिया उदाहरण-
ओवैसी ने कहा कि कई अमेरिकी राज्यों में शादी की उम्र 14 साल से कम है और यूके और कनाडा में यह 16 है। इसके विपरीत, मोदी सरकार एक मोहल्ला चाचा की तरह काम कर रही है। यह तय करना कि हम क्या खाते हैं, हम किससे कब शादी करते हैं, किस भगवान की पूजा करते हैं, आदि।