दिल्ली
Trending

Rotasia 2020 Delhi के ‘कांड’ से पहले ये सच आप भी जान लीजिए

रोटरेक्ट का सबसे बड़ा भव्य समारोह, जिसमें एशिया के सभी रोटरेक्ट क्लब के रिट्रेक्टर्स हिस्सा लेते हैं उसे रोट-एशिया (Rotasia) का नाम दिया गया है। हर साल एशिया के किसी ना किसी डिस्ट्रिक्ट के ऊपर ये जिम्मेदारी होती है कि वो इस समारोह को पूरी भव्यता के साथ आयोजित करें। क्योंकि ये समारोह 2 से 4 दिनों तक का होता है जिसमें अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट से रिट्रेक्टर्स भाग लेते हैं।

रोटरेक्ट का सबसे बड़ा भव्य समारोह, जिसमें एशिया के सभी रोटरेक्ट क्लब के रिट्रेक्टर्स हिस्सा लेते हैं उसे रोट-एशिया (Rotasia) का नाम दिया गया है। हर साल एशिया के किसी ना किसी डिस्ट्रिक्ट के ऊपर ये जिम्मेदारी होती है कि वो इस समारोह को पूरी भव्यता के साथ आयोजित करें। क्योंकि ये समारोह 2 से 4 दिनों तक का होता है जिसमें अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट से रिट्रेक्टर्स भाग लेते हैं। ये सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म होता है जहां विभिन्नता में एकता के मूल मंत्र को आसानी से समझा और देखा जा सकता है। यहां आपको ना सिर्फ भारत बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, जापान म्यांमार, नेपाल आदि देशों के रिट्रेक्टर्स से मिलने और उनके समाज, बोली-भाषा, उनकी सोच को जानने और अपने आइडिया को उन तक पहुंचाने का मौका मिलता है। साथ ही साथ आप यहां रोटरेक्ट के उन प्रमुख स्तंभों के बारे में भी जानते हैं जोकि आपको पहले कभी पता नहीं होता है।

कौन सा डिस्ट्रिक्ट आयोजित करवाता है रोट-एशिया

कौन-सा डिस्ट्रिक्ट रोट-एशिया आयोजित करेगा, इसके लिए बकायदा बोली लगने के साथ ही वोटिंग भी होती है। और इसमें जिस डिस्ट्रिक्ट को सबसे ज्यादा मत मिलते हैं वही डिस्ट्रिक्ट रोट-एशिया को आयोजित करने की जिम्मेदारी उठाता है। और इस प्रक्रिया के तहत एक नए डिस्ट्रिक्ट का चयन होता है। रोटरेक्ट के सभी डिस्ट्रिक्ट इस उम्मीद में रहते हैं कि अगले साल होने वाला रोट-एशिया उनके ही घर में हो। ताकि उन्हे भी मौका मिला अपने कल्चर को सभी के सामने लाने का और अपनी काबिलियत दिखाने का। हर साल डिस्ट्रिक्ट की कोशिश रहती है कि रोट एशिया का आयोजन कुछ ऐसा हो जोकि पिछले साल के आयोजन से भी अच्छा हो।

रोट-एशिया का बजट कौन तय करता है

बड़ा समारोह यानी की बड़ा बजट। बजट किसी भी समारोह की रीड की हड्डी होती है। बजट के बिना किसी की भी नो-एंट्री हो जाती है। रोट-एशिया का बजट कौन तय करेगा। जाहिर सी बात है जिन कंधों पर रोट-एशिया आयोजित करने की जिम्मेदारी है वही टीम। यानी कि Executive Team जिसमे अब तक के डिस्ट्रिक्ट के सभी डी आर आर प्रमुख रूप से शामिल रहते हैं। जहां सभी फैसले आयोजन करने वाली टीम के साथ डिस्ट्रिक्ट का तत्कालीन डी आर आर ही तय करता है। इसके लिए पहले से ही पूरा गणित लगाया जाता है। जैसे की कौन-कौन से इवेंट होंगे, बाहर से आने वाले रोटरेक्टर्स को किस होटल में रखेंगे, ब्रेक फास्ट से लेकर डिनर तक में क्या-क्या खाना होगा, इन दो से तीन दिनों में मनोरंजन के लिए क्या-क्या आयोजन होगा। जैसा कि आप सभी ने Rotasia में देखा ही होगा। इन सभी के खर्चों को ध्यान में रखकर ये तय किया जाता है कि रोट-एशिया में भाग लेने वाले रोटरेक्टर्स से कितना पैसा लिया जाएगा।

ISRO ने PSLV-C51/Amazonia-1 के साथ लॉन्च किए 18 सैटेलाइट, देखें लाइव वीडियो

रोट-एशिया की रजिस्ट्रेशन फीस इतनी महंगी क्यों होती है

बड़े समारोह को बड़े बजट की जरुरत होती है। रोट-एशिया (rotasia) खुद में एक बड़ा समारोह है। इसको आयोजित करने के लिए प्रमुख पैसे का जरिया इसमें भाग लेने वाले रोटरेक्टर्स की रजिस्ट्रेशन फीस ही होती है। इसी के साथ ही डिस्ट्रिक्ट का अपना फंड और प्रायोजक राशि (Sponsor Amount) को भी काम में लिया जाता है। ये सब पैसे उन तमाम वेंडर्स को दिए जाते हैं जोकि इस समारोह को आयोजित करने में अपनी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। खाने से लेकर डीजे तक और होटेल तक सभी अपनी सर्विस देने वाले लोग वेंडर्स की सूची में आते हैं। और ये वेंडर्स आपना रात दिन एक करके आयोजन करने वाली रोट्रेक्ट डिस्ट्रिक्ट के साथ रोट-एशिया में जान डालने का काम करते हैं। और उन्हें उनकी मेहनत के बदले पहले से तय राशि दी जाती है जोकी इसी रजिस्ट्रेशन फीस, डिस्ट्रिक्ट फंड और प्रायोजक राशि से इकट्ठा की जाती है।

rotasia delhi 2020
rotasia delhi 2020

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने ऋषभ पंत जताया भरोसा, कहा- कप्तानी उन्हें बनाएगी और बेहतर खिलाड़ी

इस आर्टिकल में हमने आपको सरल भाषा में रोट-एशिया (rotasia) को समझाने के साथ-साथ कैसे इस सामारोह में पैसे का लेन देन होता है उस पर भी प्रकाश डाला। लेकिन कहते हैं कि पैसा अच्छे-अच्छे की नियत को खराब कर देता है। तो ऐसा क्या हुआ Rotasia 2020 Delhi में जिसे कई लोग ‘कांड’ कह रहे हैं। साथ ही आपको बताएंगे कि कैसे बाजार में मिलने वाले छोले भटूरे की एक प्लेट जो कि दिल्ली में ज्यादा से ज्यादा 80 से 120 रुपये की है उसके दाम पिज्जा के दाम तक बढ़ा दिए जाते हैं और बदले में कोई बिल नहीं मिलता। ये सब अगले आर्टिकल में एक वीडियो के साथ।

Janta Connect

Subscribe Us To Get News Updates!

We’ll never send you spam or share your email address.
Find out more in our Privacy Policy.

और पढ़े
Back to top button