दिल्ली

JNU में एक बार फिर से AISA, SFI और AVBP के छात्रों में भिड़ंत, दर्जनों घायल

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानि की जेएनयू एक बार फिर से सुर्खियों में है। एक बार फिर से विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच आंतरिक झड़प  (JNU Violence) होने की घटना सामने आई है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानि की जेएनयू एक बार फिर से सुर्खियों में है। एक बार फिर से विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच आंतरिक झड़प  (JNU Violence) होने की घटना सामने आई है। जेएनयू में बीती देर रात विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के छात्रों के बीच झड़प हुई है। इस झड़प में कई दर्जन छात्रों के घायल होने की सूचना है।

विश्वविद्यालय से सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, अखिल भारतीय छात्र संघ (AISA) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) जैसे कई वाम गठबंधन के छात्रों की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों के साथ झड़प हुई है। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि उनके कई सदस्यों पर वामपंथी छात्रों ने हमला किया और उन्हें पीटा है।

एबीवीपी के अनुसार, उसके कुछ सदस्य जेएनयू में छात्र गतिविधि कक्ष के अंदर एक बैठक कर रहे थे। उसी दौरान कई वामपंथी छात्र उनकी बैठक को बाधित करने के लिए वहां पहुंचे। जैसे ही छात्रों ने उनकी बैठक का विरोध किया, दोनों के बीच विवाद हो गया, और यह विवाद इतना बढ़ा की मारपीट होने लगी जिसमें कई छात्र नेता घायल हो गए।

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एबीवीपी ने एक बयान में कहा कि वामपंथी छात्रों द्वारा उनके सदस्यों पर हमले के बाद उनके दर्जन सदस्य बुरी तरह घायल हो गए है। जिसमें महिला सदस्य भी शामिल हैं। छात्र संगठन ने कहा कि जिन सदस्यों को गंभीर चोटें आई हैं, उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है।

एबीवीपी ने आगे कहा कि 14 नवंबर की देर रात हुई हिंसा में वामपंथी छात्रों ने उनके समूह की महिलाओं और शारीरिक रूप से अक्षम सदस्यों पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि एबीवीपी की एक महिला सदस्य श्रीदेवी को गर्दन में गंभीर चोटें आईं, जबकि एक शारीरिक रूप से अक्षम सदस्य अंकित नाम के छात्रों को भी वामपंथी छात्रों ने पीटा था।

इस बीच, आइशी घोष, जो जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) की अध्यक्ष हैं और विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई की सदस्य हैं, उन्होने ट्वीट किया कि यह एबीवीपी के “गुंडों” थे जिन्होंने वामपंथी छात्रों पर हमले की शुरुआत की थी, उन्हें गंभीर रूप से घायल किया गया है।

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आइशी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘आज जेएनयू में एबीवीपी के गुंडों ने हिंसा की। बार-बार इन अपराधियों ने छात्रों पर हिंसा की है और कैंपस लोकतंत्र को बाधित किया है। क्या अब भी चुप रहेगा जेएनयू प्रशासन? क्या गुंडों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी?”

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