B.ED के बिना भी बन सकते हैं टीचर, उत्तर प्रदेश में कोर्ट के आदेश पर हुआ यह फैसला!
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक नए निर्णय की घोषणा की गई है। अब से सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों (Sanskrit Secondary Schools) में उत्तर माध्यमिक स्तर (Uttar Madhyamik level) पर...
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक नए निर्णय की घोषणा की गई है। अब से सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों (Sanskrit Secondary Schools) में उत्तर माध्यमिक स्तर (Uttar Madhyamik level) पर व्याकरण और साहित्य के संविदा शिक्षकों (Contractual Teachers) की भर्ती के लिए अब बी.एड (B.Ed degree) अनिवार्य नहीं है।
यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव (Dr. Mahendra Dev) ने शासनादेश में संशोधन जारी किया है। राज्य के 567 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में एक हजार से अधिक रिक्त पदों पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश 24 जुलाई को अपर निदेशक माध्यमिक आराधना शुक्ला द्वारा जारी किया गया था।
इसमें पोस्ट मीडियम स्तर पर व्याकरण और साहित्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीएड डिग्री की अनिवार्यता थी। जबकि 2009 के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। जिसकी वजह से मामला कोर्ट पहुंचा और फिर कोर्ट ने B.ED डिग्री को अनिवार्यता से हटाने का फैसला किया। इस फैसले के बाद से B.ed किए बीना भी उम्मीदवार खाली स्थानों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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