दिल्ली

Delhi: आज से AIIMS में बच्चों पर शुरू हुआ Covaxin का क्लीनिक ट्रायल

कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर सबसे ज्यादा पड़ने की आशंका जताई जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए देश में भी बच्चों के लिए वैक्सीन की जरूरत बताई जा रही है।

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में आज से बच्चों पर भारत बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित कोवैक्सीन (Covaxin) वैक्सीन की ट्रायल की शुरुआत हों चुकी हैं। बच्चों पर क्लीनिक ट्रायल के लिए डीसीजीआई ने 11 मई को हीं मंजूरी दे दी थी। गौरतलब है कि ट्रायल के पहले चरणों में करीब 17 बच्चों को शामिल किया गया हैं। जिनमें दो साल से लेकर 18 साल तक के बच्चे शामिल हैं। इस पूरे परिक्षण में आठ सप्ताह का समय निर्धारित किया गया हैं। साथ ही इस दरमियान बच्चों पर वैक्सीन का असर और प्रतिरोधक क्षमता पर अध्ययन किया जाएगा ।

कई चरणों में होंगे ट्रायल-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्लिनिकल ट्रायल के लिए पहले बच्चों की स्क्रीनिंग की जाएगी, उन्हें पूरी तरीके से स्वस्थ पाए जाने के बाद ही वैक्सीन लगाया जाएगा। वहीं, यह ट्रायल कई चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में 17 बच्चों को शामिल किया गया है। एम्स प्रशासन के मुताबिक, सोमवार सुबह 9 बजे से यह ट्रायल शुरू हो चुका है। वहीं, इस ट्रायल को आठ सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा डीसीजीआई ने बच्चों पर कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए भी मंजूरी दी है।

पटना में बच्चों पर शुरू हुआ ट्रायल-
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन (Covaxin) वैक्सीन का ट्रायल पटना स्थित एम्‍स में तीन जून शुरू किया जा चुका है। इसमें दो से 18 वर्ष के बच्चों पर क्‍लीनिकल ट्रायल शुरू हुआ है। इस दौरान बच्चों की पूरी स्‍क्रीनिंग की जा रही है। उनके पूरी तरह से स्‍वस्‍थ्‍य होने के बाद ही उनको इसकी खुराक दी गई है।

कोरोना की तीसरी लहर असर बच्चों पर होगा घातक-
भारत कोरोना वायरस कि जिस परिस्थिति से गुजर रहा है या गुजरने वाला है, वह काफी घातक है। वहीं, विशेषज्ञ इस बात को लगातार कह रहे हैं कि भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। विशेषज्ञों को इस बात की भी आशंका भी है कि तीसरी लहर में वायरस का सबसे अधिक प्रभाव बच्‍चों पर पड़ सकता है। ऐसे में बच्‍चों के ऊपर हो रहे क्‍लीनिकल ट्रायल को इसकी एक ढाल के तौर पर देखा जा रहा है।

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वहीं, दिल्‍ली और पटना के अलावा इस वैक्‍सीन का बच्‍चों पर क्‍लीनिक ट्रायल के लिए नागपुर स्थित मेडिट्रिना इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस को भी चुना गया है। पटना की ही बात करें तो कोवैक्‍सीन का ये ट्रायल 12 से 18 वर्ष की उम्र के बच्‍चों पर किया जा रहा है। इसके बाद इसको 6-12 और फिर 2-6 वर्ष के बच्‍चों पर किया जाएगा।

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