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हत्या कर फरार हुए पहलवान सुशील कुमार? लुक आउट नोटिस जारी

ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार (sushil kumar) के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है। लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद सुशील कुमार देश छोड़कर फरार नहीं हो सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि सुशील कुमार का नाम पहलवानों के बीच हुई खूनी झड़प में सामने आया है। ये झड़प छत्रसाल स्टेडियम में हुई थी।

ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार (sushil kumar) के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है। लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद सुशील कुमार देश छोड़कर फरार नहीं हो सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि सुशील कुमार का नाम पहलवानों के बीच हुई खूनी झड़प में सामने आया है। ये झड़प छत्रसाल स्टेडियम में हुई थी। जिसके बाद से पुलिस सुशील कुमार के ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। लेकिन सुशील पुलिस से बचने के लिए किसी सेफ जगह छिप गए हैं। और खुद को पुलिस के हवाले नहीं कर रहे हैं। जिससे सुशील पर लगे हत्या के आरोपों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

पहलवान सुशील कुमार पर हत्या का आरोप

दिल्ली के मॉडल टाउन थाने की पुलिस ने सुशील कुमार की तलाश में कई जगह छापेमारी कर चुकी है। लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक सुशील कुमार नहीं लगे हैं। सुशील कुमार पर हत्या का आरोप है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार को पकड़ने के लिए दिल्ली एनसीआर के साथ ही दूसरे राज्यों में भी छापेमारी की है। अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में पुलिस सुशील कुमार के ससुर सतपाल सिंह के साथ करीब दर्जन भर लोगों से पूछताछ कर चुकी है। सुशील कुमार इस मामले में अपना नाम आने के बाद से ही अंडरग्राउंड चल रहे हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो छत्रसाल स्टेडियम में हुए झगड़े की वजह प्रॉपर्टी का विवाद था। प्रॉपर्टी विवाद में ही हिंसा हुई और इस हिंसा में हत्या भी हुई। बता दें कि यह घटना 5 मई की है। जिसके बाद इस मामले में आरोपियों की लिस्ट में नाम आने के बाद से ही दिल्ली पुलिस सुशील कुमार (sushil kumar) की तलाश में जुटी हुई है।

कौन हैं ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार

पहलवान सुशील कुमार (sushil kumar) कुश्ती में ओलंपिक पदक जीत कर तिरंगा लहरा चुके हैं। उनका जन्म 26 मई, 1983 को दिल्ली के नजफगढ़ इलाके के बापरोला गांव में एक जाट परिवार में हुआ। उनके पिता दीवान सिंह दिल्ली परिवहन निगम में ड्राइवर थे जबकि उनकी माता कमला देवी गृहणी हैं। वह तीन भाइयों के परिवार में सबसे बड़े हैं। सुशील को बचपन से ही कुश्ती से लगाव था। वह बचपन से ही अर्जुन पुरस्कार विजेता महाबली सतपाल से जुड़ गए थे। जिन्होंने उनके कौशल को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुशील ने 2003 में एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया। वह 2004 के एथेंस ओलंपिक में 14वें स्थान पर रहे। उन्होंने 2003,2005, 2007 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल कर अपनी ताकत को विश्व के सामने प्रदर्शित किया। बीजिंग ओलंपिक 2008 में हुए मुकाबले में सुशील ने कजाकिस्तानी पहलवान को मात देकर कांस्य पदक हासिल किया। तब से ही सुशील लोगों की नजरों में चढ़ गए। उन्होंने अपने प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए 2010 के नई दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।

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जिस स्टेडियम से की कुश्ती की शुरुआत वहीं पर लगा कत्ल का आरोप

29 साल के सुशील कुमार (sushil kumar) ने अपने कुश्ती की शुरुआत छत्रसाल स्टेडियम से की थी। उस समय उनकी उम्र 14 साल थी। और अब इसी स्टेडियम में हुई हत्या के आरपियों की लिस्ट में एक नाम पहलवान सुशील कुमार का भी है। तिरंगे की शान को बढ़ाने वाले इस पहलवान का नाम ऐसे आरोपों में आएगा ऐसी शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा।

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