Mentor और Coach के बीच होते हैं यह जमीनी अतंर, T20 World Cup से पहले जाने यहां
यहां सवाल यह है कि कोच के होते हुए एक मेंटर की जरुर क्यों पड़ती है, साथ ही कैसे मेंटर और कोच की भूमिका टीम के लिए अलग-अलग (Difference Between Coach And Mentor) होती है।
भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अंतरराष्ट्रीय खेल से संन्यास लेने के दो साल बाद पुरुष क्रिकेट टीम में मेंटर के तौर पर भारत की टी20 वर्ल्ड कप टीम में शामिल होंगे। फैन्स को अब कैप्टन कूल की वापसी का इंतजार है। धोनी को शामिल करने का फैसला बीसीसीआई सचिव जय शाह द्वारा दुबई में उनसे बात करने के बाद लिया गया था। लेकिन यहां सवाल यह है कि कोच के होते हुए एक मेंटर की जरुर क्यों पड़ती है, साथ ही कैसे मेंटर और कोच की भूमिका टीम के लिए अलग-अलग (Difference Between Coach And Mentor) होती है।
टीम और खिलाड़ी पर होता है फोकस-
ऐलान के बाद साफ है कि महेंद्र सिंह धोनी मेंटर और मुख्य कोच की भूमिका में रवि शास्त्री नजर आएंगे। कोचिंग और मेंटरिंग के बीच मूलभूत अंतर यह है कि जहां Coaching टीम और खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करती है, तो वहीं Mentoring खिलाड़ियों की क्षमताओं और विशेष खिलाड़ी के परफॉर्मेंस पर अधिक ध्यान देती है।
दोनों में ज्यादा किसका महत्व है-
प्लेयर्स को ट्रेन करने का स्टाइल कोच और मेंटर का एक समान हो सकता है। लेकिन खिलाड़ियों का मेंटर और कोच को लेकर संबंध हमेशा अलग दिखेगा। कोच को ज्यादा महत्व तो वहीं मेंटर को उसके नीचे ही माना गया है। हालांकि ऐसा कहीं लिखा नहीं गया है।
💬 💬 Mr. @msdhoni will join #TeamIndia for the upcoming #T20WorldCup as a mentor.
The announcement from Mr. @JayShah, Honorary Secretary, BCCI, which made the entire nation happy.👍 pic.twitter.com/2IaCynLT8J
— BCCI (@BCCI) September 8, 2021
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तकनीक और अनुभव दोनों का मार्गदर्शन-
कोच खिलाड़ियों को तकनीक, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद करते हैं। दूसरी ओर मेंटर खेल के वरिष्ठ दिग्गज होते हैं जो युवा खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभव साझा करते हैं ताकि उन्हें अपनी क्षमता का विस्तार करने में मदद मिल सके।
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औपचारिक और अनौपचारिक मदद-
कोचिंग एक अधिक औपचारिक प्रशिक्षक-प्रशिक्षु संबंध (Trainer-Trainee Relationship) है, एक संरक्षक-सलाहकार संबंध एक साझेदारी की तरह है जिसमें ज्ञान साझा करना शामिल है। क्रिकेट में, मेंटर्स युवा खिलाड़ियों को खेल के बारे में नए ज्ञान की खोज करने और उनके कौशल का विस्तार करने में मदद करके कोचिंग स्टाफ की सहायता करते हैं।