‘ग्लोबल सोशियो इकोनॉमिक फाउंडेशन’ (GSEF) थींक टैंक का हुआ उद्घाटन
थींक टैंक ग्लोबल सोशियो इकोनॉमिक फाउंडेशन (जीएसईएफ) का उद्घाटन करते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव व अध्यक्ष एमसी गुप्ता ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्श के साथ एक ही छत के नीचे विभिन्न कल्याणकारी सेवाओं को बढ़ावा देना एक बेहतर प्रयास है।
राजधानी दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में थींक टैंक ‘ग्लोबल सोशियो इकोनॉमिक फाउंडेशन’ (जीएसईएफ) का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह पर मुख्य अतिथि के रुप में हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव व अध्यक्ष एमसी गुप्ता के साथ देश के कई प्रबुध व्यक्ति जिसमें उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुंदकम शर्मा, एयर मार्शल नरेश वर्मा (सेवानिवृत्त), सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक, पूर्व डीजी सीएसआईआर डॉ गिरीश साहनी आदि उपस्थित रहें। उद्घाटिक थींक टैंक का मुख्य उद्देश्य ‘लर्न, अर्न और रिटर्ऩ’ है। जिसके तहत समाजिक कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा।
थींक टैंक ग्लोबल सोशियो इकोनॉमिक फाउंडेशन (जीएसईएफ) का उद्घाटन करते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव व अध्यक्ष एमसी गुप्ता ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्श के साथ एक ही छत के नीचे विभिन्न कल्याणकारी सेवाओं को बढ़ावा देना एक बेहतर प्रयास है।
उऩ्होंने कहा कि जीएसईएफ अग्रीण रुप से ‘मार्केट प्लेस फाइनेंशियल सिस्टम’, ‘पब्लिक फाइनेंशियल सिस्टम’, ‘सोशल फाइनेंशियल सिस्टम’, पर्यावरण और पारिस्थितिकी के विकास पर केंद्रित है। जीएसईएफ की महत्वाकांक्षा में कलाकृति और परंपरा, सतत विकास, हरित ऊर्जा, हरित परिवहन आदि को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। इसी के साथ योग, ध्यान, खेल और स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दिया जाएगा जिसमें महिलाओं के विकास का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘इसी के साथ थींक टैंक जीएसईएफ, देश की सरकार को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार के निर्धारित पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को 2025 तक हासिल करने में मदद करेगा।’
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इस अवसर पर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुंदकम शर्मा ने भारतीय संविधान की आत्मा पर जोर देते हुए देश में समाजिक न्याय, आर्थिक और राजनीतिक सिद्धांतों पर बल दिया। उन्होने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जहां हम सच में समाज को कुछ वापस दे सकते हैं।
एयर मार्शल नरेश वर्मा (सेवानिवृत्त) ने कहा, “इस थींक टैंक के अध्यक्ष एमसी गुप्ता अपने जुनून और लगन के लिए जाने जाते हैं। एमसी गुप्ता ने हम सभी को ऐसे महान उद्देश्यों के लिए तैयार किया है, जोकि देश की आकांक्षाओं के अनुरूप हैं। मैं इस प्रयास के लिए खुद को प्रतिबद्ध करता हूं।”
देश में शौचालय क्रांति लाने वाले सामाजशास्त्री और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने कहा, “हमने शुलभ से ऐसे नए आइडिए को जन्म दिया जिसका साक्षी आज पूरा भारत है। मैं जीएसईएफ थींक टैंक का भाग बनकर काफी उत्साहित और खुश हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में जीएसईएफ समाज में साकारात्मक बदलाव लेकर आने वाला है।”
जीएसईएफ थींक टैंक के उद्घाटन समारोह में आए देश के तमाम प्रबुध व्यक्तियों ने अपने-अपने क्षेत्रों के अनुभवों को साझा करते हुए, मुख्य रुप से इस थींक टैंक के कर्यों और भविष्य नीति पर विस्तार से अपनी बात रखी। ज्यादातर लोगों का कहना था कि वह सभी अब से यह प्रयास करेंगे कि जीएसईएफ थींक टैंक से अधिक से अधिक लोगों को मदद मिले और इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वह समाज में जरुरतमंद बदलाव ला सकें।
बता दें कि जीएसईएफ के 21 संस्थापक सदस्य में एमसी गुप्ता (आईएएस सेवानिवृत्त), सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक, न्यायमूर्ति मुकुंदकम शर्मा, एयर मार्शल नरेश वर्मा (सेवानिवृत्त), पूर्व डीजी सीएसआईआर डॉ गिरीश साहनी, केके अग्रवाल, अशोक ओगरा सहित अन्य लोग शामिल हैं। जिनका उद्देश्य वासुदेव कुटुम्बकम के आदर्शों पर चल कर ‘लर्न, अर्न और रिटर्ऩ’ की पॉलिसी के साथ देश के तमाम जरुरमंदों की मदद करना है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य प्राप्ति में योगदान देना भी है।