विक्रांत के समुद्र में उतरने से बढ़ी भारत की ताकत, ऐसे करेगा दुश्मनों का सामना
आत्मनिर्भर भारत का एक विशाल उदाहरण अब लड़ाकू विमानों का समुद्री साथी Vikrant बन चुका है। विक्रांत - सबसे बड़ा और सबसे जटिल युद्धपोत है।
आत्मनिर्भर भारत का एक विशाल उदाहरण अब लड़ाकू विमानों का समुद्री साथी Vikrant बन चुका है। विक्रांत – सबसे बड़ा और सबसे जटिल युद्धपोत है। जिसे भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है। 1971 के युद्ध में इसके नाम की महत्वपूर्ण भूमिका थी। युद्ध के 50 साल बाद आज विक्रांत को अपने पहले समुद्री परीक्ष के लिए समुद्र में उतार दिया गया है।
Proud & historic day for India as the reincarnated #Vikrant sails for her maiden sea trials today, in the 50th year of her illustrious predecessor’s key role in victory in the #1971war
Largest & most complex warship ever to be designed & built in India.
Many more will follow… pic.twitter.com/6cYGtAUhBK— SpokespersonNavy (@indiannavy) August 4, 2021
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इस मौके पर ट्वीटर पर भारतीय नौसेना ने ट्वीट कर इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया। नौसेना ने एक ट्वीट में लिखा कि “भारत के लिए गर्व और ऐतिहासिक क्षण” साथ ही सराहना की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के पहल की। साथ ही कहा कि आने वाले समय में ऐसे कई आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत काम किए जाएंगे।
Indigenously built Advanced Light Helicopter #ALH operations on Indigenous #AircraftCarrier IAC #Vikrant.#AtmaNirbharBharat#MakeInIndia @DefenceMinIndia @shipmin_india@SpokespersonMoD @cslcochin @HALHQBLR https://t.co/4YUvR0xgAu pic.twitter.com/gda4yZU67N
— SpokespersonNavy (@indiannavy) August 5, 2021
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“इसी के साथ भारत एक अत्याधुनिक विमानवाहक पोत को स्वदेशी रूप से डिजाइन, निर्माण और एकीकृत करने की क्षमता रखने वाले राष्ट्रों के एक चुनिंदा समूह में शामिल हो गया। सभी हितधारकों के समर्पित प्रयासों से COVID-19 चुनौतियों के बावजूद इस मील के पत्थर तक पहुंचना संभव हो गया- भारतीय नौसेना।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी बधाई-
इस ऐतिहासिक मौके पर देश के रक्षा मंत्री ने भी ट्वीट किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि ” यह आत्मनिर्भर भारत” के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का सच्चा प्रमाण कहा। “स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत की पहली समुद्री उड़ान रक्षा में ‘आत्मानबीर भारत’ के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का एक सच्चा प्रमाण है। इस ऐतिहासिक मील के पत्थर को साकार करना, कोविड की परवाह किए बिना, सभी हितधारकों के सच्चे समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत के लिए गर्व का क्षण”- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।
Maiden sea sortie of Indigenous Aircraft Carrier, ‘Vikrant’ is a true testimony to our unwavering commitment to #Atmanirbharta in Defence. Realisation of this historic milestone, regardless of COVID, shows true dedication & commitment of all stakeholders. A proud moment for India pic.twitter.com/pJJZqmV4G1
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 4, 2021
भारत के लिए Vikrant क्यों है खास-
बता दें कि विक्रांत 262 मीटर लंबा, अधिकतम 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है, जिसमें अधिरचना भी शामिल है। इसमें 14 डेक हैं। लगभग 1,700 के चालक दल के लिए डिज़ाइन किया गया, इसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए केबिन सहित 2,300 से अधिक डिब्बे हैं।
“जहाज को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और उत्तरजीविता के लिए बहुत उच्च स्तर के स्वचालन के साथ डिजाइन किया गया है। इसकी शीर्ष गति लगभग 28 समुद्री मील (लगभग 52 किमी प्रति घंटा) और 18 समुद्री मील (लगभग 33.37 किलोमीटर प्रति घंटा) की परिभ्रमण गति है। लगभग 7,500 समुद्री मील (लगभग 13,900 किमी) के धीरज के साथ विक्रांत दुश्मनों के दांत खट्टे कर देने के लिए तैयार है। विक्रांत 262 मीटर लंबा, अधिकतम 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है, जिसमें अधिरचना भी शामिल है।
IAC has been designed with a very high degree of automation for machinery operation, ship navigation & survivability.
During the maiden sailing, ship’s performance, incl hull, main propulsion, PGD & auxiliary eqpt would be closely watched (4/4)📷 Credits – Capt Navtej Singh pic.twitter.com/50NkmsNI1S
— SpokespersonNavy (@indiannavy) August 4, 2021
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विक्रांत लगभग 24 रूसी निर्मित मिग -29 के लड़ाकू जेट विमानों के साथ काम करेगा। वहीं लड़ाकू विमान जो पहले से ही आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं, वर्तमान में नौसेना का एकमात्र परिचालन विमान वाहक है।
“आईएसी (Vikrant) की डिलीवरी के साथ, भारत स्वदेशी रूप से डिजाइन और एक विमान वाहक बनाने की क्षमता वाले राष्ट्रों के एक चुनिंदा समूह में शामिल हो जाएगा, जो भारत सरकार के मेक-इन-इंडिया जोर का एक वास्तविक प्रमाण है।” दिल्लीनौसेना ने कहा, उसके जहाज निर्माण कार्यक्रम में 44 जहाज और पनडुब्बियां भी शामिल हैं – सभी स्वदेशी रूप से बनाए जा रहे हैं, यह कहा। विक्रांत भारत का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे जटिल युद्धपोत है जिसे भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है।