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European देशों में इसलिए ज्यादा Divorce हो रहे हैं

European देशों का नाम बढ़ते Divorce मामलों में सबसे ऊपर पहुंच रहा है। यहां रहने वाले लोगों के लिए तालाक देना अब सामान्य सा हो गया है।

European देशों का नाम बढ़ते Divorce मामलों में सबसे ऊपर पहुंच रहा है। यहां रहने वाले लोगों के लिए तालाक देना अब सामान्य सा हो गया है। भारत में तालाक देना खुद में जिस तरह से बहुत बड़ी बात होती है, उतनी ही छोटी बात इन देशों में रहने वाले लोगों के लिए है। यूरोपीय देशों में कई लोग तो ऐसे भी हैं जो अपने जीवन में सबसे ज्यादा तालाक देने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं। यहां तालाक देने में महिला और पुरुष दोनों ही किसी से कम नहीं है।

यूरोपीय देशों में तलाक के बढ़ते मामलों के कारण निम्नलिखित हैं:

1. व्यक्तिगत स्वतंत्रता: यूरोपीय समाजों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आधिकारिकता की मान्यता उच्च स्तर पर है, जिसके कारण लोग तलाक को एक व्यक्तिगत विकल्प के रूप में देखते हैं। व्यक्तिगत होने के नाते इसमें समाज की तरफ से सामाजिक आचरण के लिए कोई दखल अंदाजी भी नहीं होती है। इससे व्यक्ति को जैसा समझ में आता है वह शर्म, जिम्मेदारी छोड़ वैसा ही फैसला ले लेता है।

2. समानता और महिला सशक्तिकरण: यूरोपीय समाज में समानता और महिला सशक्तिकरण को महत्व दिया जाता है। इससे वहां कि महिलाएं भी पुरुष से ज्यादा कमा-खा रही हैं। इससे किसी भी बात को लेकर पुरुष और महिला अपने शादी के रिश्ते को बचाने के लिए भी एक दूसरे के सामने माफी मांगना नहीं पसंद करते हैं। और अंत में अभिमान की टकरार तलाक के मामलों में वृद्धि का कारण बन जाती है।

3. धार्मिक और सामाजिक परिवर्तन: धार्मिक और सामाजिक परिवर्तन के कारण, जैसे कि आर्थिक स्वतंत्रता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, और परिवारिक मूल्यों में बदलाव, तलाक की वजह का मुख्य कारण बन जाते हैं। मान लीजिए की महिला जिस माहौल में अपने माता-पिता के घर पर रहती है अगर वह वही माहौल अपने पति के घर पर नहीं पाती है तब भी कुछ समय के बाद रास्ता तालाक की तरफ चला जाता है।

4. शौक और मनोरंजन की महत्वाकांक्षा: शौक और मनोरंजन की महत्वाकांक्षा के चलते लोग आपसी संबंधों में ज्यादा संतुष्टि की तलाश में रहते हैं। इसकी वजह से अब रिश्ता भी दिमागी मूड पर निर्भर करता है। इसके कारण तलाक के मामले बढ़ रहे हैं।

दुनिया के वह पांच देश जहां होते हैं सबसे ज्यादा तलाक

5. विवाहित जीवन की मानसिकता: विवाहित जीवन की मानसिकता में बदलाव के कारण भी तलाक की दर बढ़ रही है। शादी के बाद महिला और पुरुष को कहीं न कहीं एक समय पर एक होना ही होता है। लेकिन कुछ लोग इसको मानसिक बोझ की तरह देखते हैं। और इसी मानसिक बोझ से छुटकारा पाने के लिए वह तलाक ले लेते हैं।

6. कानूनी प्रबंधन: यूरोपीय देशों में तलाक के लिए कानूनी प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाता है। यहां पर तलाक देने वाले कानून काफी सरल हैं। जिसके कारण तलाक लोगों को तलाक एक आसान रास्ता लगता है।

7. प्रगतिशीलता और तकनीकी प्रगति: यूरोपीय देश प्रगतिशीलता और तकनीकी प्रगति का महत्वाकांक्षी देश है जहां लोग आपस में बात कम और तकनीक पर ज्यादा समय बिताना पसंद करते हैं। वहां के लोगों को बचपन से ही तकनीक का सहारा मिल जाता है जिससे वह व्यक्तिगत तौर पर अकेला रहना ही पसंद करते हैं और उनकी व्यक्तिगत जीवन में कोई दूसरा दखल दे तो उन्हे गुस्सा आ ही जाता है।

8. समानता का महत्व: यूरोपीय समाजों में समानता को महत्वाकांक्षी मान्यता है। लोग उच्चतर शिक्षा और करियर के लिए प्राथमिकता देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप संबंधों में संतुलन की कमी और विचारधारा में अंतर उत्पन्न होने पर आपसी तालमेल न बैठने पर तलाक का रास्ता चुना जाता है।

यहां दिए गए कारणों के चलते यूरोपीय देशों में तलाक की दर बढ़ रही है। हालांकि, यह निश्चित रूप से सभी देशों और समाजों के लिए सामान्य नहीं है और इसके पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं।

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