Geeta Jayati 2021: गीता के उपदेशों और प्रसादम् के साथ इस्कॉन में गीता जंयती मनाई गई
Geeta Jayati 2021: द्वापर युग में कुरुक्षेत्र का युद्ध आरंभ होने वाला था। आमने सामने लाखों की संख्या में कौरव और पांड़वों की सेना खड़ी थी। ऐसा पहली बार था जब शंखनाद की ध्वनि विनाशक सुनाई दे रही थी।
Geeta Jayati 2021: द्वापर युग में कुरुक्षेत्र का युद्ध आरंभ होने वाला था। आमने सामने लाखों की संख्या में कौरव और पांड़वों की सेना खड़ी थी। ऐसा पहली बार था जब शंखनाद की ध्वनि विनाशक सुनाई दे रही थी। इसी बीच महारथी अर्जुन का गांडीव जमीन पर गिर पड़ता है। भगवान श्री कृष्ण समझ जाते हैं। अचानक से समय का पहिया रुक जाता है। जो जहां, वह वहीं उसी मुद्रा में ठहर सा जाता है। भगवान श्री कृष्ण जिन्हे आज कल और आने वाले कल के बारे में पहले से ही सबकुछ ज्ञात है।
Geeta Jayanti 2021 पार्थ और श्रेष्ठतम् सारथी-
महारथी अर्जुन एक पार्थ के रुप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सारथी भगवान श्री कृष्ण के सामने हाथ जोड़कर खड़े थे। उन्होने भगवान के आगे अपने गांडीव का त्याग कर दिया। अर्जुन कहने लगे, “ये युद्ध मुझसे नहीं होगा माधव! मैं अपने भाई-बंधुओं का खून नहीं बहा सकता।” भगवान श्री कृष्ण ने पहले आसान भाषा में बहुत कुछ समझाया लेकिन अर्जुन समझे नहीं। तब भगवान भी समझ गए कि अब पार्थ ऐसे नहीं समझेगा, फिर इसके आगे भगवान श्री कृष्ण के मुख से जो भी शब्द निकले जो गीत बनकर निकले। जिसे हम सभी श्रीमद्भगवद्गीता के रुप में आज के समय में जानते हैं और पढ़ते हैं।
इसी क्षण को गीता जयंती के रुप में मार्गशीर्ष के महीने में एकादशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन देशभर में रहने वाले भगवान श्री कृष्ण के भक्त गीता का पाठ करते हैं। गीता में दिखाए गए भगवान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा लेते हैं।
श्रीमद्भगवद्गीता का धर्म से नहीं आत्मा से नाता-
श्रीमद्भगवद्गीता को एक इंसान के जीवन के लिए नियमावाली और गाइक के रुप में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह सिर्फ हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के ही नहीं है। बल्की इसको सभी धर्मों जिसमें इस्लाम, सिख, ईसाई मानने वाले लोग भी हैं उनके लिए भी है। क्योंकि भगवान श्री कृष्ण के मुख से निकली वाणी इस धरती पर जन्म लेने वाले उन सभी जीवों को लिए है जिनके अंदर आत्मा निवास करती है। जिससे साफ मतलब है कि श्रीमद्भगवद्गीता का संबंध आत्मा से है ना कि किसी धर्म और शरीर से।
Geeta Jayanti 2021: जन जन तक भगवद्धगीता पहुंचाने के अभियान पर Iskcon Temple
Iskcon मंदिर में ऐसे मनाई गई गीता जयंती-
गीता जंयती के दिन भारत ही नहीं बल्की दुनियाभर में में इस्कॉन मंदिर की तरफ से कई जगहों पर विशेष गीता पाठ का आयोजन किया गया। इस्कॉन मंदिर की तरफ से आम लोगों में गीता के वितरण के साथ जन जन तक गीता के उपदेशों को पहुंचाने का कार्य जारी रहा। आज के दिन विशेष रुप से इस्कॉन मंदिर और मंदिर के जगह-जगह पर बने सेंटर में गीता पाठ के बाद प्रसाद बांटे गए।