Pulses for Diabetes: इन चार दालों को खाने से डायबिटीज को करें काबू
डायबिटीज ( Diabetes) पेशेंट्स को उनका ब्लड शुगर लेवल ( Blood Sugar Level) को कंट्रोल करना उनके लिए जरूरी है। ब्लड शुगर कंट्रोल में रखना बॉडी के लिए बहुत जरूरी होता क्योंकि ब्लड शुगर का काम-ज्यादा होना का काबू में रहना पेशेंट के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
डायबिटीज ( Diabetes) पेशेंट्स के लिए ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को कंट्रोल करना जरूरी होता है। ब्लड शुगर लेवल का कम-ज्यादा होना खतरनाक साबित हो सकता है। बता दें की डायबिटीज को ठीक करने के लिए कोई प्रोपर ट्रीटमेंट नहीं है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए खान-पान के तौर तरीके में बदलाव लाना होगा।
डॉक्टर का ऐसा मानना है कि डायबिटीज पेशेंट को अपने खाने-पीने का पूरा ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपने डाइट में ग्लोइसमिक इंडेक्स की अमाउंट कम हो कुछ वैसी चीज़े लेनी चाहिए। पेशेंट्स को न्यूट्रिएंट्स से भर पूर खाने की चीज़ों का सेवन करना चाहिए और साथ ही ध्यान रखे की उनमें कैलोरी की अमाउंट भी कम हो। इसी के साथ कॉम्प्लेक्स कार्बोनेट तो जरुर ही शामिल होना चहिए।
ब्लड सुगर लेवल को काबू में लाने के लिए दाल का सेवन सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। बाजाप में कई तरह की दाल मौजूद हैं। ऐसे में यहां जानिए डायबिटिड मरीजों के लिए फायदेमंद कौन सी दाल है।
मसूर की दाल (Lentil Pulses) –
मसूर दाल (Masoor Dal) को लोग खाने में सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। बाकी दालों से तुलना करें तो मसूर दाल सबसे ज्यादा बनाई जाती है। मसूर दाल का ग्लोइसमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। कार्बोहाइड्रेट कम मात्रा में मौजूद है। इसमें हर एक पोषक मौजूद है जो शरीर के लिए जरूरी है।
उड़द की दाल (Urad Dal) –
उड़द की दाल अलग-अलग स्वादिष्ट पकवानों को बनाने के लिए इस्तमाल की जाती है जैसे इडली और डोसा। उड़द दाल की ग्लोइसमिक इंडेक्स 43 है। उड़द की दाल में फाइबर का अमाउंट ज्यादा होता है जो की ब्लड फ्लो में कार्बोहाइड्रेट बढ़ने की स्पीड को कम कर देता है जो की डायबिटीज पेशेंट्स के लिए ठीक होता है।
मूंग की दाल (Moong Dal) –
मूंग की दाल को हरी दाल के नाम से भी जाना जाता है। इसका सेवन ज्यादातर लोग भिंगो कर करते हैं। आपको बता दे मूंग की दाल के बाहरी परख में बहुत सारे पोषक मौजूद होते है। डायबिटीज पेशेंट्स के लिए ये बहुत ही हेल्थी माना जाता है। इसका ग्लोइसमिक इंडेक्स भी सिर्फ 43 है। जिससे ब्लड शुगर लेवल आचनक नहीं बढ़ता क्योंकि ये कार्बोहाइड्रेट की स्पीड कम कर देता है।
चने की दाल (Chane Ki Dal) –
चने की दाल को लोग स्वादिष्ट वैंजनों के साथ बनाते हैं। क्योंकि ये बाकी दालों से ज्यादा टेस्टी होती है। इसका ग्लोइसमिक इंडेक्स भी बाकी की तुलना में सबसे कम है सिर्फ 8। ये काफी पोष्टिक है साथ ही आपके कोलेस्ट्रॉल को भी कम रहती है। सबसे खास बात चने की दाल में मौजूद फोलिक एसिड शरीर को नए रेड ब्लड सेल (RBC) को बनने में मदद करती है।