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योगी सरकार ने मोहर्रम की गाइडलाइंस में लिखा कुछ ऐसा, जिसे देख मौलवियों में मचा हड़कंप

यूपी पुलिस की ओर से जारी मुहर्रम की गाइडलाइंस (UP Muharram Guidelines) को लेकर शिया मौलवियों में हड़कंप मच गया है। शिया धर्मगुरु यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को आगे की रणनीति तय करने के लिए कई बैठकें करेंगे।

यूपी पुलिस की ओर से जारी मुहर्रम की गाइडलाइंस (UP Muharram Guidelines) को लेकर शिया मौलवियों में हड़कंप मच गया है। शिया धर्मगुरु यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को आगे की रणनीति तय करने के लिए कई बैठकें करेंगे। अखिल भारतीय शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार शाम को एक बैठक बुलाई थी। शिया मौलवियों का दावा है कि मुहर्रम को लेकर जारी गाइडलाइंस में यूपी पुलिस ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है।

कोरोना महामारी को देखते हुए मुहर्रम के दौरान शांति बनाए रखने के लिए पुलिस आयुक्तों और पुलिस प्रमुखों को डीजीपी कार्यालय ने एक आंतरिक आदेश पत्र जारी किया है। जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग इसे “शिया समुदाय के खिलाफ आरोप पत्र” कह रहे हैं। जिसपर मुस्लिम मौलवियों ने मांग की कि यूपी सरकार को इन दिशानिर्देशों को तुरंत वापस ले लेना चाहिए।

UP Muharram Guidelines से शांति भंग करने की है साजिश-

यूपी पुलिस ने इस पूरे आदेश को समझाने के लिए मुस्लिम धर्म गुरुओं को बुलावा दिया। जिसपर मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि जब तक यूपी पुलिस आदेश वाला दस्तावेज वापस नहीं लेती तब तक के लिए वो यूपी डीजीपी से संवाद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि “भाषा निंदनीय है। हमने मुहर्रम समितियों से पुलिस और प्रशासन द्वारा बुलाई गई बैठकों का बहिष्कार करने को कहा है।” शिया मरकजी चंद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि जिस व्यक्ति ने दस्तावेज तैयार किया था, वह जाहिर तौर पर शांति भंग करने की साजिश कर रहा है।

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मुहर्रम को बताया त्योहार तो भड़के मौलवी-

यूपी पुलिस की गाइडलाइंस (UP Muharram Guidelines) पर मौलवियों की मुख्य आपत्ति यह है कि इस सर्कुलर में मुहर्रम को बार-बार ‘त्योहार’ बताया गया है। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि “डीजीपी को पता होना चाहिए कि मुहर्रम निश्चित रूप से ‘त्योहार’ नहीं है, बल्कि शोक का समय है। दिशानिर्देश मुस्लिम समुदाय के प्रति राज्य सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाते हैं।”

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शिया सुन्नी के बीच हिंसा करवाने का प्रयास?

मौलाना यासूब अब्बास ने आगे कहा, “दिशानिर्देश कहते हैं कि ‘शिया समुदाय की ओर से तबरा पढ़ा जाता है. इसमें कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व इसे जानवरों की पीठ पर लिखते हैं और ऐसी बातें लिखकर पतंग उड़ाते हैं जो सुन्नी समुदाय के लिए आपत्तिजनक है।’ (UP Muharram Guidelines) यह शिया और सुन्नी समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।”

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