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ऑक्सीजन मुहैया करवाने के मामले में दिल्ली और केंद्र सरकार से कैसे आगे निकली मुंबई

देश इन दिनों करोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर इसकी पहली लहर से काफी घातक है। जिसके कारण देश में मेडिकल से जुड़ी कई चीजों की कमी देखा जा रही है। इनमें से सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन (oxygen cylinder) को लेकर है।

देश इन दिनों करोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर इसकी पहली लहर से काफी घातक है। जिसके कारण देश में मेडिकल से जुड़ी कई चीजों की कमी को देखा जा रहा है। इनमें से सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन (oxygen cylinder) को लेकर है। ऑक्सीजन की कमी के कारण ना जाने कितने मरीजों की अस्पतालों में जान चली गई। दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर संकट इतना बड़ा हो गया कि बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। जहां हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की तारीफ की। साथ ही मुंबई के ऑक्सीजन सप्लाई से निपटने के तरीके को अच्छा बताया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से कहा कि वह बीएमसी से इस संबंध में बात करें और आपूर्ति प्रबंधन सीखें।

ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार

न्यायमूर्ति धनंजय वाईं चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने दिल्ली में ऑक्सीजन (oxygen cylinder) की किल्लत को लेकर सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलील पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुंबई में उपचार निधि मरीजों की संख्या 92 हजार के पार होने के बावजूद शहर महज 275 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के साथ काम कर रहा है। वहां की नगरपालिका बहुत अच्छा काम कर रही है। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और प्रधान स्वास्थ्य सचिव केंद्र सरकार के अधिकारियों से कोर्ट ने कहा कि वह ऑक्सीजन आपूर्ति के मॉडल को लेकर बीएमसी के आयुक्तों से बात करें और साथ ही कहा कि अगर इतनी ज्यादा आबादी वाले शहर मुंबई में ऐसा किया जा सकता है। तो ऐसा दिल्ली में भी किया जा सकता है। जिससे यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी ना हो।

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सुप्रीम कोर्ट ने क्यों की मुंबई की तारीफ

ऑक्सीजन नीति को लेकर बीएमसी के सुरेश काकाणी ने बताया कि उन्होने कोरोना की पहली लहर में अंदाजा लगा लिया था कि ऑक्सीजन सप्लाई का मसला बड़ा रहेगा। ऐसे में उन्होने तभी से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। बीएमसी ने सबसे पहले जाना कि सिलेंडर के इस्तेमाल से ऑक्सीजन की वेस्टेज बढ़ती है। ऐसे में उन्होंने मुंबई के बड़े कोविड केयर सेंटर्स पर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम को बदला और सिलेंडर (oxygen cylinder) बेस्ड सिस्टम को पाइप बेस्ड सिस्टम बना दिया। ये सारा काम जनवरी 2021 में ही पूरा कर लिया गया। जिससे मुंबई में ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई।

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